निष्कासन के बाद बोले आचार्य प्रमोद कृष्णम, कांग्रेस ने मुझे 6 वर्ष के लिए क्यों निकाला, इसे 14 वर्ष कर दिया जाए

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कांग्रेस पार्टी से निष्कासन के बाद आचार्य प्रमोद कृष्णम ने रविवार दोपहर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी बात रखी. शनिवार को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव के. सी. वेणुगोपाल की ओर से जारी प्रेस रिलीज़ में कहा गया कि ‘अनुशासनहीनता और पार्टी के ख़िलाफ़ बयान’ देने के कारण यह कार्रवाई की गई है.

मीडिया को संबोधित करते हुए आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि पार्टी से निकाले जाने की ख़बर उन्हें न्यूज़ चैनलों के माध्यम से मिली और वे कांग्रेस नेतृत्व का आभार प्रकट करते हैं कि उन्हें मुक्त कर दिया गया.

उन्होंने कहा, “मैं वेणुगोपाल या खड़गे जी से पूछना चाहता हूं कि कौन सी ऐसी गतिविधियां हैं जो पार्टी के विरोध में थी और उन्हें कब पता चला. क्या राम का नाम लेना पार्टी विरोधी है? क्या अयोध्या जाना पार्टी विरोधी है? क्या प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण स्वीकार करना पार्टी विरोधी है?

“क्या श्री कल्कि धाम का शिलान्यास करवाना पार्टी विरोधी है? क्या नरेंद्र मोदी जी से मिलना पार्टी विरोधी है? क्या उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को श्री कल्कि धाम के शिलान्यास का निमंत्रण देना पार्टी विरोधी है?”

प्रमोद कृष्णम ने कहा, “कांग्रेस पार्टी के बहुत सारे ऐसे फैसले थे जिनसे मैं सहमत नहीं था. धारा 370 हटाने का फैसला जब भारत के आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने लिया तो यह फैसला देशहित में था. कांग्रेस को इसका विरोध नहीं करना चाहिए था.”

“इसी तरह तीन तलाक का फैसला हमारी मुस्लिम बहनों के हक में था. इसका पार्टी को विरोध नहीं करना चाहिए था.”
“जब डीएमके के नेताओं ने कहा कि हम सनातन को मिटा देंगे, सनातन डेंगू है, मलेरिया है, कुष्ठ रोग है. इसका समर्थन कांग्रेस को नहीं करना चाहिए था.”

उन्होंने कहा, “एक बड़ा मोड़ आया जब भारत की नई संसद का उद्घाटन भारत के पीएम ने किया. उसका विरोध कांग्रेस पार्टी ने जब किया तो मैंने इस बात का समर्थन नहीं किया. मैंने यह बात कही कि अगर भारत की संसद का उद्घाटन अगर भारत का प्रधानमंत्री नहीं करेगा तो क्या पाकिस्तान का करेगा?”

“मेरी अभिलाषा है, प्रबल इच्छा है कि भगवान राम को 14 वर्ष का वनवास दिया गया था. एक रामभक्त को छह साल के लिए क्यों निकाला जा रहा है. इसे 14 वर्ष कर दिया जाए.”

उन्होंने कहा, “सचिन पायलट जी का बहुत अपमान हुआ है, लेकिन भगवान शिव की तरह वो जहर पीए जा रहे हैं. उसी तरह प्रियंका गांधी जी की बहुत तौहीन हो रही है. जब ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी की पदाधिकारियों की लिस्ट जारी हुई तो देश की आजादी के बाद आज तक किसी भी पदाधिकारी के सामने यह नहीं लिखा गया, जो प्रियंका गांधी के सामने लिखा गया. उनके आगे लिखा गया, प्रियंका गांधी, जनरल सेक्रेटरी, विदाउट एनी पोर्टफोलियो. यानी आप जनरल सेक्रेटरी हैं और आप कोई काम नहीं करेंगी. आप पूछिए कि राहुल गांधी की डेढ़ महीने से यात्रा चल रही है, आप उसमें क्यों नहीं जा रही हैं. सवाल इस बात का है, ये अपमान जो किया जा रहा है, ये किसके इशारे पर हो रहा है. हमारे अध्यक्ष जी तो रबड़ स्टांप हैं.”

आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा, “पार्टी के अंदर मुझे अपमानित करने का काम किया जाने लगा. मैंने अपमान के बहुत घूंट पीए, लेकिन पार्टी नहीं छोड़ी. कई बार मैं अपने आप से सवाल करता था कि इतना अपमान सहकर मैं कांग्रेस में क्यों हूं, लेकिन राजीव गांधी जी को दिया वचन मेरे आड़े आता था. इसलिए मैंने पार्टी छोड़ने का फैसला नहीं किया.”

-एजेंसी

Dr. Bhanu Pratap Singh