कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ का विरोध किया, समिति को लिखा पत्र

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कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शुक्रवार को ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ को लेकर बनी उच्च स्तरीय समिति को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने कहा है कि संसदीय शासन व्यवस्था अपनाने वाले देश में एक साथ चुनाव कराने के विचार के लिए कोई जगह नहीं है और उनकी पार्टी इसका पुरजोर विरोध करती है।

ऐसे प्रारूप संघवाद की गारंटी के खिलाफ

यह पत्र उन्होंने उच्च स्तरीय समिति के सचिव नीतेन चंद्र को भेजा है। इसमें राय देते हुए हुए खरगे ने कहा कि एक साथ चुनाव कराने का विचार संविधान की मूल संरचना के खिलाफ है। अगर एक साथ चुनाव की व्यवस्था लागू करनी है तो संविधान की मूल संरचना में पर्याप्त बदलाव की जरूरत होगी। उन्होंने आगे कहा, जिस देश में संसदीय शासन प्रणाली अपनाई गई हो, वहां एक साथ चुनाव के विचार के लिए कोई जगह नहीं है। एक साथ चुनाव कराने के सरकार के ऐसे प्रारूप संविधान में निहित संघवाद की गारंटी के खिलाफ हैं।

समिति ने खरगे से मांगे थे सुझाव

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति ने पिछले साल 18 अक्तूबर को कांग्रेस प्रमुख को पत्र लिखा था और उनसे सुझाव मांगा था। कांग्रेस अध्यक्ष ने 17 बिंदुओं में अपने सुझाव दिए हैं।कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, सरकार और इस समिति को शुरू में ही इसको लेकर ईमानदार होना चाहिए था कि वे जो प्रयास कर रहे हैं, वह संविधान की मूल संरचना के खिलाफ है। यदि एक साथ चुनाव कराने हैं तो संविधान की मूल संरचना में पर्याप्त बदलाव की आवश्यकता होगी।

पूर्व राष्ट्रपति के पद का न हो दुरुपयोग

उन्होंने कहा, कांग्रेस पार्टी और देश के लोगों की ओर से मैं उच्च स्तरीय समिति के अध्यक्ष (रामनाथ कोविंद) से विनम्रता से अनुरोध करता हूं कि वे संविधान और संसदीय लोकतंत्र को नष्ट करने के लिए केंद्र द्वारा उनके व्यक्तित्व और भारत के पूर्व राष्ट्रपति के पद का दुरुपयोग न करने दें। खरगे ने कहा, कांग्रेस ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ के विचार का कड़ा विरोध करती है। एक समृद्ध और मजबूत लोकतंत्र को बनाए रखने के लिए इस विचार को छोड़ना जरूरी है।

-agency

Dr. Bhanu Pratap Singh