इको टूरिज्म: योगी सरकार का फैसला, 13 शहरों में बनेंगे 26 सिटी फॉरेस्ट

इको टूरिज्म: योगी सरकार का फैसला, 13 शहरों में बनेंगे 26 सिटी फॉरेस्ट

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लखनऊ। योगी आदित्‍यनाथ सरकार ने वाराणसी, गोरखपुर और कानपुर सहित 13 शहरों में 26 नगर वन क्षेत्र (सिटी फॉरेस्ट) विकसित करेगी, इसके लिए सरकार ने अगले छह महीने में अमलीजामा पहनाने का लक्ष्य भी निर्धारित किया है।

मुख्यमंत्री कार्यालय के आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को बताया कि राज्य का हरित क्षेत्र बढ़ाने के लिए शुरू की गई इस पहल के दायरे में जिन 13 शहरों को चिन्हित किया गया है, उनमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का विधानसभा क्षेत्र गोरखपुर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के अलावा आगरा, फिरोजाबाद, झांसी, कानपुर नगर, कानपुर देहात, औरैया, हरदोई, हाथरस, इटावा, हरदोई, रायबरेली, मुरादाबाद और अमरोहा शामिल हैं।

सरकार की इसके पीछे मंशा है कि इन वनों के विकसित होने पर पर्यटकों को नेचुरल पिकनिक स्पॉट का एक विकल्प मिलेगा। साथ ही मुख्यमंत्री की मंशा के अनुसार इको टूरिज्म के दायरे का भी विस्तार होगा। स्थानीय स्तर पर रोजी-रोटी के अवसर मिलना इस अभिनव योजना का बोनस होगा। हर सिटी फॉरेस्ट के लिए केंद्र की ओर से निधारित 2 करोड़ रुपये की धनराशि में से 1.40 करोड़ रुपये की धनराशि राज्य सरकार को जारी कर दी गई है। जल्द ही यह धनराशि संबंधित जिलों को काम शुरू कराने के लिए उपलब्ध करा दी जाएगी। उम्मीद है कि विश्व पर्यावरण दिवस (5 जून) पर इस बाबत पौधरोपण की शुरुआत भी हो जाएगी।

ये वन क्षेत्र बाउंड्री या बाड़ से घिरे होंगे। इनमें स्मृति वन, आरोग्य वाटिका, नक्षत्र वाटिका और हरिशंकरी वाटिका बनाई जाएगी। जैव-विविधता के लिए इसमें सभी प्रकार की सजावटी, झाड़ियां, बेलदार, औषधीय पौधे, फूल और फलों के पौधे लगाए जाएंगे।

यहां एडवेंचर स्पोर्ट्स, साइकिल ट्रेक, पाथवेज, ओपेन जिम, जॉगर्स पार्क, बेंच समेत जनसुविधाएं भी विकसित की जाएंगी। मालूम हो कि पर्यावरण संरक्षण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकताओं में से एक है। अपने पहले कार्यकाल से ही उनका जोर प्रदेश में हरियाली का रकबा बढ़ाने का रहा है।

अधिक से अधिक लोग इस अभियान से जुड़ें इसके लिए मुख्यमंत्री की पहल पर गंगा के किनारे गंगा वन, नक्षत्र वाटिका, गृह वाटिका, राम वनगमन मार्ग पर उस समय के पौधों का पौधारोपण, विरासत वृक्षों का संरक्षण एवं संवर्धन, ब्रज क्षेत्र में द्वापर युग मे जितने तरह के वनों का जिक्र है उनको केंद्र में रखकर पौधारोपण, अपने पूर्वजों के नाम पर पौधारोपण जैसी योजनाएं शुरू की गईं। इनका नतीजा भी निकला।

Dr. Bhanu Pratap Singh