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डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. आशु रानी का SPJIM में MBA के पुरातन विद्यार्थियों के साथ Happiest Sunday, जानिए कैसे, देखें वीडियो और तस्वीरें

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कुलपति ने कहा- हमेशा बच्चा बने रहें, संस्थान के बेहतरी के लिए फीडबैक दें

निदेशक प्रो. बृजेश रावत ने कहा- 36 साल की सेवा में आज का दिन यादगार

क्लास में देर से आना, फिर नए-नए बहाने बनाना, इन बहानों पर किसी छात्र द्वारा चुटकी लेना, उसकी बात को झुठलाना.. टूर पर ले जाने के दौरान रास्ते में शैतानियां करना, सब याद आ गया

डॉ. भानु प्रताप सिंह
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Agra, Uttar Pradesh, India.  डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय (आगरा यूनिवर्सिटी) की कुलपति प्रो. आशु रानी को आगरा में नौ माह हो गए हैं। इस अवधि में पहली बार उनका Happiest Sunday 2 जुलाई, 2023 को रहा। अवसर था विश्वविद्यालय के खंदारी परिसर स्थित सेठ पदमचंद जैन प्रबंधन प्रबंध संस्थान (Seth Padam Chand Jain Institute of Management) में MBA के पुरातन छात्रों का मिलन (Alumni Meet 2023)। उद्देश्य भी रोचक था- Rewind, Relive, Refresh. Thy Memories Again. यह मिलन इतना रोचक था कि कुलपति पूरे समय उपस्थित रहीं। संबोधन के दौरान कुलपति और निदेशक प्रो. बृजेश रावत भावुक हो गए।

‘Alumini Meet 2023’ में पुरातन छात्रों ने अपनी शैतानियां ताजा कीं। शिक्षकों की डांट के किस्से सुनाए। क्लास में देर से आना, फिर नए-नए बहाने बनाना, इन बहानों पर किसी छात्र द्वारा चुटकी लेना, उसकी बात को झुठलाना.. टूर पर ले जाने के दौरान रास्ते में शैतानियां करना, सब याद आ गया। प्रबंधन सीखने से क्या लाभ हुए, यह बताया। सभी ने निदेशक प्रो. बृजेश रावत, डॉ. अतुल माथुर, डॉ. स्वाति माथुर, डॉ. रुचिरा प्रसार, डॉ. योगेन्द्र कुमार, आलोक सर, नीरज सर को पूरे सम्मान के साथ स्मरण किया। उनके मार्गदर्शन को सराया।

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डिजिटल संपादक डॉ. भानु प्रताप सिंह संबोधित करते हुए।

वरिष्ठ पत्रकार-संपादक डॉ. भानु प्रताप सिंह ने कहा कि किस तरह से शिक्षकों के सहयोग से एमबीए किया। यह भी बताया कि प्रथम सत्र में हिंदी में उत्तर लिखने पर शून्य मिला। पीएचडी हिंदी माध्यम से ही की। इसके लिए संघर्ष करना पड़ा। प्रबंधन विषय में हिंदी माध्यम से की गई विश्व की प्रथम पीएचडी है।

पुरातन छात्रों का प्रवेश द्वारा पर तिलक लगाकर और गुलाब का पुष्प भेंटकर स्वागत किया गया। यहां निदेशक डॉ. बृजेश रावत, डॉ. रुचिरा प्रसाद, डॉ. स्वाति माथुर, पूजा सक्सेना आदि स्वागतार्थ सन्नद्ध रहे। संस्थान के वातानुकूलित सभागार में सबसे पहले विद्यार्थियों को गेम खिलाए गए। फिल्म का नाम दिया गया, जिसे एक्टिंग करके बताना था। थोड़ी कठिनाई के बाद सबने नाम बता ही दिए। सबसे रोचक खेल रहा गुब्बारा फुलाकर और पिचाकाकर गिलास एकत्रित करना। सभी छात्रों ने इन खेलों का खूब आनंद लिया। हर कोई प्रफुल्लित नजर आ रहा था।

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कार्यक्रम का उद्घाटन करतीं कुलपति प्रो. आशु रानी, निदेशक प्रो. बृजेश रावत, डॉ, रुचिरा प्रसाद, डॉ. डीवी शर्मा, डॉ. अलका सेन।

ऐसा दृश्य भी उपस्थित हुआ कि एक पुरातन छात्रा आई तो उसे देख अन्य ने अपने पास आने का इशारा किया। इस  पर छात्रा ने आँख इस तरह से झपकाई कि हर कोई ठहाके लगाने लगा। पुरातन छात्र इस समय तमाम कंपनियों में उच्च पदों पर कार्यरत हैं। कुछ ने अपने कंपनी शुरू की है और तमाम लोगों को रोजगार प्रदान कर रहे हैं। एलुमनी मीट में सब छात्र नजर आए। कई पुरातन छात्रों ने डॉ. रुचिरा प्रसाद को फोन किया कि कोई ड्रेस कोड तो नहीं है। ऐसा न हो कि फिर से टाई लगाकर आना पड़े। कुछ ने तो एमबीए इसलिए किया ताकि प्रबंधन सीख सकें। यह भी कहा कि छात्र रहते हुए यहीं पर पग घुंघरू बांध मीरा नाची थी.. गाने पर नृत्य प्रस्तुत किया था।

