Agra News: आधी रात खुला एसीपी न्यायिक कोर्ट, रसूखदारों की जमानत बनी चर्चा का विषय

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किरावली (आगरा)। देश की न्यायिक व्यवस्था को लेकर जनता के बीच वर्षों से चली आ रही बहस एक बार फिर ताज़ा हो गई है। कभी संसद पर आतंकी हमले के दोषी अफजल गुरु के मामले में सर्वोच्च न्यायालय के देर रात खुलने की चर्चा हुई थी, तो अब किरावली क्षेत्र में शांति भंग के दो आरोपियों को जमानत देने के लिए एसीपी न्यायिक कोर्ट का आधी रात को खुलना लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया है।

मिली जानकारी के अनुसार थाना फतेहपुर सीकरी क्षेत्र के गांव बदनपुर/वर्नामई निवासी विवेक और थाना कागारौल क्षेत्र के गांव बीसलपुर निवासी मनोज सिंह आपस में सगे रिश्तेदार हैं। बताया गया कि दोनों युवकों ने फतेहपुर सीकरी पुलिस को कार चोरी की झूठी सूचना दी थी। सूचना मिलते ही पुलिस तत्काल गांव वर्नामई पहुंची, लेकिन जांच में सूचना फर्जी पाई गई। इसके बाद पुलिस ने दोनों को हिरासत में लेकर शांति भंग की धाराओं में चालान कर थाने की हवालात भेज दिया।

मामले में उस समय नया मोड़ आया, जब दोनों आरोपियों की जमानत कराने के लिए उनके रिश्तेदार सक्रिय हो गए। बताया जा रहा है कि राजनीतिक रसूख और दबाव के चलते सामान्य तौर पर शाम छह बजे तक बंद रहने वाला एसीपी न्यायिक कोर्ट बुधवार की मध्यरात्रि में खोला गया। अभियुक्तों की ओर से पैरवी के लिए युवा अधिवक्ता लोकेंद्र फौजदार भी कोर्ट पहुंचे और कुछ ही देर में दोनों युवकों को देर रात जमानत मिल गई।

इस पूरे घटनाक्रम के बाद क्षेत्र में चर्चाओं का बाजार गर्म है। स्थानीय लोगों का कहना है कि जब किसी गरीब या सामान्य व्यक्ति पर कानून की कार्रवाई होती है, तो नियम-कानून पूरी सख्ती से लागू किए जाते हैं। लेकिन जब प्रभावशाली या रसूखदार लोगों से जुड़े मामले सामने आते हैं, तो वही नियम लचीले हो जाते हैं और आधी रात में भी कोर्ट के दरवाजे खुल जाते हैं।

बुधवार रात की इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या कानून वास्तव में सबके लिए समान है, या फिर उसकी व्याख्या और अमल ताकत व पहुंच के अनुसार बदल जाता है।

Dr. Bhanu Pratap Singh