अखिलेश दुबे गिरोह से जुड़ाव का आरोप, सीओ ऋषिकांत शुक्ला पर गिरी योगी सरकार की गाज, 100 करोड़ की संपत्ति जांच के घेरे में

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कानपुर के चर्चित अखिलेश दुबे प्रकरण में बड़ा कदम उठाते हुए मैनपुरी जिले के भोगांव में तैनात सीओ ऋषिकांत शुक्ला को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है। साथ ही उनके खिलाफ विजिलेंस जांच भी शुरू कर दी गई है। बताते चलें कि कानपुर पुलिस की एसआईटी जांच में शुक्ला के पास 100 करोड़ रुपए से अधिक की अकूत और बेनामी संपत्ति होने का दावा किया गया है।

इसके साथ ही उन्हें जेल में बंद अधिवक्ता अखिलेश दुबे के गिरोह का सदस्य भी बताया गया है। एसआईटी जांच की रिपोर्ट के आधार पर शासन ने उन्हें सस्‍पेंड कर दिया है। वहीं, निलंबित सीओ ने अपने खिलाफ लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया है।

बता दें कि पुलिस विभाग का नामी चेहरा ऋषिकांत शुक्ला कानपुर में 1998 से 2006 तक उपनिरीक्षक और इसके बाद दिसंबर 2006 से 2009 तक निरीक्षक के रूप में 11 साल तक तैनात रहे। पुलिस उपाधीक्षक पद पर प्रोन्नति के बाद बाद भी इन्हें उन्नाव जिले में तैनाती मिली। कानपुर में पिछले दिनों तत्कालीन पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार के निर्देश पर पुलिस ने रेप के झूठे केस में फंसाकर कर बीजेपी नेता सतीश सतीजा को फंसाने के मामले में अधिवक्ता अखिलेश दुबे को जेल भेजा था।

गिरोह में पुलिस, वकील और पत्रकार शामिल

इस मामले में एसआईटी गठित की गई थी। एसआईटी जांच में यह दावा किया गया कि अखिलेश के गिरोह में पुलिस, पत्रकार के साथ ही वकील भी शामिल हैं। इस जांच में सीओ ऋषिकांत शुक्ला का नाम सामने आया था। तीन नवंबर को शासन में तैनात सचिव जगदीश ने प्रमुख सचिव विजलेंस विभाग को पत्र लिखा है। इसमें अपर पुलिस महानिदेशक प्रशासन द्वारा पुलिस आयुक्त कानपुर नगर जांच आख्या के आधार पर सीओ ऋषिकांत के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में विजलेंस जांच शुरू कर कार्रवाई करने को कहा है।

11 दुकानें आर्यनगर में, 12 संपत्तियों की कीमत 92 करोड़

पत्र के मुताबिक, वर्तमान में मैनपुरी के भोगांव सीओ पद पर तैनात ऋषिकांत ने अस्वाभाविक आय से अत्यधिक अकूत संपत्ति जुटाई है। एसआईटी की जांच में सामने आया है कि ऋषिकांत ने स्वयं और अपने परिजनों, साथियों और साझेदारों के साथ करीब 100 करोड़ की संपत्ति अर्जित की है। 12 स्थानों पर उपलब्ध संपत्तियों का वर्तमान बाजार मूल्य लगभग 92 करोड़ है। इनकी ग्यारह दुकानें आर्यनगर में हैं, जो पड़ोसी साथी देवेंद्र दुबे का नाम पर हैं।

अखिलेश दुबे का ‘खाकी जाल’

जेल में बंद चर्चित अधिवक्ता अखिलेश दुबे के मददगारों की फेहरिस्त बहुत लंबी है। इसमें ऋषिकांत शुक्ला जैसे पुलिसकर्मी अकेले नहीं हैं। अखिलेश दुबे ने अपने आसपास खाकी का ऐसा जाल बुना था जिसमें शिकार कितना भी हाथ-पैर मारे फंस ही जाता था। फिलहाल सीओ ऋषिकांत शुक्ला को मिलकर दस पुलिसकर्मी ऐसे हैं, जिन्हें चिह्नित करके जांच की जा रही है। जानकारी के मुताबिक, अभी कई और पुलिस कर्मियों के नाम सामने आने वाले हैं।

साभार सहित

Dr. Bhanu Pratap Singh