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कुलपति प्रो. आशुरानी और संस्थान के शिक्षकों संग पुरातन छात्रों का समूह फोटो।

कुलपति प्रो. आशु रानी का आगमन हुआ तो सबने खड़े होकर अभिवादन किया। डॉ. अलका सेन ने कुलपति का स्वागत पुष्पगुच्छ देकर किया। फिर कुलपति, संस्थान के निदेशक निदेशक, डॉ. डीवी शर्मा, डॉ. अलका सेन, रुचिरा प्रसाद ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

मैकिंजी में एक्सपर्ट कंसल्टेंट वतन सक्सेना ने कहा कि अपनी पर्सनैलिटी डेवलपमेंट पढ़ाई जरूरी है जो कि हमें अपनी पढ़ाई के समय प्राप्त हुयी थी।

फैबुलस क्रिएशंस की स्वामी तन्वी अग्रवाल ने कॉलेज के दिनों को याद करते हुए कहा कि आज वो जो कुछ भी है इस कॉलेज के दिए हुए संस्कारों की वजह से है।

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एक और ग्रुप फोटो

गौरव माथुर ब्रांच मैनेजर येस बैंक ने संस्थान के वर्तमान छात्रों को बताया कि कॉर्पोरेट वर्ल्ड में आने के लिए अपने कम्युनिकेशन स्किल्स पर काम करना चाहिए।

चार्टर्ड अकाउंटेंट अंकित शर्मा का मानना है कि पनी फर्म को सफलतापूर्वक चलाने के लिए मैनेजमेंट स्किल्स उन्हें MBA प्रोग्राम ने ही सिखाया।

तेजिंदरजीत सिंह (रेस्टोरेन्ट संचालक) ने अपनी सफलता का श्रेय संस्थान के टीचर्स को दिया।

गौरव मेंहदीरत्ता (stalwarts foods) ने कहा कि आज जो वो कुछ भी है तो वो कॉलेज से ही सीखा है।

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प्रियंका, अंशी एवम शिवानी ने शानदार नृत्य प्रस्तुत दी।

आगरा के विख्यात हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. डी वी शर्मा ने कहा कि इस संस्थान से एमबीए कोर्स करने के बाद प्रबंधन तकनीक, फाइनेंस स्किल्स और डेलिगेशन ऑफ पावर जैसे गुण सीखे हैं। उन्होंने कई शेर सुनाए।

पीयूष प्रभाकर ने कहा Corporate World के पास आपको सिखाने के लिए बहुत कुछ है लेकिन जो कुछ आप यहाँ सीखेगें वही आपको Corporate World में सफल बनायेगा।

हरेन्द्र पाल सिंह (owners creation & coating) ने कहा कि  कालेज में गूंज कार्यक्रम का आयोजन करके कम पैसे में काम करने को तकनीक सीखी। कई साल Asian paint रहे हैं। अंकित शर्मा, अंशी यादव, सोमेश आदि ने भी अपने अनुभव बताए। एमबीए करने के लाभ भी गिनाए।

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कुलपति प्रो. आशु रानी की संबोधन हमेशा स्मरण रहेगा।

कुलपति प्रो. आशु रानी ने पुरातन एमबीए छात्रों को सफलता के शिखर पर देखकर प्रफुल्लित हो गईं। वे अपने संबोधन में भावुक हो गईं। एक छात्र ने अभी तक डिग्री न मिलने की बात कही तो उन्होंने कहा कि संस्थान के स्तर पर इस तरह की व्यवस्था की जाए कि छात्र ऑनलाइन आवेदन करके डिग्री प्राप्त कर सकें। उन्होंने कहा कि वे जब से आई हैं, तभी से एलुमनाई मीट की बात कर रही हैं। खुशी है कि सेठ पदमचंद जैन प्रबंध संस्थान ने इस मामले में पहल की है। आगरा में मेरे नौ माह के कार्यकाल का हैपिएस्ट संडे है।

उन्होंने कहा कि संस्थान के लिए यह गौरव की बात है कि पिता के बाद बेटे न भी यहीं से एमबीए किया है। खुशी है कि हमारे छात्र पूरे देश और विदेश में फैले हुए हैं। आज प्रत्येक छात्र बच्चा है और आशा है हमेशा बच्चा बना रहेंगे। हमें अपने छात्रों पर फख्र है। जब बच्चे घर से बाहर निकल जाते हैं तो घर वाले फख्र से बताते हैं कि हमारा बच्चा क्या कर रहा है। उसी तरह की खुशी शिक्षकों को होती है। आप हमेशा संस्थान से संबद्ध रहें। आप हमें सुझाव दें कि क्या करें। फीडबैक देते रहें। छात्र भी सिस्टम बनाने में मदद करें। कुलपति ने निर्देश दिया कि पुरातन छात्र परिषद बनाई जाए, जिसमें सभी को शामिल किया जाए। हर वर्ष इस तरह का आयोजन हो। पुरातन छात्रों का हर स्तर पर सहयोग लिया जाए।

