मध्य प्रदेश के गुना में शिकारियों के साथ मुठभेड़ में मारे गए तीन पुलिसकर्मियों के परिजनों को राज्य सरकार एक-एक करोड़ रुपये का मुआवज़ा देने की घोषणा की है.
मुआवज़े की घोषणा करते हुए राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि घटनास्थल पर देर से पहुंचने के कारण ग्वालियर के आईजी को हटाने का फ़ैसला लिया गया है.
शिवराज सिंह ने ट्वीट किया है, “पुलिस के साथी राजकुमार जाटव, नीरज भार्गव, संतराम को ‘शहीद’ का दर्जा देकर इनके परिवार को एक-एक करोड़ रुपये सम्मान निधि दी जाएगी. पीड़ित परिवार के एक सदस्य को शासकीय सेवा में भर्ती किया जाएगा.”
शिवराज सिंह चौहान ने आश्वासन देते हुए कहा कि अपराधियों की लगभग पहचान हो गई है और जांच चल रही है. अपराधी किसी भी कीमत पर नहीं बचेंगे.
शुक्रवार देर रात गुना के आरोन थाना इलाक़े में काले हिरण का शिकार करने आए शिकारियों और पुलिसकर्मियों के बीच मुठभेड़ हो गयी. जिसमें इन तीन पुलिसकर्मियों की मौत हो गई. ख़बरों के मुताबिक़ इस मुठभेड़ में एक शिकारी भी मारा गया है.
कमलनाथ ने सरकार पर साधा निशाना
मध्य प्रदेश में हुई इस दुर्घटना पर दुख जताते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने मौजूदा राज्य सरकार पर निशाना साधा है.
उन्होंने लिखा है, “मध्य प्रदेश के गुना में शिकारियों की गोलीबारी से हुई तीन पुलिसकर्मियों की मौत की घटना बेहद दुखद, बेहद पीड़ादायक है. निश्चित तौर पर अपने कर्तव्य पालन के लिये इन पुलिसकर्मियों ने अपनी शहादत दी है. इनकी शहादत को मैं नमन करता हूँ, इनकी शहादत व्यर्थ नही जाएगी.”
उन्होंने ट्वीट किया है, “यदि सरकार का क़ानून-व्यवस्था पर और अपराधियों पर नियंत्रण होता तो इस तरह की घटनाओं को रोका जा सकता था.”
-एजेंसियां
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