Agra News: राधास्वामी मत के पंचम गुरु दादाजी महाराज के प्रथम भंडारे पर तीन दिवसीय विशेष सत्संग 25 जनवरी से

RELIGION/ CULTURE

राधास्वामी मत के पंचम गुरु दादाजी महाराज को चोला छोड़े हुए आज 25 जनवरी, 2024 को पूरा एक वर्ष हो गया। दुनियावी लोगों को लगता होगा कि दादाजी महाराज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन हम राधास्वामी मत के अनुयायियों को प्रतिक्षण उनकी उपस्थिति अपने अंतरतम में आभासित है। हां, दादाजी महाराज सशरीर हमारे साथ नहीं हैं लेकिन शब्द स्वरूप से आज भी हम सबके संग हैं।

शब्द स्वरूपी संग हैं कभी न होते दूर,
धीरज रखियो चित्त में दिखेगा सत्त नूर।

दादाजी महाराज आज भी करोड़ों सतसंगियों का मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं। दादाजी महाराज का नाम लेते ही अस्थिर मन शांत हो जाता है। विपदा, आपदा, अभाव, शोक और विषाद के क्षणों में दादाजी महाराज संजीवनी औषधि की तरह प्रकट हो जाते हैं। वे राधास्वामी मत के आदि केंद्र हजूरी भवन, पीपल मंडी, आगरा में ही नहीं, यत्र-तत्र-सर्वत्र हैं। जो भी श्रद्धा से पुकारता है, दादाजी महाराज उसके जीवन रक्षक बनकर प्रकट हो जाते हैं।

दादाजी महाराज हम सबके माता, पिता, सखा, बंधु के साथ प्रियतम हैं। राधास्वामी धाम में विराजे हुए हैं पर हरदम हमारे साथ हैं। प्रियतम के विछोह का कष्ट होता ही है, पर दादाजी महाराज की याद और दया हम सबको संभाल रही है । दादाजी महाराज की दिव्यता के हम सब साक्षी हैं। वे आज भी करोड़ों लोगों की आस्था के केंद्रबिंदु हैं।

दादाजी महाराज का ओजयुक्त ललाट और उनकी सम्पूर्ण देह से निकलती चैतन्य किरणें हर किसी को समर्पण करने को विवश कर देती थीं। वे आधुनिक सदी के युगदृष्टा और गुणसृष्टा थे। एक शिक्षक, शिक्षाविद, इतिहासकार, कुशल प्रशासक, कवि, लेखक, वक्ता तथा समाज सुधारक के रूप में प्रवीणता से कार्य करते हुए वे सभी विधाओं के शिखर पर पहुँचे।

पिछले एक वर्ष में हजूरी भवन में दादाजी महाराज की समाध का निर्माण तेजी से चला। 5 दिसंबर 2023 को दादाजी महाराज की पवित्र रज स्थापित की गई। यह समाध मकराना के श्वेत संगमरमर से तामीर की गई है और इसकी छटा अनूठी व निराली है।

दादाजी महाराज के प्रथम भंडारे पर हम राधास्वामी मत के अनुयायी उन्हें श्रद्धापूर्वक नमन करते हैं और उनसे प्रार्थना करते हैं कि वह हम सबके अंग संग रहकर हमारी रक्षा व संभाल करते रहें।

दादाजी महाराज के व्यक्तित्व की खास बातें

दादाजी महाराज का जन्म 27 जुलाई, 1930 को हुआ था।

दादाजी महाराज राधास्वामी मत के संस्थापक परम पुरुष पूरन धनी हजूर महाराज राधास्वामी दयाल के प्रपौत्र थे।

वे आगरा विश्वविद्यालय के दो बार कुलपति रहे।

पंचम गुरु के रूप में दादाजी महाराज ने 1959 से 2023 तक राधास्वामी मत के आदर्शों को देश के हर कोने में प्रसारित किया।

दादाजी महाराज ने 92 वर्ष की आयु में 25 जनवरी, 2023 को निज धाम सिधारने की मौज फरमाई।

उनके व्यक्तित्व में इतना ओज था कि लोग सुनकर मंत्रमुग्ध होकर उन्हीं के होकर रह जाते थे।

दादाजी महाराज ने विधवा विवाह शुरू कराया और विवाह पद्धति में आमूलचूल परिवर्तन किया।

-प्रोफेसर अतुल माथुर
पूर्व निदेशक, सेठ पदमचंद जैन प्रबंध संस्थान, डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा

राधास्वामी मत के पंचम गुरु दादाजी महाराज के प्रथम भंडारे पर तीन दिवसीय विशेष सत्संग 25 जनवरी से

आगरा। राधास्वामी मत के पंचम गुरु दादा जी महाराज (प्रोफेसर अगम प्रसाद माथुर, पूर्व कुलपति आगरा विश्वविद्यालय) के प्रथम भंडारे पर कार्यक्रम 25 जनवरी से शुरू हो रहे हैं। उल्लेखनीय है कि दादाजी महाराज 25 जनवरी 2023 को राधास्वामी धाम सिधारने की मौज फरमाई थी।

यह जानकारी प्रोफेसर अतुल माथुर ने दी। उन्होंने बताया कि हजूरी भवन पीपल मंडी आगरा में दादाजी महाराज की मकराना से मंगाए गए श्वेत संगमरमर की अलौकिक समाध का निर्माण किया गया है। इसमें दादाजी महाराज की पवित्र रज रखी गई है। 25 जनवरी को समाध सभी सत्संगियों के दर्शनार्थ खोल दी जाएगी। सत्संग दादाजी महाराज की समाध पर होगा।

प्रोफेसर माथुर ने बताया कि 25 जनवरी को प्रातः 9:00 बजे से विशेष प्रार्थना सत्संग, दोपहर 12:30 बजे से विशेष आरती सत्संग, रात्रि 8:30 बजे से आरती सत्संग एवं निरंतर पाठ, 26 जनवरी को प्रातः 8:30 बजे निरंतर पाठ का समापन, दोपहर 12:30 बजे विशेष सत्संग और 27 जनवरी को पूर्वाह्न 11:00 बजे से आरती सत्संग और भंडारा होगा।

-up18 News

Dr. Bhanu Pratap Singh