मनोज ढाबे पर रातभर सजती हैं महफिलें, शराबियों का अड्डा बना इलाका
“शहर की फिजाओं में घुलने लगी है दहशत की बू, रात ढलते ही उठने लगते हैं जश्न के सुर।”
आगरा। न्यू आगरा थाना क्षेत्र का मनोज ढाबा अब खाने-पीने की जगह कम और शराबियों का अड्डा ज्यादा बन गया है। रात होते ही यहां शराब के जाम छलकते हैं, ऊंची आवाज में ठहाके गूंजते हैं, और हुड़दंग मचता है। नशे में धुत्त लोग बेकाबू होकर इलाके में अशांति फैलाते हैं और सड़क पर गाड़ियों से ट्रैफिक जाम की समस्या का सामना करना पड़ता है। इस वजह से स्थानीय लोग दहशत और घुटन में जीने को मजबूर हैं।
रातभर हुड़दंग, दिनभर सन्नाटा
रात के अंधेरे में जब पूरा शहर नींद की आगोश में होता है, तब मनोज ढाबा पर असामाजिक तत्वों की महफिलें सजती हैं। नशे में धुत्त लोगों के झगड़े, हंगामे और तेज आवाजों से इलाके का सुकून छिन चुका है। हाल ही में इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसने ढाबे की हकीकत को उजागर कर दिया।
एडिशनल सीपी ने लिया था वीडियो का संज्ञान
वायरल वीडियो का संज्ञान एडिशनल सीपी संजीव त्यागी द्वारा लिया गया था जिस पर तत्काल एसीपी हरी पर्वत आदित्य को मनोज ढाबे के विरुद्ध सख्त आदेश लेने के लिए कहा गया जिसके चलते एक हफ्ते देर रात्रि सही समय पर ढाबा बंद होने लगा, परंतु एक हफ्ता निकलते ही ढाबा अपने पुराने ढंग में देर रात्रि तक गुलजार होने लगा और फिर वही लोगों की देर रात तक महफिल सजने लगी। ढाबे पर कार्रवाई के बाद से स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली थी लेकिन फिर अब वही हाल है। स्थानीय पुलिस इस मामले में कुछ ठोस कदम नहीं उठा पा रही है जिससे जनता का खाकी से भरोसा टूट रहा है।
क्या कोई और पर्दे के पीछे से, चला रहा है ये महफिलें रंगीन?”
स्थानीय लोग कई बार थाना न्यू आगरा पुलिस से शिकायत कर चुके हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। लोगों को संदेह है कि ढाबा संचालक को किसी “खास इजाजत” का सहारा मिला हुआ है, जिससे वह बिना किसी डर के नशे की ये नगरी बसाए बैठा है।
क्या कहते हैं स्थानीय निवासी
स्थानीय निवासियों का कहना है की देर रात ढाबे के चलते न्यू आगरा कॉलोनी में आना जाना दुश्वार हो जाता है फैमिली के साथ जाना आने में डर लगता है क्योंकि लोगों का जमावड़ा लगा रहता है, कॉलोनी में हॉस्पिटल भी संचालित है अगर देर रात्रि किसी इमरजेंसी के चलते कॉलोनी से बाहर निकलना हो तो बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है, एक हफ्ता सुकून से गया जब ढाबा समय अनुसार बंद हो रहा था पर अब हालत फिर वही बन गए हैं।
इलाके के लोग अब जिम्मेदार अधिकारियों से जवाब और कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, क्या सिर्फ यह कार्रवाई या आदेश सिर्फ हफ्ते भर के लिए था या सिर्फ एक दिखावा था।
-विशेष पत्रकार
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