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New Delhi/Agra, Uttar Pradesh, India, Bharat. नई दिल्ली में भाजपा राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौर से भाजपा नेता प्रदीप राठौर ने मुलाकात कर उत्तर प्रदेश में तेलघानी बोर्ड के गठन की मांग को लेकर पत्र सौंपा। मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में भी यह बोर्ड गठित करने की मांग लंबे समय से उठ रही है।
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कैसे काम कर रहे हैं तेलघानी बोर्ड?
तेलघानी बोर्ड तेली समाज के आर्थिक और सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन राज्यों में यह बोर्ड तेली समाज की पारंपरिक व्यवसायों की संरक्षण, वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण और आधुनिक तकनीकों से जोड़ने का कार्य कर रहा है।
- मध्य प्रदेश तेलघानी बोर्ड: राज्य में इस बोर्ड के माध्यम से तेल उत्पादन, विपणन और प्रसंस्करण में लगे लोगों को सहायता दी जाती है। सरकारी योजनाओं से जोड़कर उन्हें अनुदान, ऋण और प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है।
- छत्तीसगढ़ तेलघानी बोर्ड: इस बोर्ड का मुख्य उद्देश्य तेली समाज के परंपरागत उद्योगों को संरक्षित करना और उन्हें नए बाजारों से जोड़ना है। यहां बोर्ड स्वरोजगार योजनाओं को बढ़ावा देता है और स्थानीय तेल मिलों को विकसित करने में सहयोग करता है।
- राजस्थान तेलघानी बोर्ड: राजस्थान में यह बोर्ड तेल व्यवसायियों और छोटे उद्यमियों को वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करता है। समाज के लोगों को सरकारी योजनाओं और ऋण सुविधाओं का लाभ दिलाने में भी इसकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
उत्तर प्रदेश में तेलघानी बोर्ड के गठन की आवश्यकता
उत्तर प्रदेश में तेली समाज की संख्या अधिक होने के बावजूद, उनके पारंपरिक व्यवसायों को संरक्षित करने के लिए कोई समर्पित बोर्ड नहीं है। यह बोर्ड न केवल उनके आर्थिक विकास में मदद करेगा, बल्कि तेली समाज के युवाओं को नए रोजगार अवसर भी उपलब्ध कराएगा।
मदन राठौर का समर्थन, मुख्यमंत्री से होगी चर्चा
भाजपा राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौर ने इस मांग को समाज हित में आवश्यक बताया और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से आग्रह करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि तेली समाज की समृद्धि के लिए यह कदम बेहद जरूरी है।
तेली समाज के प्रतिनिधियों की उपस्थिति
इस महत्वपूर्ण बैठक में समाज के प्रमुख नेता इशांत राठौर, मुकेश राठौर, राहुल राठौर (सीटू) और आशीष राठौर भी उपस्थित रहे। सभी ने एक स्वर में तेलघानी बोर्ड की मांग को यथासंभव उचित और आवश्यक बताया।
✍ संपादकीय टिप्पणी
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान की तरह उत्तर प्रदेश में भी तेलघानी बोर्ड का गठन न केवल तेली समाज के लिए बल्कि राज्य के आर्थिक ढांचे के लिए भी एक सकारात्मक कदम हो सकता है। इस बोर्ड के माध्यम से पारंपरिक व्यवसायों को संरक्षण, वित्तीय सहायता और आधुनिक तकनीकी संसाधनों से जोड़ा जा सकता है। सरकार को इस मांग पर गंभीरता से विचार करते हुए ठोस निर्णय लेना चाहिए ताकि तेली समाज की सामाजिक और आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके।
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