झांसी मेडिकल कॉलेज में लगी भीषण आग, शिशु वार्ड के 10 नवजात बच्चों की मौत, 30 से अधिक को बचाया

REGIONAL





उत्तर प्रदेश के झांसी जिले शुक्रवार देर-रात महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज के नवजात शिशु गहन चिकित्सा कक्ष एसएनसीयू वार्ड में भीषण आग लगने से 10 नवजात शिशुओं की झुलसने एवं दम घुटने से मौत हो गई। जिस वार्ड में आग लगी थी, वहां 47 नवजात भर्ती थे। रात लगभग 11.40 आग लगने का कारण ऑक्सीजन सिलेंडर में ब्लास्ट बताया जा रहा है। सीएम योगी ने हादसे पर संज्ञान लिया है।

खबर लिखे जाने तक मेडिकल कॉलेज वार्ड से 31 नवजात को बाहर निकाल लिया गया था। हादसे की सूचना मिलते ही दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंच गईं। सेना को भी बुला लिया। सेना एवं दमकल की गाड़ियां आग बुझाने में जुटी हैं। दस नवजात की मौत से अस्पताल परिसर में कोहराम मचा हुआ है। नवजातों के माता-पिता भी अपने नवजातों को बचाने की गुहार लगा रहे हैं।

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक रात करीब पौने ग्यारह बजे मेडिकल कॉलेज एसएनसीयू वार्ड से धुआं निकलता दिखा। वहां मौजूद लोगों ने शोर मचाया। जब तक कुछ समझ पाते, आग की लपटें उठने लगीं। कुछ ही देर में आग ने वार्ड को अपनी चपेट में ले लिया। वहां भगदड़ मच गई। वार्ड की खिड़की का कांच तोड़कर फायर ब्रिगेड कर्मी अन्दर पहुंचे और 8 बच्चों को बाहर निकाला, जो बुरी तरह झुलसे हुए थे।

नवजातों को बाहर निकालने की कोशिश हुई लेकिन, धुआं एवं दरवाज पर आग की लपट होने से नवजात समय पर बाहर नहीं निकाले जा सके। कुछ देर बाद दमकल की गाड़ियों के पहुंचने पर नवजातों को बाहर निकाला जा सका। खबर लिखे जाने तक वार्ड से 10 नवजात शिशुओं के शव बाहर निकाले जा चुके। मौके पर रोते-बिलखते परिजनों का जमावड़ा हुआ है। खबर लिखे जाने तक बचाव कार्य चल रहा था।मौके पर जिलाधिकारी समेत सभी प्रशासनिक अधिकारी पहुंच गए हैं। सेना का दमकल वाहन मौके पर पहुंच चुका है। मेडिकल कॉलेज की बिजली काट दी गई है। अब तक करीब 30 से अधिक बच्चों का रेस्क्यू कर सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है।

मेडिकल कॉलेज में आग लगने के बाद से चारो ओर अफरा-तफरी का माहौल है। परिजन रोते-बिलखते नजर आ रहे हैं। कानपुर से बड़ी डॉक्टरों की बड़ी टीम को झांसी के लिए रवाना किया गया है। सीएम के निर्देश पर उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक एवं प्रमुख सचिव स्वास्थ्य भी झांसी के लिए रवाना हुए।

बुंदेलखंड क्षेत्र के ज्यादातर लोग मेडिकल कॉलेज में डिलीवरी और इलाज के लिए आते हैं। परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है। कानून व्यवस्था न बिगड़े इसके लिए भारी मात्रा में पुलिस फोर्स की तैनाती की गई है।




Dr. Bhanu Pratap Singh