Mathura (Uttar Pradesh, India)। मथुरा। बाबरी विध्वंस मामले में मथुरा के विजय बहादुर सिंह और साध्वी ऋतंभरा बरी हो गई है। मथुरा में इस फैसले के बाद जशन का माहौल है। हिंदूवादी संगठनों के अलावा कई राजनीतिक दलों ने भी इस पर खुशी का इजहार किया है। जगह-जगह मिठाई बांटी गईं और लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। हांलांकि दूसरे कारणों से बुधवार को मथुरा में सुरक्षा व्यवस्था खास चाक चौबन्द रही जिसके चलते लोग सडक पर उतर कर उस अंदाज में अपनी भावनाओं का इजहार नहीं कर सके जो वह करना चाहते थे।
सत्य की जीत हुई, मथुरा में हिंदूवादी संगठनों में खुशी की लहर है
अयोध्या में विवादित ढांचा ढहाए जाने के आपराधिक मामले में सीबीआई की विशेष अदालत का बहुप्रतीक्षित फैसला बुधवार को हाईकोर्ट के पुराने परिसर स्थित सीबीआई की विशेष अदालत में सुनाया गया। इस मामले में 32 अभियुक्त थे। 28 साल के बाद बुधवार को बाबरी मस्जिद विध्वंस केस में बड़ा फैसला आया। सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया। साध्वी ऋतंभरा और श्री कृष्ण जन्म स्थान सेवा संस्थान के कार्यकारी सुरक्षा अधिकारी विजय बहादुर सिंह भी बरी हो गए। फैसला आने के बाद विजय बहादुर सिंह ने कहा सत्य की जीत हुई। वहीं मथुरा में हिंदूवादी संगठनों में खुशी की लहर है। मंगलवार को लखनऊ रवाना होने से पहले ही विजय बहादुर सिंह ने कहा था कि लंबे संघर्ष के बाद भगवान श्रीराम के मंदिर का निर्माण शुरू हुआ है। न्यायालय से जो भी फैसला होगा, उसे सहर्ष स्वीकार करेंगे। इसके बाद बुधवार को कोर्ट ने फैसला सुनाया जिसमें सभी लोग बरी हो गए। उन्होंने इसे सत्य की जीत बताया है। अयोध्या में विवादित ढांचा ढहाए जाने के आपराधिक मामले में सीबीआई की विशेष अदालत का बहुप्रतीक्षित फैसला बुधवार को हाईकोर्ट के पुराने परिसर स्थित सीबीआई की विशेष अदालत में सुनाया गया। इस मामले में 32 अभियुक्त थे।
वो बरी हो गये, पर ये अभी जमानत पर हैं
बुधवार को अयोध्या में विवादित ढांचे को गिराये जाने के मामले में सीबीआई कोर्ट से आये फैसले से लोग खुश हैं। सभी आरोपी बरी कर दिये गये हैं। इसमें मथुरा की दो हिस्तयां साध्वी ऋतंभरा और विजय बहादुर सिंह भी शामिल हैं। वहीं एक लाल ऐसा भी है जो अभी जमानत पर है। डायनामाइट लगाकर उड़ाने के प्रयास में आरोपी रहे वृंदावन निवासी सुरेश बघेल सीबीआई कोर्ट द्वारा बाबरी विध्वंस मामले में सुनाए गए निर्णय से काफी खुश हैं। उनका कहना है कि भगवान राम के आशीर्वाद से सब काम सफल होते जा रहे हैं। भले ही देरी क्यों न हुई हो।
कहा कि उनकी तो बस एक ही दिली इच्छा है कि जल्द से जल्द भगवान राम का भव्य मंदिर निर्माण हो जाए। उन्होंने बताया कि राममंदिर आंदोलन मामले में वे ही एकमात्र ऐसे राम भक्त हैं जिन्हें अदालत ने सजा सुनाई। फैजाबाद फास्ट ट्रेक कोर्ट द्वारा उन्हें विस्फोटक अधिनियम के तहत 5 साल की सजा सुनाई थी, जिसमें वह साढे तीन साल जेल में रह चुके हैं। फिलहाल वे हाईकोर्ट से जमानत पर हैं। उनका कहना है कि जब राम मंदिर के मालिकाना हक पर हिंदुओं की जीत हुई है एवं बाबरी विध्वंस मामले में सभी आरोपी बरी हो सकते हैं तो उन्हें भी इस मामले में बरी किया जाना चाहिए। वह अपने इस सजा को भगवान राम का प्रसाद मानकर ही अपना जीवन यापन कर रहे हैं।
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