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Agra, Uttar Pradesh, India, Bharat. नवीन जैन सांसद राज्यसभा ने स्कूलों द्वारा फीस और पुस्तकों की बिक्री में की जा रही मनानी पर कठोर रुख अपनाया है। उन्होंने इस बारे में जिलाधिकारी आगरा भानु चंद्र गोस्वामी को चिट्ठी लिखी है। उन्होंने जिलाधिकारी का ध्यान छह बिंदुओं की ओर ध्यान दिलातै हुए कहा है- आवश्यक कार्यवाही करने को कहा है। चिट्ठी की प्रति जिला विद्यालय निरीक्षक और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को भी भेजी गई है।
सांसद नवीन जैन की यह चिट्ठी सोशल मीडिया पर वायरल हुई है। पापा संस्था के दीपक सिंह सरीन ने चिट्टी को चिट्ठी को ट्वीट किया है। साथ ही पीएमओ, मोदी, योगी, बीजेपी, शिक्षा विभाग समेत 21 लोगों को टैग किया है।
पाठकों की सुविधा के लिए हम सांसद नवीन जैन की चिट्ठी को यथावत प्रस्तुत कर रहे हैं।
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आगरा के कई निजी स्कूलों में पाठ्य पुस्तकों की बिक्री और फीस को लेकर मनमानी चल रही है। इसके खिलाफ पापा संस्था द्वारा स्कूलों के द्वार पर धरना-प्रदर्शन भी दिया जा रहा है। इस संबंध में अनेक अभिभावक मुझे फोन कर रहे हैं। कई अभिभावक व्यक्तिगत रूप से आकर मिले भी हैं। इनकी बातों का सार निम्नवत है-
- एडमिशन शुल्क में 14 हजार रुपये तक की वृद्धि की गई है, जो अभिभावकों पर असहनीय बोझ है। एडमिशन शुल्क में वृद्धि तत्काल वापस ली जाए।
- एक बार किसी बच्चे ने स्कूल में प्रवेश ले लिया है तो अगली कक्षा में प्रमोट करने के लिए भी एडमिशन फीस ली जा रही है, जो गलत है। अगली कक्षा में प्रमोट तो बिना एडमिशन फीस के किया जाना चाहिए।
- पुस्तकों के मूल्य में दोगुना तक वृद्धि कर दी गई है। आवश्यक है सभी स्कूलों में एन.सी.ई.आर.टी. की पुस्तकें लगवाई जाएं।
- स्कूलों ने अभिभावकों से कहा है कि उनके द्वारा अधिकृत विक्रेता से ही पुस्तकें खरीदी जाएं। किताबों के साथ कॉपी खरीदने की भी बाध्यता है। इस व्यवस्था से स्कूल और विक्रेताओं की मिलीभगत उजागर है।
- स्कूल की यूनिफार्म और पाठ्यक्रम में हर वर्ष बदलाव किया जाता है। यह भी अभिभावकों पर अतिरिक्त बोझ है। पाठ्यक्रम तो एक सा ही रहता है। हर वर्ष पाठ्यक्रम और यूनिफार्म बदलने के पीछे कमीशनखोरी की आशंका अभिभावकों ने जताई है।
- कोरोना काल में बढ़ाई गई फीस बाद में माननीय कोर्ट के आदेश पर वापस हो गई थी। अनेक स्कूलों ने अभी तक इसका समायोजन नहीं किया है। फीस का समायोजन तत्काल कराया जाए।
उपर्युक्त बिंदुओं पर आवश्यक कार्यवाही करने का कष्ट करें।
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