Agra News: सूरसदन में भाजपा की संविधान गौरव अभियान की घटना पहुंची प्रदेश नेतृत्व तक, वरिष्ठ नेताओं ने दर्ज कराई आपत्ति

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आगरा। भाजपा द्वारा संविधान गौरव अभियान के अंतर्गत सूरसदन प्रेक्षागृह में बीते कल आयोजित की गई गोष्ठी एक ऐसी घटना घटी जिससे जिले के भाजपा नेता खुद को अपमानित महसूस कर रहे हैं। वे इसे सोच विचार के साथ किया गया अपमान मान रहे हैं। वे इतने आहत हैं कि बात प्रदेश नेतृत्व तक पहुंचा दी है।

सूरसदन में मामला यह हुआ कि कार्यक्रम के संचालक ने माइक से घोषणा की कि कार्यक्रम में जो लोग महानगर से आए हैं, वे अपनी जगह पर खड़े हो जाएं। महानगर क्षेत्र से आए कार्यकर्ता खड़े हो गए। संचालक ने इसके बाद यही बात आगरा जिले के कार्यकर्ताओं से कही और अपने स्थान पर खड़े होने को कहा। खड़े होने वाले कार्यकर्ताओं में महानगर की संख्या ज्यादा थी और जिले की कम।

जिस समय यह सब कुछ हुआ, मंच पर बैठे लोग सकते में आ गए। वे कुछ समझ पाते, तब तक सब कुछ हो चुका था। बाद में वरिष्ठ नेताओं ने अपने उदबोधन में कार्यक्रम संचालक के इस कृत्य पर आपत्ति जताई। कैबिनेट मंत्री बेबीरानी मौर्य को भी यह बात पसंद नहीं आई। उन्होंने इस पर आपत्ति जताई।

यह आयोजन भाजपा अनुसूचित मोर्चा की ओर से आयोजित क्या गया था। कार्यक्रम के संयोजक अशोक पिप्पल थे और संचालन राजकुमार गुप्ता कर रहे थे। कार्यक्रम में मुख्यत: महानगर के कार्यकर्ताओं को ही रहना था। कार्यक्रम संयोजक ने जिले से केवल मंडल अध्यक्षों और अनुसूचित मोर्चा के पदाधिकारियों को आने को बोला था। इसके साथ ही मथुरा, फिरोजाबाद और हाथरस के अनुसूचित मोर्चा के पदाधिकारियों को भी बुलाया गया था।

कार्यक्रम में मंच पर मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल के पहुंचने से पूर्व कार्यक्रम संचालक ने सबसे पहले महानगर के कार्यकर्ताओं को अपने स्थान पर खड़े होने को बोला। इसके बाद उन्हें बैठने के निर्देश देने के साथ ही आगरा जिले के कार्यकर्ताओं को खड़े होने को बोला।

चूंकि कार्यक्रम महानगर में हो रहा था तो स्वाभाविक था कि उनकी संख्या ज़्यादा ही रहनी थी। संचालक के इस कृत्य पर वरिष्ठ नेताओं की भौंहें तन गईं। उन्होंने इस पर आपत्ति भी जताई। साथ ही प्रदेश नेतृत्व से भी शिकायत की गई है।

इधर इस मामले में भाजपा जिलाध्यक्ष गिर्राज कुशवाह का कहना है कि उन्हें कार्यक्रम संयोजक द्वारा मंडल अध्यक्ष और एससी मोर्चा के पदाधिकारियों को कार्यक्रम में लाने के लिए कहा गया था, जो आए भी। कार्यक्रम मूलत: महानगर का था तो संख्या पक्ष भी महानगर का ज़्यादा रहना था। उन्हें जो ज़िम्मेदारी दी गई, उसको पूरा किया गया। सूरसदन में संचालक के ऐसा करने पर वह ख़ुद हतप्रभ रह गए।

साभार सहित


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Dr. Bhanu Pratap Singh