अयोध्या नगर निगम ने ठेलेवालों को उल्टा खड़ा कर कराई उठक-बैठक, कार्रवाई विवादित, महापौर ने दिए जांच के आदेश

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अयोध्या: यूपी के अयोध्या जिले में नगर निगम की टीम ने शुक्रवार को ठेले लगाने वालों के ऐसा एक्शन लिया है जिसका विपक्षी दल कड़ी निंदा कर रहे है। नगर निगम की इस कार्रवाई को तालिबानी सजा करार दे रहे हैं। बता दें कि ये ठेले वाले दीनदयाल पार्क के पास अपना ठेला लगा रहे थे। टीम ने छापेमारी करते हुए आठ ठेले वालों को पकड़ा और उन्हें जबरदस्ती पार्क में ले जाकर दीवार के पास उल्टा खड़ा कर दिया।

इन ठेले वालों को खींचते हुए दीवार के पास खड़ा करने को कहा गया, लेकिन जब उन्होंने मना किया, तो टीम ने उन्हें डंडे से धमकाकर उल्टा खड़ा कर दिया। इस घटना का 2 मिनट 13 सेकेंड का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। अयोध्या के मेयर ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं, हालांकि अभी तक किसी पीड़ित ने शिकायत दर्ज नहीं कराई है।

अयोध्या में नगर निगम के प्रवर्तन दल ने शुक्रवार को कुछ सुरक्षाकर्मी पार्क पहुंचे और ठेले लगाने वाले आठ लोगों को पकड़ लिया। सुरक्षाकर्मियों ने इन ठेले वालों को पार्क में लाकर उन्हें कान पकड़कर उठक-बैठक करने को कहा। इसके बाद, उन्हें पार्क की दीवार के पास खड़ा कर दिया गया और डंडे की मदद से उन्हें उल्टा खड़ा किया। यह लोग काफी देर तक सिर नीचे और पैर दीवार के सहारे खड़े रहे।

ठेले वालों पर हुई कार्रवाई को लेकर अयोध्या के महापौर महंत गिरीश पति त्रिपाठी ने जांच के आदेश दिए हैं। वीडियो सामने आने के बाद नगर निगम में हड़कंप मच गया है। महापौर महंत गिरीश पति त्रिपाठी ने अपर नगर आयुक्त भरत भार्गव को मामले की जांच सौंपते हुए रिपोर्ट तलब की है।

उन्होंने कहा कि जो भी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। नगर निगम के अधिकारियों के मुताबिक, ठेले वालों को कई बार पार्क के आसपास ठेला लगाने से मना किया गया था। हालांकि, उन्होंने बार-बार ठेला लगा लिया, जिससे स्थानीय लोगों को परेशानी हो रही थी। लोगों की शिकायतों के बाद ही यह कार्रवाई की गई।

सपा नेता और पार्षद प्रतिनिधि महेंद्र शुक्ल ने कहा कि अतिक्रमण पर कार्रवाई जरूरी है, लेकिन इस तरह का तरीका अमानवीय है। उन्होंने बताया कि नगर निगम का प्रवर्तन दल अतिक्रमण हटाने की कोशिश करता था, लेकिन कुछ दिन बाद ही वही लोग फिर से दुकानें लगा लेते थे। शुक्ल ने कहा कि नियमों के तहत कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन दुकानदारों के साथ इस तरह का व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए था।

साभार सहित

Dr. Bhanu Pratap Singh