ध्रुवपद गायन कला को बुलंदियों पर पहुंचाने वाले जयपुर के पंडित लक्ष्मण भट्ट तैलंग का शनिवार 10 फरवरी की सुबह निधन हो गया। वे 95 वर्ष के थे। पिछले कुछ दिनों से वे बीमार चल रहे थे। निमोनिया और कुछ अन्य बीमारियों की वजह से उन्हें जयपुर के दुर्लभजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान शनिवार सुबह 9 बजकर 55 मिनट पर उन्होंने अंतिम सां ली। तैलंग के निधन से राजस्थान की सांस्कृतिक विरासत को बड़ी क्षति हुई है। संगीत प्रेमियों में शोक की लहर सी छा गई।
हाल में पद्मश्री पुरस्कार की घोषणा
पिछले दिनों 26 जनवरी 2024 की पूर्व संध्या पर केंद्र सरकार ने पद्मश्री पुरस्कारों की घोषणा की थी। राजस्थान की चार हस्तियों के नाम भी पद्म पुरस्कारों में शामिल थे जिनमें एक नाम जयपुर के ध्रुवपद गायक पंडित लक्ष्मण भट्ट तैलंग का भी था। ध्रुवपदाचार्य पंडित लक्ष्मण भट्ट तैलंग का नाम पद्मश्री पुरस्कार के लिए चयनित किया गया था। आगामी दिनों में उन्हें पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया जाना था लेकिन यह पुरस्कार पाने से पहले ही उनका निधन हो गया।
बेटे बेटियों को बनाया ध्रुवपद विद्या में पारंगत
ध्रुवपद गायक पंडित लक्ष्मण भट्ट तैलंग के परिवार में उनके बेटे रविशंकर, बेटियां शोभा, उषा, निशा, मधु, पूनम और आरती हैं। इन सभी बेटे बेटियों को पंडित जी ने ध्रुवपद विद्या में पारंगत बनाया। उनकी बेटी प्रोफेसर मधु भट्ट तैलंग राजस्थान की पहली प्रसिद्ध महिला ध्रुवपद गायिका हैं। पंडित लक्ष्मण भट्ट तैलंग का पूरा जीवन राग गायन में ही बीता।
-एजेंसी
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