आगरा। प्रशासनिक अधिकारी के साथ हुए विवाद में फतेहाबाद की नगर पंचायत अध्यक्ष आशा देवी चक की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के बाद गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है। पुलिस ने उनकी तलाश शुरू कर दी है। परेशान आशा देवी ने भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेताओं से संपर्क कर अपना पक्ष रखना शुरू कर दिया है। आज रविवार की सुबह उन्होंने एक माननीय के निवास पर पहुंच कर रोते हुए पूरी घटना बयान की और कहा कि उन्हें झूठा फंसाया जा रहा है।
चर्चा है कि मुकदमे में नामजद आशा देवी के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई तय है। पुलिस आशा देवी की गिरफ्तारी से पहले विधिक राय लेगी।
शहर के साथ केंद्र और प्रदेश में रसूख रखने वाले भाजपा के एक माननीय से आशादेवी को कुछ उम्मीद बंधी है। आशादेवी ने आज आंखों में आंसू भरकर माननीय के समक्ष अपना पक्ष रखा। उन्होंने पुलिस पर गलत तरीके से डकैती की धारा भी जोड़ने का आरोप लगाया। माननीय ने आशादेवी के सामने ही पुलिस के उच्चाधिकारी से बात कर डकैती की धारा पर पुनर्विचार करने को कहा। उन्होंने आशा देवी से इस उच्चाधिकारी से मिलकर पूरा प्रकरण बताने को भी कहा है।
गौरतलब है कि ईओ कल्पना वाजपेयी से विवाद के बाद थाने में हुए हंगामे और अभद्रता में पुलिस ने पंचायत अध्यक्ष व उनके सहयोगियों के विरुद्ध दो मुकदमे दर्ज किये हैं। पुलिस ने पंचायत अध्यक्ष के भाई और बेटे को जेल भेज दिया। नगर पंचायत अध्यक्ष भी दोनों मुकदमों में नामजद हैं।
अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत कल्पना वाजपेयी ने मुकदमे में लिखाया था कि वह शुक्रवार को कार्यालय में बैठी थीं। नगर पंचायत चेयरमैन आशा देवी अपने बेटे तरुण, भाई मनीष और कुछ अन्य लोगों के साथ आईं। उन्होंने अभद्रता की और उन्हें बंधक बना लिया। फोन छीनने की कोशिश, धक्का-मुक्की की गई।
दूसरा मुकदमा पुलिस ने अपनी तरफ से लिखाया है। इसमें कहा गया है कि कल्पना वाजपेयी थाने में सीओ फतेहाबाद, तहसीलदार व इंस्पेक्टर की मौजूदगी में अपने साथ हुई घटना बता रही थीं। नगर पंचायत अध्यक्ष आशा देवी चक, भाई मनीष व बेटा तरुण अपने समर्थकों के साथ थाने आ गए। हंगामा शुरू कर दिया। कल्पना वाजपेयी का मोबाइल फोन छीनकर उससे वीडियो डिलीट करने लगे। पुलिस अधिकारियों ने रोकने का प्रयास किया तो उनसे भी अभद्रता की। खींचतान के साथ मारपीट तक कर डाली। महिला आरक्षी से अभद्रता की गई। घटना से थाने में अफरा-तफरी मच गई।
एसआई सनोज कुमार की तहरीर पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ बलवा, मारपीट, गाली-गलौज, सरकारी कार्य में बाधा, जान से मारने की धमकी की धारा के तहत मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस ने आरोपी मनीष चक व तरुण असौलिया को गिरफ्तार करके शनिवार को जेल भेज दिया।
घटना वाले दिन भारतीय जनता पार्टी के कई नेता थाने पहुंच गए थे और उन्होंने आशादेवी की पैरवी की थी, लेकिन पुलिस के कड़े रुख को देखते हुए उन्होंने भी अपनी सक्रियता धीमी कर दी है।
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