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अग्रिम पंक्ति में उपस्थित महानुभाव

कुलपति प्रो. आशु रानी ने कहा कि संस्थान के नोटिस बोर्ड पर सभी पुरातन छात्रों के नाम, फाटों व उनके पद का उल्लेख होना चाहिये। सभी पुरातन छात्रों का विवरण रहना चाहिये। इसके अतिरिक्त पुरातन छात्रों को जोड़ने के लिये ऑनलाइन ग्रुप होना चाहिये जिसमें उनका समस्त विवरण दर्ज हो। विश्वविद्यालय का पुराना गौरव लाने के लिये आपका फीडबैक, पाठ्यक्रम संरचना के लिये सुझाव, अवस्थापन सुविधाओं पर अपनी सोच अवश्य प्रदान करें। उन्होनें कहा कि निकट भविष्य में नैक मूल्यांकन प्रस्तावित है उसमें भी आपकी महत्वपूर्ण भूमिका होगी।

कार्यक्रम समन्वयक डॉ. रुचिरा प्रसाद ने अंग्रेजी में संबोधन दिया। उन्होंने आश्वस्त किया कि आगे भी इसी तरह के आयोजन होते रहेंगे। डॉ. स्वाति माथुर ने हिंदी और अंग्रेजी में संबोधित देकर मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने निदेशक डॉ. बृजेश रावत को खूब सराहा। कहा कि छात्रों की पुरानी बातें याद आ गई।

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सेठ पदमचंद जैन प्रबंध संस्थान के निदेशक प्रो. बृजेश रावत।

संस्थान के निदेशक प्रो. बृजेश रावत ने कहा कि मैं कुछ नहीं करता हूँ, हमारे शिक्षक और छात्र करते हैं। मेरे पास शब्द नहीं हैं कहने के लिए। उन्होंने कहा कि सभी का सहयोग लेंगे लेकिन नकदी के रूप में नहीं होगा। वे इस बात पर भावुक हो गए कि एक सूचना पर इतनी बड़ी संख्या में पुरातन छात्र आए। उन्होंने बताया कि इस बार केवल आगरा में रहने वाले पुरातन छात्र बुलाए गए थे। यह संस्थान आपका, आपके लिए और आपसे है। आपके सहयोग और अनुभव की संस्थान को जरूरत है। हमारे बहुत से बच्चे विदेश में हैं। हम सब मिलकर संस्थान को आगे ले जाने का प्रयास करेंगे। आगे भी आते रहें, हम सब मिलते रहें। विश्वविद्यालय में मेरी सेवा का 36वां साल चल रहा है। आज का दिन मेरे लिए यादगार है।

कृष्ण प्रताप सिंह, सुरभि पुरवार, चंद्रवीर, अंजली शर्मा, मनीष वशिष्ठ, डॉ. तेजिंदर पाल सिंह, शिविर जैन, प्रियंका दुबे, गौरव मेहदीरत्ता, दिवाकर विक्रम सिंह, आदित्य गर्ग, प्रीति सिंह, शिवांगी गोयल, दया शंकर शर्मा, निधि, हरेन्द्र पाल सिंह, डॉ. भानु प्रताप सिंह, पीयूष प्रभाकर, वतन सक्सेना, अंशिका सिंह, भारत अंकित सिंह, सुमित प्रसाद, मोना सिंह, रजत प्रताप सिंह, पायल, दीपक चौहान, गौरव बंसल, एके जैन, मयंक मित्तल, मोहित, डॉ. पायल गर्ग, आशीष दाधीच, आयुष, स्वत्रंत कुमार, संघर्ष राठौर, आफरीन खान, आदित्य गौड, जयकान्त पाराशर, अभिषेक जैन, अपर्णा शर्मा आदि ने सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित की।

वाईके के नाम से प्रसिद्ध शिक्षक योगेन्द्र कुमार शर्मा, डॉ. सीमा सिंह, डॉ. श्वेता चौधरी आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन पुलकित अरोड़ा ने किया। अंशी गहलौत ने एकल प्रस्तुति घर मोरे परदेसिया, प्रियंका, अंशी एवम शिवानी ने “मधुबन में कन्हैया” तथा प्रियंका ने “रंगीलो मारो ढोलना’ पर नृत्य प्रस्तुतियां दी। कार्यक्रम की व्यवस्थायें अजय सारस्वत, कनिका, मुकुल, निधि, तुषार, अभिजीत, सिमरप्रीत, दीपांशु, दृष्टि, रश्मि आदि ने संभालीं। पुलकित अरोरा शानदार ने संचालन किया।

 

Dr. Bhanu Pratap Singh