चीन और रूस से बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका प्रशांत महासागर में बड़ा युद्धाभ्यास कर रहा है। कोप नॉर्थ 22 नाम के इस युद्धाभ्यास में अमेरिकी वायु सेना के अलावा जापान और ऑस्ट्रेलियाई वायु सेना भी हिस्सा ले रही हैं। गुआम के एंडरसन एयरफोर्स बेस (Andersen Air Force Base) पर आयोजित इस युद्धाभ्यास के जरिए अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया ने एलिफेंट वॉक (Elephant walk) कर अपनी ताकत का प्रदर्शन किया है। इस दौरान रनवे पर एक साथ 130 विमानों को लाइनअप कर उनका टेक ऑफ करवाया गया। इतना ही नहीं, इन विमानों ने एक साथ हवा में कई युद्धक फॉर्मेशन बनाते हुए उड़ान भी भरी।
चीन से 2900 किमी दूर है एंडरसन एयरफोर्स बेस
चीन से 2900 किलोमीटर दूर एंडरसन एयरफोर्स बेस पर अमेरिका का शक्ति प्रदर्शन सीधे तौर पर बीजिंग और मॉस्को के लिए चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है। गुआम प्रशांत महासागर में अमेरिका का बड़ा नौसैनिक और वायु सैनिक अड्डा है। इस बेस का प्रमुख उद्देश्य प्रशांत महासागर में चीन और रूस की आक्रामकता पर लगाम लगाना है। इतना ही नहीं, अमेरिका इसी नेवल बेस के जरिए उत्तर कोरिया पर भी निगाह रखता है। इसके अलावा जापान में अमेरिकी नौसेना का सातवां बेड़ा भी मौजूद है। ऐसे में हजारों किलोमीटर दूर होते हुए भी अमेरिका एशिया का एक बड़ा रणनीतिक और सैन्य खिलाड़ी है।
अमेरिका ने चीन और उत्तर कोरिया को दिखाई ताकत
कोप नॉर्थ 22 युद्धाभ्यास के जरिए अमेरिका और उसके साथी देशों ने सीधे तौर पर चीन और उत्तर कोरिया को अपनी मारक क्षमता दिखाई है। 2 से 18 फरवरी तक चलने वाले इस युद्धाभ्यास में 2,500 से अधिक अमेरिकी एयरमैन, मरीन और सेलर्स हिस्सा ले रहे हैं। इसके अलावा जापान और ऑस्ट्रेलिया के 1000 नौसैनिक भी शामिल हैं। 1978 में शुरू हुआ यह अमेरिका का सबसे बड़ा मल्टीलेटरल एक्सरसाइज है। 1999 तक इस युद्धाभ्यास को जापान के मिसावा एयर बेस पर आयोजित किया जाता रहा, बाद में इसे गुआम के एंडरसन एयरफोर्स बेस पर शिफ्ट कर दिया गया।
क्या है एलीफेंट वॉक?
एलीफेंट वॉक शब्द द्वितीय विश्व युद्ध से आया है। उस समय दुश्मन देशों पर बमबारी के लिए एक साथ बड़ी संख्या में लड़ाकू विमानों और बॉम्बर्स को टेक ऑफ करवाया जाता था। यह टेकऑफ किसी हाथी की झुंड के समान दिखता है, जिसमें विमान हाथी की नाक से पूंछ तक की आकृति में रनवे पर तैनात किए जाते हैं। इसमें बड़े ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, लड़ाकू विमान, मीडियम ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, अटैक हेलीकॉप्टर, ट्रांसपोर्ट हेलीकॉप्टर शामिल होते हैं।
गुआम से साउथ चाइना सी पर अमेरिका की नजर
प्रशांत महासागर में स्थित इस छोटे से द्वीप पर अमेरिकी सेना की महत्वपूर्ण रणनीतिक मौजूदगी है। इस द्वीप से अमेरिकी सेना न केवल प्रशांत महासागर में चीन और उत्तर कोरिया की हरकतों पर नजर रख सकता है बल्कि उन्हें मुंहतोड़ जवाब देने और नेवल ब्लॉकेज लगाने में बड़ी भूमिका अदा कर सकता है। यहां 5000 अमेरिकी सैनिकों की तैनाती है। यहां तैनात अमेरिकी स्ट्रैटजिक बॉम्बर, युद्धपोत लगातार चीन के आसपास के इलाकों में गश्त लगाते रहते हैं।
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