आगरा: राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच की विगत दिवस हुई बैठक में समसामयिक विषयों पर गहन चर्चा की गई, जिसमें अमेरिका में चुनाव के बाद ट्रंप शासन और उनके द्वारा लिए जा रहे निर्णयों पर पैनल डिस्कशन हुआ। बैठक में विभिन्न वक्ताओं ने डीप स्टेट के बारे में विस्तार से विचार प्रस्तुत किए।
परिचर्चा की शुरुआत करते हुए ब्रिगेडियर मनोज कुमार ने बताया कि बाइडेन प्रशासन के रहते हुए यूएस सरकार के कुछ विभाग अन्य देशों में वहां की सरकारों को अस्थिर करने का षड्यंत्र करते आ रहे थे। यह सब डीप स्टेट के इशारे पर किया जा रहा था। उन्होंने बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार को अपदस्थ करने के प्रयासों का उदाहरण दिया, जिसका खामियाजा हिंदू समुदाय को भुगतना पड़ा।
सामाजिक चिंतक गौरी शंकर सिकरवार ने कहा कि डीप स्टेट आजादी के पहले से ही देश में हस्तक्षेप करता रहा है। विचारक डॉ. रजनीश त्यागी ने कहा कि डीप स्टेट का प्रभाव देश की नीतियों और निर्णयों पर भी पड़ता है। प्रो राजीव उपाध्याय ने मोदी योगी युग में शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों का जिक्र किया। अतुल सरीन ने सरकार द्वारा निम्न वर्ग को अपने पैरों पर खड़े होने के लिए विभिन्न लोन स्कीमों को वितरण किए जाने को एक अच्छा कदम बताया।
डॉ. दिवाकर तिवारी ने समय-समय पर समाज के बीच डीप स्टेट सहित अन्य संगठनों एवं विदेशी सरकार द्वारा देश में किए जा रहे हस्तक्षेप पर संगोष्ठी करने और जनसमूह को जागरूक करने के लिए कार्यक्रम करने की आवश्यकता बताई।
कर्नल जी एम खान ने 1971 के युद्ध की चर्चा करते हुए बताया कि किस तरह भारत ने बांग्लादेश के निर्माण में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि आज वही बांग्लादेश भारत के लिए एक दुश्मन की तरह खड़ा है।
वरिष्ठ पत्रकार पवन सिंह ने कहा कि देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार में सुरक्षित हाथों में है। यही कारण है कि डीप स्टेट चुनाव में निष्प्रभावी रहा, लेकिन देश को सतर्कता के साथ आगे बढ़ना होगा।
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