आगरा। उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन द्वारा भूमिगत भाग में ट्रैक बिछाने के कार्य जल्द शुरू किया जाएगा। इसके लिए रामलीला ग्राउंड स्थित लॉन्चिंग शाफ्ट में क्रेन की मदद से पटरी टनल में पहुंचाने का काम शुरू कर दिया गया है। यूपी मेट्रो टनल में ट्रैक स्लैब की कास्टिंग कर हेड हार्डेंड रेल ट्रैक बिछाया जाएगा।
बता दें कि हेड हार्डेंड रेल पारंपरिक तौर पर प्रयोग की जाने वाले पटरियों से मजबूत होती हैं। इसके साथ ही हेड हार्डेंड रेल ट्रैक की मेंटिनेंस कॉस्ट भी काफी कम होती है। रेलवे की तुलना में मेट्रो प्रणाली में पटरियों पर गाड़ियों का आवागमन अधिक होता है, यहां मेट्रो रेल औसतन पांच मिनट के अंतर पर चलती हैं। यूपी मेट्रो के प्रबंध निदेशक सुशील कुमार ने कहा कि तेजी से ट्रेन की स्पीड पकड़ने और ब्रेक लगाने की स्थिति में ट्रेन के पहिये और पटरी के बीच अधिक घर्षण होता है। जिसके कारण सामान्य रेल जल्दी घिस जाती है और पटरी टूटने, क्रेक आदि जैसी समस्या आने लगती है, लेकिन हेड हार्डेंड रेल के अधिक मजबूत होने के कारण ऐसी कोई समस्या नहीं आती है।
गौरतलब है कि ताजनगरी में 29.4 किमी लंबे दो कॉरिडोर का मेट्रो नेटवर्क बनना है, जिसमें 27 स्टेशन होंगे। ताज ईस्ट गेट से सिकंदरा के बीच 14 किमी लंबे पहले कॉरिडोर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। इस कॉरिडोर में 13 स्टेशनों का निर्माण होगा। जिसमें 6 एलीवेटिड जबकि 7 भूमिगत स्टेशन होंगे। इस कॉरिडोर के लिए पीएसी परिसर में डिपो का निर्माण किया जा रहा है। इसके साथ ही आगरा कैंट से कालिंदी विहार के बीच लगभग 16 कि.मी. लंबे दूसरे कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा, जिसमें 14 ऐलीवेटेड स्टेशन होंगे। इस कॉरिडोर के लिए कालिंदी विहार क्षेत्र में डिपो का निर्माण किया जाएगा।
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