किसान आंदोलनः कढ़ाके की सर्दी भी नहीं रोक पा रही किसानों के जोश को

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Mathura (Uttar Pradesh, India) मथुरा मौसम का गिरता तापमान और किसान आंदोलन की उठती तपिश उलट चाल चल रही हैं। तीन डिग्री तक जा पहुंचा न्यूनतम तापमान भी किसान आंदोलनकारियों के कदम को नहीं रोक सका है। रविवार को बडी संख्या में मथुरा से किसान पलवल बार्डर के लिए रवाना हो गये।

दो दर्जन गाड़ियों में सैकड़ों किसानों का काफिला पलवल हरियाणा के लिए रवाना हुआ

केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि अध्यादेशों के खिलाफ किसान आंदोलन कर रहे हैं। राजधानी दिल्ली को जाने वाले सभी हाइवे किसानों द्वारा कब्जा किये जा चुके हैं। रविवार सुबह भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष मथुरा राजकुमार तौमर के नेतृत्व में दो दर्जन गाड़ियों में सैकड़ों किसानों का काफिला पलवल हरियाणा के लिए रवाना हुआ। कृषि बिल को लेकर किसान पिछले 25 दिन से आंदोलन कर रहे हैं। किसानों की प्रमुख मांग हैं सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बने और तीन कृषि अध्यादेश वापस लिए जांए। इस दौरान भाकियू टिकैत के जिलाध्यक्ष मथुरा राजकुमार तौमर ने बताया कि केंद्र सरकार जब तक एमएसपी पर कानून नही बनाती और तीनों कृषि अध्यादेशो को वापस नही करती हमारा आंदोलन यूही अनवरत चलता रहेगा। हम आज सैकड़ो की संख्या में कार्यकर्ताओ के साथ पलवल के लिए जा रहे हैं। काफिले में जिला अध्यक्ष के साथ मीडिया प्रभारी शिवकुमार तौमर, संगठन मंत्री अमित चौधरी, महानगर अध्यक्ष पवन चतुर्वेदी, वृंदावन अध्यक्ष चंद्रपाल सिकरवार, जिला उपाध्यक्ष चेतन नौहवार, खुशी पहलवान, करुआ सिंह, प्रदेश प्रचार मंत्री अंशु नौहवार, जिलाउपाध्यक्ष लेखराज पहलवान, नगर अध्यक्ष वृंदावन मुहम्मद अब्बास, अवधेश रावत, छोटू हलवाई, मुकेश रावत, प्रताप सिंह नेताजी, सोनू प्रधान, जितेंद्र तौमर, रतन बाबा, मनीराम सिंह, आदि सैकड़ो कार्यकर्ताओ ने पलवल किसान आंदोलन के लिए कूच किया।

किसान सभा ने आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों को बताया शहीद, दी श्रद्धांजलि

मथुरा। किसान सभा के कार्यालय पर किसान सभा के जिला कार्यालय पर शोक सभा का आयोजन किया गया। इस दौरान किसान आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों को शहीद का दर्जा देते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।
किसान सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष छीतर सिंह ने कहाकि सरकार द्वारा बनाये गये तीन कृषि कानून देश के इतिहास में काले कानून के रूप में दर्ज हो चुके हैं। उन्होंने कहाकि जब तक सरकार इन कानूनों को वापस नहीं लेती है देश का किसान चुप नहीं बैठेगा। वर्तमान केंद्र सरकार हिटलरशाही पर उतर आई है। इस सरकार और पार्टी का भविष्य यह आंदोलन तय करेगा। सरकार जितना किसान आंदोलन को कुचलेगी किसान उतनी ही ज्यादा संख्या में सडकों पर उतरेगा। अब तक तीस से अधिक किसान कडाके की ठंड में और पंजाब की लाठी से शहीद हुए हैं उनके लिए शोक सभा मथुरा में रखी गई है। हमारे साथ किसान महासभा के अलावा अन्य संगठनों के साथी भी प्रतिनिधि भी शामिल हैं। हम आज शपथ लेते हैं कि शहीद भगत सिंह की सरजमी पर शपथ लेगे कि पूंजी के बल पर लोकतंत्र को नहीं लुटने दिया जाएगा।

चार सौ से ज्यादा संगठन कानूनों के विरोध में सक्रिय है, मांग हैं कि कानूनों को वापस लिया जाये

जिला महामंत्री रामवीर सिंह ने कहाकि शहीद किसानों को श्रद्धांजलि देने के लिए हम जुटे हैं।, बार एसोसिएशन के पूर्व उपाध्यक्ष नशीर शाह ने कहाकि चार सौ से ज्यादा संगठन इन कानूनों के विरोध में सक्रिय है। हम भी मांग करते हैं कि इन कानूनों को वापस लिया जाये। बार एसोसिएशन के पूर्व सचिव राजकुमार उपाध्याय ने कहाकि आंदोलन में हमारे एमएससी टापर किसान सुखबीर सिंह शहीद हो गये हैं। ऐसे खुले आसमान के नीचे दिसम्बर की सर्दी में किसान डटे हैं। सरकार ने जो काले कानून बनाये हैं उनके खिलाफ आंदोलन जारी रहेगा। पूरे देश के किसानों में आक्रोश है। जब तक काले कानून वापस नहीं हो जाते यह आंदोलन चलता रहेगा।

