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Agra, Uttar Pradesh, India. वैदिक सूत्रम चेयरमैन एस्ट्रोलॉजर पंडित प्रमोद गौतम ने बताया कि ब्रह्माण्ड के अति शुभ ग्रह देवगुरु बृहस्पति 24 नवंबर, 2022 से गोचर में मार्गी अवस्था में हो गए हैं अर्थात सीधी चाल में आ रहे हैं। देवगुरु बृहस्पति 28 जुलाई, 2022 से अपनी स्वराशि मीन पर वक्री अवस्था में चल रहे थे। ब्रह्माण्ड में जब भी कोई ग्रह अपनी स्वराशि में स्थित होकर जब वक्री अवस्था में होता है तो वह अति नकारात्मक प्रभाव प्रदान करता है। ब्रह्माण्ड में देवगुरु बृह्स्पति को सबसे ज्यादा शुभ और सदबुद्धि का कारक ग्रह कहा जाता है। जब भी वो किसी भी कारण से गोचर में पीड़ित अवस्था में होता है तब वह पूरी मानव जाति को अपने स्वाभाविक गुणों के अनुसार शुभ फलों को प्रदान नहीं कर पाता है।
पंडित गौतम ने बताया कि देवगुरु बृहस्पति वृष, कर्क, कन्या, वृश्चिक, कुम्भ एवं मीन राशियों को अप्रैल, 2023 तक अति शुभ फल प्रदान करेंगे।
पंडित प्रमोद गौतम ने बताया कि धनु, मकर, एवं मिथुन राशि के व्यक्तियों को देवगुरु बृहस्पति सम फल प्रदान करेंगे अर्थात न ज्यादा शुभ और न ज्यादा अशुभ। इसके अलावा मेष, सिंह एवं तुला राशि के व्यक्तियों को अप्रैल 2022 से ही गोचर में उनकी चन्द्र राशि से अशुभ भाव क्रमशः बारहवें, अष्टम एवं छठवें में स्थित हैं, जो कि लगभग अप्रैल 2023 तक स्थित रहेंगे। इसलिए मेष, सिंह एवम तुला राशि के व्यक्तियों को विशेष सावधानी बरतने की प्रबल आवश्यक है, खासतौर पर महत्वपूर्ण निर्णय और स्वास्थ्य के मामलों में।
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