जग को नहीं, स्वयं को जानो, तभी होगा कल्याण
समर्पण में कोई समझौता नहीं होता, त्याग में ही
सुख भक्तामर स्रोत अनुष्ठान में भक्ति की धारा
Agra, Uttar Pradesh, India. जैन मुनि डा.मणिभद्र महाराज ने कहा है कि किसी भी मत, संप्रदाय, धर्म में चले जाओ, जब तक स्वयं को नहीं जानोगे, आत्मावलोकन नहीं करोगे, तब तक कल्याण संभव नहीं है। खुद को जान लिया तो समझिए कि हमने संसार को जान लिया।
राजामंडी के स्थानक में हो रहे भक्तामर स्रोत अनुष्ठान में प्रवचन करते हुए जैन मुनि ने कहा कि समर्पण में केवल देना ही होता है, उसमें बदले की भावना नहीं होती। आचार्य मांगतुंग ने भगवान आदिनाथ का पूजन, आराधना करने के बाद कुछ भी नहीं मांगा, वह केवल समर्पित रह कर उनकी उपासना करते रहे, उनका गुणगान किया। समर्पण में श्रद्धा, भक्ति होगी, वही सफल होगा।
जैन मुनि ने कहा कि हम मंदिरों में जाकर भगवान को ढूंढते हैं,लेकिन अपने मन को नहीं खंगालते । हर मन मंदिर में भगवान मिल जाएंगे। यदि मन में कषाय भरा होगा तो भगवान भी नहीं रहेंगे। इसलिए अपने मन को पवित्रता करो। पवित्र मन में ही भगवान का वास होता है। उन्होंने कहा कि हमारा सौभाग्य है कि हमने जैन परिवार में जन्म लिया है और बचपन से ही णमोकार मंत्र सुनने और जाप करने को मिलता है। संतों के प्रवचन सुनते हैं। इसलिए मन को पवित्र करो और ईश्वर की परम आराधना करो।
भगवान से कुछ मांगने वालों की चर्चा करते हुए जैन मुनि ने कहा कि मंदिर के पास दो तरह के भिखारी होते हैं, एक तो बाहर बैठे रहते हैं, जो श्रावकों से 5-10 रुपये मांगते हैं। दूसरे वे भिखारी होते हैं, जो भगवान के सामने खड़े होकर 10-5 लाख रुपए मांगते हैं। यानि हम सब भिखारी हैं, एसा नहीं होना चाहिए। हमें केवल प्रभु के प्रति श्रद्धा भक्ति करनी चाहिए। उनके प्रति समर्पित रहना चाहिए। तभी जीवन सार्थक होगा, प्रभु कल्याण करेंगे।
नेपाल केसरी ,मानव मिलन संस्थापक डॉक्टर मणिभद्र मुनि,बाल संस्कारक पुनीत मुनि जी एवं स्वाध्याय प्रेमी विराग मुनि के पावन सान्निध्य में 37 दिवसीय श्री भक्तामर स्तोत्र की संपुट महासाधना में गुरुवार को अठाहरवी गाथा का लाभ कुसुम महावीर प्रसाद जैन,अमित मोनिका जैन परिवार सोनीपत ने लिया। नवकार मंत्र जाप की आशा मुनमुन सकलेचा परिवार ने की।
धर्म प्रभावना के अंतर्गत नीतू जैन, दयालबाग की 31 उपवास की अनुमोदना एवम सम्मान ट्रस्ट के पदाधिकारियों ,जैन नवयुवक मंडल,महिला मंडल ,जैन स्तुति मंडल सहित बाहर से पधारे अतिथियों ने भी किया।मधु जी बुरड़ की 23 आयंबिल एवम बालकिशन जैन, लोहामंडी की 31आयम्बिल के बाद 4 एकासने की तपस्या निरंतर जारी है।
गुरुवार की धर्मसभा में नासिक एवम नागपुर महाराष्ट्र से 170 श्रद्धालुओं का एक विशाल दल गुरुदेव के दर्शनों के लिए आगरा आया साथ ही नेपाल एवम सोनीपत से भी भक्तजन आगरा पधारे। कार्यक्रम का संचालन सचिव राजेश सकलेचा ने किया।श्वेतांबर स्थानकवासी जैन ट्रस्ट के अध्यक्ष अशोक जैन ओसवाल,नरेश चपलावत,मुकेश जैन,विवेक कुमार जैन,संजय जैन,सुलेखा सुराना, लवीना जैन,प्रीति सुराना ,अशोक जैन गुल्लू आदि गणमान्य लोग कार्यक्रम में उपस्थित थे।
जैन मुनि डॉक्टर मणिभद्र महाराज ने महावीर भवन जैन स्थानक में भक्तामर स्तोत्र संपुट महासाधना के दौरान अभिमंत्रित स्वास्तिक वस्त्र एवम रुद्राक्ष माला लाभार्थी कुसुम महावीर प्रसाद जैन अमित मोनिका जैन सोनीपत को प्रदान की।
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