दादाबाड़ी में बड़ी संख्या में जमा हुए श्रावक और श्राविकाएं
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Aga, Uttar Pradesh, India. अकबर प्रतिबोधक जगद्गुरु आचार्य श्री हीर विजय सूरीश्वर जी महाराज का स्वर्गारोहण दिवस पर जाप किया गया। यह कार्यक्रम दादाबाड़ी ट्रस्ट ने दादाबाड़ी स्थित प्राचीन चरण पादुका स्थल कमल मंदिर में किया। बड़ी संख्या में श्रावक और श्राविकाएं आए। उन्होंने जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक श्री संघ और जिन शासन पर अनन्य उपकार के लिए आचार्यश्री के प्रति श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए। माना जाता है कि अगर कोई मांसाहारी व्यक्ति यहां नियमित आए तो वह शाकाहार की ओर बढ़ने लगता है।
जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक श्री संघ के निर्वतमान अध्यक्ष राजकुमार जैन ने बतया कि अकबर के समय चंपा श्राविका ने 180 दिन तक केवल उबले हुए पानी पर रहने की तपस्या की। श्राविका का डोला धूमधाम से निकाला गया। अकबर ने स्वयं आकर चंपा श्राविका से इतनी कठोर तपस्या का कारण पूछा। श्राविका ने कहा कि यह मेरे गुरुदेव हीर विजय सूरीश्वर महाराज की कृपा है। गुरुदेव उस समय गुजरात में थे। अकबर के आग्रह पर गुरुदेव पैदल विहार करते हुए आगरा आए। अकबर ने फतेहपुर सीकरी में गुरुदेव के स्वागत में जाजम बिछाई थी। गुरुदेव ने जाजम पर चलकर आने से मना कर दिया। कहा कि जाजम के नीचे जीव होते हैं। अकबर ने जाजम उठवाई तो हजारों जीव दिखाई दिए। माना जाता है कि अकबर इतना हिंसका था कि हजारों चिड़ियाओं की जीभ का भोजन करता था। आचार्य श्री से प्रभावित अकबर शाकाहारी हो गया। इसके बाद गुरुदेव ने आगरा में चातुर्मास किया। इस दौरान गुरुदेव से अकबर मिलने आया। माना जाता है कि जिस स्थान पर बैठकर गुरुदेव ने अकबर को प्रतिबोधित किया, वही दादाबाड़ी में कमल मंदिर है। आचार्य श्री ने ही रोशन मोहल्ला में चिंतामणि पार्श्वनाथ श्वेतांबर जैन मंदिर को प्रतिष्ठित किया था।
इस अवसर पर दादाबाड़ी ट्रस्ट के अध्यक्ष संजय दूगड़, चिंतामणि ट्रस्ट के अध्यक्ष अजय चौरड़िया, सचिव शरद चौरड़िया, दुष्यंत जैन, विनय वागचर अशोक कोठारी, निशांत वेद, श्रेयांश जैन, उषा वेद, उषा रानी लोढ़ा, रजत गादिया की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
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