अयोध्या राम मंदिर के लिए ऐसे करें दान, इनकम टैक्स में मिलेगा फायदा

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राम मंदिर के निर्माण की देखरेख करने वाली ऑथराइज्ड बॉडी श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट है इसल‍िए यद‍ि आप राम मंदिर के लिए धन दान करना चाहते हैं तो  श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की वेबसाइट पर जायें. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की वेबसाइट के अनुसार कोई व्यक्ति जो श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को अयोध्या राम मंदिर के पुनर्निर्माण/मरम्मत के लिए धन दान करना चाहता है, वह विभिन्न तरीकों पेमेंट गेटवे, यूपीआई/क्यूआर कोड/एनईएफटी/आईएमपीएस/डिमांड ड्राफ्ट/चेक से दान कर सकता है. खास बात तो ये है कि अयोध्या राम मंदिर ट्रस्ट को धन दान करने के लिए किसी भी प्रकार का कोई चार्ज या फीस नहीं वसूली जाएगी.

पेमेंट पूरा होने के बाद दान रसीद तुरंत जारी की जाएगी

यदि कोई व्यक्ति धन दान करने के लिए पेमेंट गेटवे का यूज कर रहा है तो पेमेंट पूरा होने के बाद दान रसीद तुरंत जारी की जाएगी. अगर कोई दूसरे तरीकों जैसे यूपीआई/क्यूआर कोड/एनईएफटी/आईएमपीएस/डिमांड ड्राफ्ट/चेक में दान कर रहा है तो उसकी रसीद अयोध्या राम मंदिर ट्रस्ट द्वारा डिटेल के वेरिफिकेश के बाद जारी की जाएगी. इसलिए, दान रसीद डाउनलोड करने के लिए 15 दिनों के बाद वेबसाइट चेक की जा सकती है. अयोध्या राम मंदिर के दान हेल्पलाइन एजेंट के अनुसार, इंस्टैंट डोनेशन रिसिप्ट केवल तभी जारी की जाएगी जिसने पेमेंट गेटवे का यूज किया है. बाकी तरीकों का यूज करने वालों को रिसिप्ट वेरिफिकेशन के बाद जारी होगी और वेबसाइट पर अपलोड की जाएगी.

इनकम टैक्स में मिलेगा फायदा

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की वेबसाइट के अनुसार केंद्र सरकार ने वर्ष वित्तीय वर्ष 2020-2021 से “श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र” (पैन: AAZTS6197B) को ऐतिहासिक महत्व का स्थान और प्रसिद्ध सार्वजनिक पूजा स्थल के रूप में नोटिफाई किया है. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र में मंदिर के पुन:निर्माण/मरम्मत के लिए जितना भी दान दिया जाएगा उसका 50 फीसदी धारा 80 जी (2) (बी) के तहत डिडक्शन के लिए पात्र होगा, जो धारा 80 जी के आयकर अधिनियम, 1961 के तहत आने वाली शर्तों के अधीन होगा. 2000 रुपए से अधिक के कैश डोनेशन पर टैक्स डिडक्शन की अनुमति नहीं है.

अयोध्या राम मंदिर ट्रस्ट को दान ऐसे करें 

पेमेंट गेटवे का यूज कर ऐसे करें दान 

सबसे पहले https://online.srjbtkshetra.org/#/login पर जाएं

‘डोनेशन’ टैब में जाकर ‘डोनेट’ पर क्लिक करें. अब अपने मोबाइल नंबर का यूज कर लॉगिन करें और प्राप्त ओटीपी दर्ज करके इसे ऑथेंटिकेट करें.

एक नया वेबपेज खुलेगा जहां पैन, दान का उद्देश्य, दान राशि, पता, पिन कोड आदि जैसे कई डिटेल भरने को कहा जाएगा. डिटेल भरने के बाद ‘डोनेट’ पर क्लिक करें. आपको पेमेंट गेटवे पर दोबारा रीडायरेक्ट किया जाएगा. जहां भुगतान करने के लिए यूपीआई, डेबिट कार्ड, नेट बैंकिंग, क्रेडिट कार्ड का उपयोग किया जा सकता है. एक बार भुगतान सफल हो जाने पर, दान रसीद तुरंत जारी कर दी जाएगी.

यूपीआई/क्यूआर कोड/चेक/डिमांड ड्राफ्ट/आईएमपीएस/एनईएफटी का यूज कर पेमेंट करें

https://srjbtkshetra.org/donation-options/ पर जाएं. मंदिर ट्रस्ट के कुल 3 बैंक अकाउंट हैं- भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी). दान करने के लिए उनमें से किसी एक का उपयोग करें. अगर आप इस तरीके का इस्तेमाल कर रहे हैं तो पेमेंट करते समय कोई मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी, पैन दर्ज करने की जरूरत नहीं है.

अयोध्या राम ट्रस्ट की वेबसाइट से दान रसीद कैसे डाउनलोड करें

https://online.srjbtkshetra.org/donation-receipt/ पर जाएं और ‘डाउनलोड रसीद’ टैब पर क्लिक करें. उचित स्थान पर अपना मोबाइल दर्ज करें और ‘GET OTP’ पर क्लिक करें. ओटीपी दर्ज करें और प्रमाणित करें. एक नया वेबपेज खुलेगा. ‘दान’ टैब के अंतर्गत ‘दान रसीद’ बटन पर क्लिक करें. पैन, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी, पता, दान राशि, बैंक खाता संख्या, दान का उद्देश्य, यूपीआई रेफ्रेंस नंबर (यदि उपयोग किया गया है), डोनेशन मोड, ट्रस्ट का बैंक अकाउंट जहां दान किया गया था, आदि डिटेल भरें. सारी जानकारी भरने के बाद ‘सबमिट’ पर क्लिक करें.

इसके बाद अयोध्या राम मंदिर ट्रस्ट के अधिकारी आपके द्वारा सबमिट की गई जानकारी का वेरिफिकेशन करेंगे और यूज किए गए पेमेंट मोड के आधार पर इसमें कुछ समय लगेगा.

वेरिफिकेशन प्रोसेस पूरा होने के बाद दान रसीद इसी वेबसाइट पर डाउनलोड हो जाएगी. स्टेटस चेक करने के लिए आप https://online.srjbtkshetra.org/donation-receipt/ पर जाएं और ‘डोनेशन’ टैब के तहत ‘डोनेशन रिसीप्ट’ पर क्लिक करें. इसके बाद ‘डोनेशन रिसीप्ट हिस्ट्री’ पर क्लिक करें. यदि रसीद तैयार है, तो एक डाउनलोड बटन यहां दिखाई देगा वर्ना अनुमानित समय दिखाया जाएगा.

– एजेंसी

Dr. Bhanu Pratap Singh