Mathura (Uttar Pradesh, India)। मथुरा। आयुक्त वाणिज्य कर उत्तर प्रदेश द्वारा 10 सितंबर को जारी एक परिपत्र के अनुसार स्थानीय सचल दल व्यापारियों की जांच करने के उपरांत तलाशी अभियान चलाएगा। उत्तर प्रदेश के सबसे संगठित व्यापारिक संगठन ,फेडरेशन ऑफ आल इंडिया व्यापार मंडल (फैम ) ने इस परिपत्र को एक काला अध्याय की संज्ञा दी है। संगठन का कहना है कि इस आदेश पत्र को जारी करने वाले अधिकारी किस मानसिक दौर से गुजर रहे हैं, तथा उनका व्यापारियों के प्रति कैसा नकारात्मक रवैया है। अगर किसी व्यापारी की किसी वर्ष बिक्री एकदम गिर गई है, अथवा एकदम बढ़ गई है तो ऐसे व्यापारियों की जांच कर उनकी तलाशी ली जाएगी। फेडरेशन ऑफआल इंडिया व्यापार मंडल (फैम) ऐसे किसी भी निर्णय और कार्यवाही का पुरजोर विरोध करता है, अगर सरकार के कान पर जूं नहीं रेंगती है, तो प्रदेश का व्यापारी सड़क पर उतरकर इसका विरोध करने को तैयार है। सरकारों की गलतियों को व्यापारी कब तक ढोएगा ? 2016 में केंद्र ने नोटबंदी की थी उससे व्यापारी सम्भल भी नहीं पाया था। कि 2017 में जीएसटी को लागू कर उसका व्यापार उलझा दिया गया।
अधिकारी वर्ग व्यापारी तलाशी का अधिकार इंस्पेक्टरों के हाथो में सौप रहा है
आज जब केंद्र सरकार एवं प्रदेश सरकार राष्ट्र के व्यापार को पुनः पटरी पर लाने के भरसक प्रयास कर रही है तो ऐसा में राज्य वाणिज्य कर अधिकारियो द्वारा जारी परिपत्र यह दर्शाता है किं राज्य का वाणिज्य कर विभाग सरकारों के सभी सकारात्मक कदमो को शून्य करना चाहता है। सरकार एक तरफ इंस्पेक्टर राज को समाप्त करना चाहती है दूसरी ओर अधिकारी वर्ग व्यापारी तलाशी का अधिकार इंस्पेक्टरों के हाथो में सौप रहा है। यह सर्व विदित है जब कभी भी इंस्पेक्टर राज आया, व्यापारियों का पूर्ण शोषण हुआ है। जब अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर राष्ट्र एक गंभीर संकट से जूझ रहा है , बाजारो से ग्राहक गायब है, कोरोना के चलते व्यापारियों का व्यापार ठप्प पड़ा है , राष्ट्र में सबसे अधिक रोजगार देने वाला व्यापारिक वर्ग स्वयं को असहाय महसूस कर रहा है , ऐसे में किसी भी प्रकार से व्यापारी का उत्पीड़न इस प्रकार होगा जैसे डूबती नाव में एक ओर छिद्र करना। फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया व्यापार मंडल उत्तर प्रदेश सरकार से यही आग्रह करता है,कि लगातार कई वर्षों से अर्थव्यवस्था से जूझते भारत के व्यापारियों के बारे में सरकारी अधिकारी संवेदनशीलता का परिचय दे और अर्थव्यवस्था के इस नाजुक
दौर में सरकार एवं व्यापारियों का एक दूसरे के प्रति सहयोगात्मक व्यवहार बना रहे ।
विशेष अनुसंधान शाखा एवं सचल दल का एक कोटा बना दिया गया है
फेडरेशन ऑफ आल इंडिया व्यापार मंडल, मथुरा के जिला अध्यक्ष, अजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि राजस्व की बढ़ोतरी की चिंता सरकार के अधिकारियों के साथ ही व्यापारियों को है। परन्तु जो एक भय का माहौल इकट्ठा करने के उद्देश्य से इस कठिन महामारी के दौर में प्रदेश के वाणिज्य कर अधिकारी बनाना चाहते है। उसकी जितनी निंदा की जाए कम है। इस परिपत्र के अनुसार हर माह वाणिज्यकर विभाग की विशेष अनुसंधान शाखा विभिन्न बिदुओं के आधार पर व्यापारियों की जांच करेगी। इस परिपत्र का सबसे दुखद एवं अमानवीय पहलु यह है किं विशेष अनुसंधान शाखा एवं सचल दल का एक कोटा बना दिया गया है, यदि किसी क्षेत्र में राजस्व पूरा प्राप्त हो रहा है तबभी विशेष अनुसंधान शाखा एवं सचल दल अपने कोटा की जांच अवश्य करेगा।
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