मुंबई/नई दिल्ली (अनिल बेदाग): दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी को “ओवरहेड तारों से मुक्त” बनाने का बड़ा लक्ष्य तय किया है। इसी दिशा में मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता ने शालीमार बाग़ में एक पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत की, जिसके तहत बिजली के ओवरहेड तारों को भूमिगत नेटवर्क में बदला जाएगा। इस पहल के लिए सरकार ने बजट में 100 करोड़ रुपये अलग रखे हैं।
हालांकि अंडरग्राउंड केबलिंग को सबसे अच्छा उपाय माना जाता है, लेकिन यह प्रक्रिया महंगी, लंबी और लोगों के लिए परेशानी खड़ी करने वाली साबित हो सकती है। ऐसे में देश की अग्रणी फाइबर ऑप्टिक निर्माता कंपनी स्टार इन्फोमैटिक प्राइवेट लिमिटेड ने एक वैकल्पिक समाधान प्रस्तुत किया है।
कंपनी ने ‘स्टार केबल क्लिम्पर’ नामक एक अनूठा उपकरण तैयार किया है। यह डिवाइस ओवरहेड तारों को बिना खंभे पर चढ़े, बिना सेवाएँ बंद किए और बिना सड़क खोदे सुरक्षित और व्यवस्थित कर देता है। पारंपरिक भूमिगत परियोजनाओं की तुलना में यह समाधान किफ़ायती, तेज़ और ज्यादा सुरक्षित है।
कंपनी के सीईओ कार्तिक सक्सेना के अनुसार, “यह सिर्फ तारों को छिपाने की बात नहीं है, बल्कि उन्हें स्मार्ट और सुरक्षित ढंग से मैनेज करने का उपाय है। हमारा ओवरहेड वायर ऑर्गनाइज़र सरकारों को कम बजट और कम समय में उलझे हुए तारों की समस्या से निजात दिला सकता है।”
दिल्ली से शुरुआत के बाद इस डिवाइस को देश के अन्य महानगरों और घनी आबादी वाले इलाकों में भी लागू किया जा सकता है। कई नगर निकायों ने पहले ही इस उपकरण में रुचि दिखाई है, खासकर उन जगहों पर जहां भूमिगत केबलिंग करना संभव नहीं है।
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