New Delhi, Capital of India. आज़ादी के 75वें अमृत महोत्सव मनाए जाने के साथ साथ राजधानी दिल्ली में पूर्व प्रधानमन्त्री चंद्रशेखर की संस्था युवा भारती ट्रस्ट एवं अलीगढ़ स्थित संस्था नरेंद्र मोदी अध्ययन केंद्र (नमो केन्द्र) के बीच शैक्षणिक अनुसंधान के लिए सहयोग का समझौता हुआ है। संस्थाओं के पदाधिकारी के साथ राष्ट्रीय इन्दिरा गांधी कला केंद्र के अध्यक्ष एवं संस्था के संरक्षक, वरिष्ठ पत्रकार पद्मश्री राम बहादुर राय ने इस अहम शैक्षणिक अनुसंधान समझौता पर हस्ताक्षर किए। संयुक्त अध्ययन केंद्र दीन दयाल उपाध्याय मार्ग, नई दिल्ली स्थित चंद्रशेखर भवन के भूतल पर होगा।
इस अवसर पर पद्मश्री राम बहादुर राय ने कहा कि प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी के नव भारत की संकल्पना, जलवायु, स्वास्थ, शिक्षा, संविधान की सोच, कृषि जैसे मुद्दों पर गहन अनुसन्धान और पूर्व प्रधानमन्त्री चंद्रशेखर के राजनितिक और सामाजिक कार्यों पर विशेष शैक्षणिक अनुसंधान पर कार्य किया जाना है। राष्ट्र समर्पित स्वयंसेवी संस्थाओं की आवश्कता है। सरकारी शिक्षण संस्थानों की तो अपने संसाधान की सीमा होती है।
उल्लेखनीय है कि नरेंद्र मोदी अध्ययन केंद्र (नमो केंद्र) ट्रस्ट द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कई शोध पुस्तक और दस्तावेज़ पर कार्य हुए हैं और हो रहे हैं। संस्था के सभापति जसीम मोहम्मद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कई पुस्तक लिख चुके हैं, जिनका लोकार्पण स्वयं प्रधानमंत्री ने किया है। समय की आवश्यकता है कि राजधानी में एक प्रतिष्ठित, गहन विश्वसनीय अनुसन्धान केन्द्र बनाया जाए, जो केवल राष्ट्र निर्माण और राष्ट्र को समर्पित हो।
प्रधानमंत्री के पूर्व राजनितिक सलाहकार एवं युवा भारती ट्रस्ट के सचिव प्रो एच एन शर्मा ने बताया कि नरेंद्र मोदी अध्ययन केंद्र और युवा भारती ट्रस्ट के मध्य पांच वर्ष के लिए शैक्षणिक अनुसंधान और सहयोग के निमित्त समझौता पर हस्ताक्षर हुआ है। इसके तहत पूर्व प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर की विचारधारा के अनुरूप जलवायु परिवर्तन, सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा, चन्द्रशेखर के राजनीतिक क्षेत्र की विचारधारा पर कार्य किया जाएगा। उन्होंने बताया कि नरेंद्र मोदी अध्ययन केंद्र के साथ सभी कार्यक्रम साझा होंगे।
नरेंद्र मोदी अध्ययन केंद्र के सभापति प्रोफेसर जसीम मोहम्मद ने युवा भारती ट्रस्ट के पदाधिकारी एवं सचिव प्रो एच एन शर्मा एवं पद्मश्री राम बहादुर राय का आभार व्यक्त किया। राजधानी दिल्ली में गहन शोध कार्य के लिए स्वयंसेवी संस्थाओं की कमी है। राष्ट्र निर्माण कार्य के शोध का महत्व है। भाषा, बोली, अंतर विश्वास, भारत विश्वगुरु, कृषि संस्कृति, सामाजिक और धार्मिक सहनशीलता, सूफीवाद, संत और संस्कृति संरक्षण, आत्मनिर्भर भारत, धार्मिक पाठ्यक्रम सामग्री पर शोध, सद्भाव, जलवायु परिवर्तन जैसे अनगिनत मुद्दों पर गहन शोध कार्य होगा।
प्रोफेसर जसीम मोहम्मद ने बताया कि दोनों संस्थाओं द्वारा राज्य सरकारों, देश और विदेशों में भी ऐसे गहन शोध अध्ययन केंद्र खोलने के लिए सरकारों को आवेदन किया जाएगा। इसके साथ ही संस्था मानती है कि श्री नरेंद्र मोदी एक विचारधार का नाम है जिनके चरित्र, सांस्कृतिक समझ, सोच पर दुनिया शोध कर रही है। भारत को राष्ट्र बनाने में एक बड़ा योगदान मोदी विचारधारा का है, जिस पर सतत शोध होते रहेंगे।
प्रख्यात कानूनविद एवं उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता डॉक्टर एस के वर्मा ने सैक्षी के रूप में हस्ताक्षर किए। युवा भारती ट्रस्ट के अध्यक्ष पीएस प्रसाद ने शुभकामनाएं दी। नमो केंद्र के कोषाध्यक्ष डॉक्टर दौलत राम शर्मा ने शोध कार्य की रूपरेखा बताई।
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