परिवार में बच्चे का जन्म बहुत खुशी लेकर आता है| माता और पिता के लिए विशेष प्रसन्नता की बात होती है परंतु मां की उचित देखभाल व बच्चे को पौष्टिक आहार न मिलने के कारण नवजात शिशु को अनेक परेशानियों का ना केवल सामना करना पड़ता है बल्कि परिवार की खुशियों को ग्रहण लग जाता है| इसी बात को मद्देनजर रखते हुए विश्व में 7 नवंबर को शिशु सुरक्षा दिवस मनाया जाता है। उद्देश्य नवजात शिशु की रक्षा के लिए माँ बाप को और समाज को उसके स्वास्थ्य की अच्छी देखभाल के लिए जागरूक करना है ताकि नवजात शिशु की अच्छी देखभाल से वह युवा होकर राष्ट्र के निर्माण में सहयोग कर सकें|
भारत में नवजात शिशुओं की दूसरे देशों की अपेक्षा मृत्य दर काफी अधिक है जबकि सरकार द्वारा प्रसूता को व बच्चे के पौष्टिक आहार से लेकर स्वास्थ्य के लिए अनेक टीकाकरण के प्रोग्राम चलाए जाते हैं, जो गर्भ धारण से लेकर से पाँच वर्ष तक आहार का व टीके का ध्यान रखे। भारत में अशिक्षा व गरीबी साथ ही परिवार नियोजन का पालन न करने के कारण बच्चों के लालन-पालन में अकसर पौष्टिक आहार व देखरेख का अभाव रहता है| सभी प्रबुद्ध व्यक्तियों से व स्वास्थ्य कर्मियों से आग्रह है कि शिशुओं की देखभाल अच्छे से हो |
सात नवंबर को ही नहीं, हमेशा सभी मां-बाप को जागरूक करते रहना चाहिए क्योंकि आज का नवजात शिशु बड़ा होकर देश का, परिवार का भविष्य बनता है| नवजात शिशुओं को बहुत-बहुत शुभकामनाएं व ईश्वर से प्रार्थना है कि शिशु स्वस्थ हो , बुद्धिमान हो व श्रेष्ठ होकर अपने परिवार का और देश का मान बढ़ाएं|

राजीव गुप्ता ‘जनस्नेही’
लोकस्वर, आगरा
फोन नम्बर 9837097850
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