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गुरु स्वरूप श्रीवस्तव को कला मनीषी पद्मश्री बाबा योगेन्द्र जी स्मृति सम्मान

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गुरु स्वरूप श्रीवास्तव को भारतीय समकालीन कला को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय बनाने और कॉरपोरेट करने के लिए जाना जाता है

Agra, Uttar Pradesh, India. 18-20 सितम्बर तक चले 7वें अंतरराष्ट्रीय ताज रंग महोत्सव में जाने-माने कला साधक गुरु स्वरूप श्रीवास्तव (Guru Swarup Srivastava) को  कला के क्षेत्र में कला मनीषी पद्मश्री बाबा योगेन्द्र जी स्मृति सम्मान से सम्मानित किया गया है। यह आयोजन डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्लय के सहयोग से नटरांजलि थिएटर आर्टस की निदेशक अलका सिंह ने किया। सभी कार्यक्रम विश्वविद्यालय के जुबली हॉल में हुए। गुरु स्वरूप श्रीवास्तव को भारतीय समकालीन कला को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय बनाने और कॉरपोरेट करने के लिए जाना जाता है।उल्लेखनीय है कि ताज रंग महोत्सव में मलेशिया, बांग्लादेश, इजिप्ट, नेपाल और भारत के विभिन्न प्रांतों से आए कलाकारों

 

एनटीए, आगरा की निदेशक अलका सिंह ने बताया कि आगरा में जन्मे और मुंबई में निवासरत गुरु स्वरूप श्रीवास्तव जी कला क्षेत्र को कॉरपोरेटाइज करने वाले पहले व्यक्ति हैं और इसके लिए उनका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड्स में दर्ज है। उन्होंने Our Planate Called Earth विषयक एमएफ हुसैन की पेटिंग्स को इस लायक बनाया कि उन्हें बैंक में भी गिरवी रखा जा सकता है। इस तरह कला का व्यावसायिक उपयोग करके रोजगार प्राप्त किया जा सकता है, जो अपने आप में अनोखी बात है।

 

अलका सिंह ने बताया कि भारतीय संस्कृति की अनुपम उदाहरण रामायण पर आधारित हॉलीवुड फिल्म बना रहे हैं। आगरा में पुष्पक विमान उतारा जाएगा। यह फिल्म युवाओं को ध्यान में रखकर बनाई जा रही है ताकि वे भारतीय संस्कृति और संस्कारों से ओतप्रोत हो सकें। उन्होंने समाजसेवा के अनेक कार्य किए हैं। उद्योगपति और सामाजिक-आर्थिक टेक्नोक्रेट हैं। हवाई उड़ान अचानक निरस्त होने के कारण वे स्वयं समारोह में उपस्थित नहीं हो सके।

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गुरु स्वरूप श्रीवस्तव को मिला कला मनीषी पद्मश्री बाबा योगेन्द्र जी स्मृति सम्मान

गुरु स्वरूप श्रीवास्तव ने प्रारंभिक शिक्षा मुफीद-ए-आम इंटर कॉलेज में प्राप्त की। वे आईआईटी दिल्ली से एमटेक हैं। 1975-76 के दौरान दयालबाग इंजीनियरिंग कॉलेज में पूर्व संकाय सदस्य हैं। 1982-83 में आईबीए (इंडियन बैंक एसोसिएशन) टीम की बातचीत के प्रधान सदस्य। सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में विनिवेश योजनाओं को संगठित करने में योगदान दिया। बैंकिंग उद्योग में कंप्यूटर प्रणाली की शुरूआत के लिए आईबीए टीम के एक प्रधान सदस्य रहे। तेल अवीव, इज़राइल में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में मुख्य समन्वयक- सामुदायिक विकास कार्यक्रम की भूमि निभाई। रोटरी इंटरनेशनल द्वारा फरवरी, 2000 में कराची, पाकिस्तान में आयोजित विश्व शांति कार्यक्रम में भाग लिया। भारत में पवन ऊर्जा आंदोलन शुरू करने की दृष्टि से जर्मनी गए। आकाशवाणी और दूरदर्शन के निमंत्रण पर सामुदायिक विकास पर 100 से अधिक कार्यक्रमों में भाग लिया और उनका संचालन किया। दूरदर्शी “भारतीय कला का वैश्वीकरण और निगमीकरण:- प्रसिद्ध कलाकार श्री एम.एफ. हुसैन 100 करोड़ रु. साथ ही भारतीय समकालीन चित्रकारों के एक निजी संग्राहक के रूप में, उन्हें अपने काम को बढ़ावा देने और कला की दुनिया में पहचान हासिल करने के लिए एक मंच की पेशकश की। भारतीय मर्चेंट चैंबर (आईएमसी) के आजीवन संरक्षक हैं।

Dr. Bhanu Pratap Singh