breast feeding importance

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HEALTH PRESS RELEASE REGIONAL

Agra, Uttar Pradesh, India. “डॉक्टर साहब कहते हैं- बच्चा ऐ दूध पहलौ दूध पिलायौ के नहीं। एक महिला ने कहा – हमाए गाम में तौ अब पिलावत हैं। दूसरी महिला कहती है-  हमाए गाम में लड़ामनी में डार देतें गईया के बच्चा कूं। डॉक्टर साहब कहते हैं – जमानौ बहुत बदल गौ है।”

डिब्बा बंद ब्रांडेड दूध ने आज हमारे गांव के घरों तक में जगह बना ली है। यहां माताएं अपने शिशु के लिए छह माह के स्तनपान को गम्भीरता से नहीं ले रहीं। अधिकांश महिलाओं को शिशु जन्म के एक घण्टे में पहले पीले गाढ़े दूध का महत्व भी नहीं पता। रेनबो हॉस्पिटल में ब्रेस्ट फीडिंग वीक हर दिन नए व्याख्यान के साथ मनाया जा रहा है।

शुक्रवार को यहां काफी संख्या में ग्रामीण महिलाएं भी जुटीं। निदेशक डॉ. नरेंद्र मल्होत्रा और मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. राजीव लोचन ने उन्हें ग्रामीण भाषा में ही समझाया कि बच्चे के जन्म के बाद पहले घण्टे में कराया गया स्तनपान शिशु के लिए बेहद गुणकारी है। इससे शिशु का शारीरिक और मानसिक विकास अच्छा होता है और वह जीवन भर निरोगी रह सकता है।