किसान आंदोलन के समर्थन में सपाईयों ने रखा मौन व्रत, पहले ही पुलिस ने किया गिरफ्तार
मथुरा। राष्ट्रीय नेतृत्व के आह्वान पर सपाईयों ने किसान आंदोलन के समर्थन में रविवार को मौन व्रत रखा। पुलिस ने उन्हें धरना स्थल पर पहुंचने से पहले ही गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद शाम को एक एक लाख रूपये के निजी मुचलके पर रिहा कर दिया गया। जिलाध्यक्ष लोकमणिकांत जादौन की अध्यक्षता में एवं जिला अध्यक्ष लोहिया वाहिनी लोकेश चौधरी के नेतृत्व में बरसाना के कटारा पार्क में समाजवादियों का किसान आंदोलन के समर्थन में काली पट्टी बांधकर मौन व्रत धरना आयोजित करने का कार्यक्रम तय हुआ था। जिसे थाना प्रभारी बरसाना ने पुलिस बल के साथ यथा स्थान नहीं होने दिया और बरसाने के प्रवेश द्वार पर ही सभी समाजवादियों को गिरफ्तार कर बृजेश्वरी कन्या पाठशाला बरसाना में ले जाया गया। यहां पर सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया।

अधिवक्ता सभा ने गिरफ्तार समाजवादियों की जमानत कराई
समाजवादी अधिवक्ता सभा के जिला अध्यक्ष गौरव किशनपुरिया एडवोकेट, भूपेंद्र सिंह (सोनू) ठाकुर एडवोकेट, जिला उपाध्यक्ष अधिवक्ता सभा ने अपने अधिवक्ता साथियों के साथ मिलकर गिरफ्तार समाजवादियों की एक -एक लाख रूपये के व्यक्तिगत बंद पत्र पर जमानत कराई। लोकमणिकांत जादौन, लोकेश चौधरी, गगन रावत, साधना शर्मा, रामबाबू पंडा, उमाशंकर पंडित, दलबीर सिंह जादौन, लखन गुर्जर, रानी ठाकुर, शाइस्ता बेगम, सीमा करण, श्रीमती बैजंती, श्री बीके चौधरी, श्री अंकित यादव, श्री सत्यवीर चौधरी, श्री रमजान खान, श्री महेंद्र सिंह, चांद मोहम्मद, राधे श्याम, चेतराम,  दामोदर सिंह, मोहम्मद इसराइल, धनन्जय चौधरी, सत्यवान चौधरी, भरत सिंह, विजेंद्र चौधरी, आसींन खान, दीपचंद, मनोज कुमार, प्रह्लाद चौधरी, लखन मुखिया, भूरा सिंह, कन्हैया, विजेंद्र, रघुवीर यादव, जीतू सिंह, नरेश सिंह, सचिन, दीनदयाल, मुकुंद शर्मा, विशाल कर्दम, महेश आदि कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया। सनी खान, लाल बहादुर शास्त्री, विशंभर गोस्वामी, राहुल यादव, राज यादव, अनूप यादव, गोविंद राम, नीतू यादव, विशाल पंडित, राजू यादव, यशपाल सिंह,  कमल सिंह, हरेंद्र सिंह, शेर सिंह, कमल पटवारी, जितेंद्र सिंह, निरंजन ठाकुर, गिरिराज सिंह, दिलीप जादौन सहित आदि कार्यकर्ता इस दौरान बडी संख्या में मौजूद रहे।

पुलिस ने हमें मौन होकर भी धरना नहीं करने दिया, यह लोकतंत्र की हत्या है
जिला अध्यक्ष श्री लोकमणिकांत जादौन ने कहा कि हम किसान आंदोलन के समर्थन में काली पट्टी बांधकर मौन धरना करने के लिए यहां एकत्र हुए थे परंतु निरंकुश योगी पुलिस ने हमें मौन होकर भी धरना नहीं करने दिया। पुलिस के अधिकारी कह रहे हैं कि हमें ऊपर से आदेश नहीं है। हम आपको आपकी बात नहीं कहने दे सकते, यह लोकतंत्र की सरेआम हत्या है।

समाजवादियों ने बरसाने के मुख्य द्वार में प्रवेश किया, पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया
हम समाजवादी लोग ना तो पुलिस की लाठी से डरते हैं और ना ही भाजपा सरकार के द्वारा लगाए गए फर्जी मुकदमों से हम किसानों के समर्थन में लगातार अपना आंदोलन जारी रखेंगे। जिला अध्यक्ष लोहिया वाहिनी लोकेश चौधरी ने कहा कि पुलिस प्रशासन ने हमारे साथ धोखा किया है। हमें आश्वासन दिया था कि यदि आप मौन धरना करेंगे तो हम आपको धरना करने से नहीं रोकेंगे और जैसे ही समाजवादियों ने बरसाने के मुख्य द्वार में प्रवेश किया वैसे ही पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और समाजवादियों को धरना स्थल कटारा पार्क तक भी नहीं जाने दिया। यह लोकतंत्र की हत्या है, हमें हमारी बात नहीं कहने दी जा रही है।

Dr. Bhanu Pratap Singh