डायरेक्टर चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने अब अपनी फिल्म ‘सम्राट पृथ्वीराज’ के फ्लॉप होने का ठीकरा अक्षय कुमार के ऊपर फोड़ा है। उन्होंने कहा है कि पान मसाला और शिवलिंग पर दूध वाले बयान के कारण लोगों में अक्षय के खिलाफ गुस्सा है और इसलिए फिल्म का बायकॉट हुआ।
‘सम्राट पृथ्वीराज’ बॉक्स ऑफिस पर डिजास्टर साबित हुई है। 20 दिनों में इस फिल्म ने करीब 69 करोड़ रुपये की कमाई की। 200 करोड़ रुपये के बजट में बनी इस फिल्म ने न तो पैसे कमाए और न ही लोगों ने इस फिल्म को सराहा। उल्टा इस फिल्म के बायकॉट की मांग उठी। अक्षय कुमार को जमकर ट्रोल किया गया। अक्षय कुमार के उस बयान पर भी विवाद हुआ, जिसमें उन्होंने कहा था कि देश के स्कूल की इतिहास की किताबों में पृथ्वीराज चौहान के बारे में ज्यादा नहीं लिखा गया है जबकि विदेशी राजाओं का बखान है, जिन्होंने भारत पर आक्रमण किया। फिल्म के डायरेक्टर चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने पिछले दिनों कहा था कि उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि इस फिल्म को दर्शकों ने सिरे से खारिज क्यों कर दिया। लेकिन अब उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा है कि अक्षय कुमार पर लोगों का गुस्सा है। फिर चाहे वह पान मसाला वाले विज्ञापन के कारण है कि या शिवलिंग पर दूध चढ़ाने को लेकर सवाल उठाने के कारण, और बहुत संभव है कि इसी कारण लोगों ने उनकी फिल्म के बायकॉट की मांग की और ‘सम्राट पृथ्वीराज’ का इतना बुरा हाल हुआ।
चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने कहा कि उनकी फिल्म को लेकर लोगों के मन में कई तरह की भ्रांतियां रहीं। वह कहते हैं, ‘लोगों को यह लगा कि हमारी फिल्म ऐतिहासिक तो है, लेकिन पृथ्वीराज रासो कविता पर आधारित है। अब यह कविता अपने-आप में तथ्यों को लेकर चर्चा में रहती है। लोगों ने फिल्म के Boycott की मांग कर दी, क्योंकि हमारे लीड एक्टर ने पहले कुछ ऐसे बयान दिए हैं जो उन्हें पसंद नहीं आए। ऐसा नहीं है कि आपको किसी एक्टर को पसंद या नापसंद करने का हक नहीं है। अक्षय कुमार पहले एक्टर नहीं हैं, जिनकी परफॉर्मेंस दर्शकों को पसंद नहीं आई हो। लेकिन पूरी फिल्म का इसलिए बायकॉट करना सही नहीं है कि एक्टर ने पूर्व में कुछ ऐसा कहा या किया है, जो आपको पसंद नहीं आया।’
हमने नहीं कहा ‘सम्राट पृथ्वीराज’ ऐतिहासिक फिल्म
चंद्रप्रकाश द्विवेदी कहते हैं, ‘अक्षय कुमार ने पान मसाला का विज्ञापन किया है। या उन्होंने यह कहा कि शिवलिंग पर दूध चढ़ाना दूध की बर्बादी है। मुझे नहीं लगता है कि उनके इस तरह के काम या बयान को उनकी फिल्म से जोड़ना चाहिए।’
चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने किताबों में पृथ्वीराज चौहान को कम जगह दिए जाने के अक्षय कुमार के बयान का बचाव भी किया। वह कहते हैं, ‘अक्षय सर ने जब अपने बेटे से पृथ्वीराज चौहान के बारे में पूछा था, तो आरव ने जवाब दिया था कि उन्हें ज्यादा नहीं पता। यहीं से उनके मन में इच्छा जगी और उन्होंने ढूंढ़ना शुरू किया कि हमें हिंदू इतिहास के बारे में जानकारी क्यों नहीं है। यह उनकी सोच है। यह मेरी राय नहीं है। न ही मेरी फिल्म के प्रोड्यूसर्स ऐसा सोचते हैं। लोगों को उनके बयान के बाद लगने लगा कि Samrat Prithviraj एक ऐतिहासिक फिल्म है जबकि उन्होंने ऐसा कभी नहीं कहा।’
इंटरनेट पर बहुत सी गलत जानकारियां हैं: सम्राट पृथ्वीराज
डायरेक्टर आगे कहते हैं, ‘हमारी फिल्म इस डिस्क्लेमर के साथ खत्म होती है कि पृथ्वीराज के शासनकाल के बाद ‘विदेशी हमलावरों’ का शासन था। हां, फिल्म बनाते समय मुझे इसकी चिंता थी। हैरान करने वाली बात यह है कि फिल्म का हर तरफ से विरोध हुआ। कई लोगों ने सवाल उठाया कि मैंने मोहम्मद गोरी द्वारा किए गए अत्याचारों को क्यों नहीं दिखाया या मैंने संयोगिता के बलात्कार, गायों और ब्राह्मणों की हत्या को क्यों नहीं दिखाया। मैं इन दर्शकों से पूछना चाहता हूं कि उन्होंने इसे कहां पढ़ा। रासो में? कविता में इनमें से किसी भी घटना का जिक्र नहीं किया गया है। इंटरनेट पर बहुत सारी गलत जानकारियां हैं।’
-एजेंसियां
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