उत्तर प्रदेश के कानपुर हिंसा से जुड़े मामले में रोज-रोज बड़े खुलासे हो रहे हैं। मामले का मास्टरमाइंड हयात जफर हाशमी का एक मोबाइल पर वॉट्सऐप चैट सामने आया है। जिसमें कानपुर में बंदी की साजिश का खुलासा हुआ है। इस चैट से साफ पता चलता है कि यह हिंसा संयोग से नहीं, हुई बल्कि इसके पीछे सोची-समझी साजिश है। हिंसा के मुख्य आरोपी हाशमी ने केवल दिखावे के लिए कानपुर बाजार बंद को वापस लिया था। ये एक नाटक था, जिसका मकसद पुलिस को गुमराह करना था।
वॉट्सऐप चैट में क्या?
मीडिया में हाशमी के मोबाइल के वॉट्सऐप चैट सामने आया है। इस चैट में सदस्य कानपुर में बाजार बंदी के फोटो शेयर कर रहे हैं। एक चैट में लिखा है, माशाअल्लाह पेचबाग व्यापार मंडल। इसी चैट में आगे किसी ने लिखा है इंशाअल्लाह थोड़ी देर में वीडियो आएगी रहमानी मार्केट बंद। ग्रुप में लोग बाजार बंद को लेकर चर्चा कर रहे हैं। हाशमी के वाट्सऐप चैट में बाजार बंद के वीडियो और फोटो मिले हैं। इसमें वो लोगों को रोकने के बजाए उन्हें भड़का रहा है। कुछ ऐसे भी साक्ष्य मिले हैं जिनसे वीवीआईपी मूवमेंट के चलते 3 जून का दिन चुने जाने की पुष्टि होती है।
साजिशकर्ताओं ने कहा, हमारा मकसद पूरा हुआ
मामले की जांच कर रहे एक पुलिस अफसर ने बताया कि हयात जफर हाशमी, उसके साथी जावेद, सूफियान और राहिल से अलग-अलग पूछताछ की गई। सभी के बयान अलग-अलग थे। लेकिन कुछ बातें एक जैसी थीं। सभी ने कहा कि जिस तरह से नुपूर शर्मा ने पैगंबर साहब को लेकर बयान दिया था, वैसा भविष्य में कोई न करे, इसके चलते राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के दिन को हिंसा के लिए चुना गया। हिंसा की साजिश करने वालों का कहना है कि उनका मकसद पूरा हो गया। देश के शीर्ष तक उनकी बात पहुंच गई है। आरोपियों ने कहा कि बाजार बंदी का प्लान सिर्फ कानपुर का नहीं था। कोशिश ये थी कि हर शहर में ऐसा हो।
141 ग्रुप में मिली संदिग्ध चैट
हयात हाशमी के मोबाइल में उसके वाट्सऐप पर 141 ग्रुप मिले हैं। हिंसा वाले दिन यानी 3 जून को हयात 14 ग्रुप पर ज्यादा सक्रिय था। सबसे ज्यादा बातचीत और अपडेट एमएमए जौहर फैंस एसोसिएशन कानपुर टीम नाम के ग्रुप में किए गए। हयात बाजार बंद कराने वालों का हौसला बढ़ा रहा था। उसके बाद बाजार बंद होने के फोटो-वीडियो अपडेट होने लगे। हयात के साथ उसकी पत्नी भी थी एक्टिव।
हाशमी की पत्नी भी थी सक्रिय
ग्रुप में हयात जफर हाशमी की पत्नी काफी सक्रिय रही। वह भी बंदी से लेकर बवाल तक की तमाम वीडियो और फोटो साझा करती रही। कई मैसेज भी डाले। पुलिस सूत्रों के मुताबिक हाशमी की पत्नी ही इस ग्रुप की एडमिन है। पुलिस एक-एक मैसेज के बारे में जांच कर रही है। साथ ही इन ग्रुपों में कौन-कौन लोग जुड़े हैं और कहां के हैं? इसका पूरा ब्योरा खंगाला जा रहा है।
हाशमी की पत्नी ने पति का किया था बचाव
हयात जफर हाशमी की पत्नी और बहन ने शनिवार को दावा किया था कि एमए जौहर फैंस असोसिएशन ने नुपूर शर्मा की टिप्पणियों के खिलाफ 5 जून को बंद बुलाया था। 3 जून का बंद रद्द कर दिया गया था। दूसरी तरफ रविवार को एक मीटिंग का वीडियो सोशल मीडिया पर आया। एक जून को रजबी रोड के अकबर हॉल में हुई इस मीटिंग का आयोजन निजाम कुरैशी ने किया था। निजाम समाजवादी पार्टी में सक्रिय है। इसमें हाशमी के अलावा मौलाना हनीफ बरकाती भी थे। मीटिंग में सिर्फ 5 मौलाना और कुछ लोग आए थे।
पर्दे के पीछे से मदद कर रही थीं नामचीन हस्तियां
बवाल के दिन हयात जफर हाशमी ने शहर की कई नामचीन शख्सियत से बातचीत की। उसके मोबाइल नंबर की CDR से इसका खुलासा हुआ है। इसलिए अंदेशा बढ़ गया है कि इन लोगों की भी भूमिका रही है। मगर वह सामने नहीं आए हैं। पर्दे के पीछे से साजिश में शामिल रहे। पुलिस अब इन सभी की गिरफ्तारी के लिए साक्ष्य जुटा रही है।
-एजेंसियां
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