Live Story Time
Agra, Uttar Pradesh, India. कला, शिल्प, संस्कृति और व्यंजनों का मिश्रण है ताज महोत्सव। 1992 में शुरू हुआ था। पूरी कहानी फिर कभी बताऊँगा, आज दो महानुभावों के अनुभव पर चर्चा कर रहा हूँ। दोनों ही महानुभाव अपने क्षेत्र के महारथी हैं। जाने-मैने रंगकर्मी और संस्कार भारती से जुड़े डॉ. राजेश पंडित की पीड़ा है कि ताज महोत्सव को एक ‘फलां व्यक्ति’ चल रहा है। सब अधिकारी इस फलां व्यक्ति के आगे नतमस्तक हैं। विश्व रिकॉर्ड धारी, वरिष्ठ होम्योपैथी चिकित्सक डॉ. पार्थसारथी शर्मा का कहना है कि इस बार ताज महोत्सव में खुलेआम गुंडागर्दी हो रही है। टिकटों की पुनब्रिकी की जा रही है। कोई देखने वाला नहीं है। डॉ. राजेश धाकरे उत्तर प्रदेश नाट्य अकादमी के सदस्य भी रहे हैं। उन्होंने फिल्म भी बनाई हैं। उन्होंने अपनी पीड़ा फेसबुक पर प्रकट की है। उनकी दो पोस्ट पढ़कर मेरा मन भी व्यथित हुआ। आइए क्रमवार पोस्ट देखते हैं-

फेसबुक पोस्ट -1
कल 21 फरवरी को ताज महोत्सव के मुक्ताकाश मंच पर, एक ऐसे व्यक्ति ने, जिसका मैंने हमेशा सम्मान किया, किसी द्वेष भावना से ग्रसित होकर, मेरा अपमान कर दिया I हृदय को चोट लगी I आश्चर्य है जब से ताज महोत्सव आरंभ हुआ है तब से ताज महोत्सव समिति एवं जिला प्रशासन बिना इस व्यक्ति के ताज महोत्सव का आयोजन नहीं कर पाया I अधिकारी बदल जाते हैं लेकिन यह व्यक्ति जोकि कोई सरकारी अधिकारी नहीं है, बस एक कलाकार है, वही ताज महोत्सव का सर्वेसर्वा प्रतिवर्ष होता है I बाहर से कलाकार यह कह कर फोन करते हैं कि श्री #फलां से कहकर जोकि आगरा के कमिश्नर हैं, हमारा कार्यक्रम लगवा दीजिए… ताज महोत्सव में I कोई फोन करता है कि श्री #फलां आगरा के जिलाधिकारी हैं, उनसे कह कर हमारा कार्यक्रम करा दीजिए I ऐसा लगता है उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग का आगरा कार्यालय पंगु है… अयोग्य है…. जो बिना इस गैर सरकारी व्यक्ति के ताज महोत्सव का आयोजन नहीं कर पाता I खैर मैंने तो अपमान सहन करके भी संतोष कर लिया I लेकिन उस व्यक्ति ने प्रतिवर्ष किसी ने किसी का अपमान किया है, चाहे वह कलाकार हो अथवा दर्शक….. वह सब से यही कहता है कि मैं यहां का हेड हूं ……मैं जो कहूंगा वही होगा I बहुत-बहुत बधाई उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग को एवं जिला प्रशासन को कि उनको एक बहुत ही योग्य व्यक्ति मिला हुआ है जिसके सहारे यह प्रतिवर्ष ताज महोत्सव का आयोजन कर लेते हैं ………. #BrijeshPathak #YogiAdityanath #NarendraModi #Mukesh Meshram IAS
फेसबुक पोस्ट-2
आज 22.02.22 फिर से ताज महोत्सव समिति की नाकामी और असफलता नजर आई I महोत्सव समिति ने बहुत से कार्यक्रम इस बार जोनल पार्क और लव यू पॉइंट पर भी आयोजित कर दिए थे I आज संस्कार भारती की गुजरात की टीम अपना लोकनृत्य लेकर आई, उसको जोनल पार्क में स्थान दिया गया I जब गुजरात का दल जोनल पार्क में रात्रि 8:00 बजे पहुंचा तो वहां देखा कि दर्शकों के नाम पर एक चिड़िया भी नहीं थी I फिर वाहन चालक ने महोत्सव समिति के लोगों से बात की और उनको लव यू पॉइंट पर ले जाया गया जहां उनका कार्यक्रम हुआ और फिर वही हुआ जिसका डर था I वह #फलां व्यक्ति वहीं पर मंच संचालन कर रहा था और उसने फिर से द्वेष भावना से ग्रसित होकर संस्कार भारती गुजरात के दल को महोत्सव समिति द्वारा दिए जाने वाले स्मृति चिन्ह को नहीं दिलवाया I आखिर महोत्सव समिति ने यह स्मृति चिन्ह बाहर से आने वाले कलाकारों के दल प्रमुख को भेंट करने के लिए तैयार किए गए हैं, क्या वह #फलां व्यक्ति इन इतने सारे स्मृति चिन्ह को अपने घर में सजाएगा I अफसोस ताज महोत्सव समिति, जिला प्रशासन, आयोजक मंडल इस महोत्सव के आयोजन में पूरी तरह असफल है……. #BrijeshPathak #YogiAdityanath #NarendraModi Mukesh Kumar Meshram Mukesh Meshram IAS

डॉ. पार्थसारथी शर्मा ने कहा- ताज महोत्सव में टिकटों की रीसेलिंग का खेल
ताज महोत्सव में एक घटना दो दिन पहले वरिष्ठ भाजपा नेता एवं होम्योपैथिक चिकित्सक डॉक्टर पार्थसारथी शर्मा के साथ हुई। उन्होंने ताज महोत्सव में टिकटों की रीसेलिंग की पोल खोलकर रख दी है। उन्होंने कहा है कि ताज महोत्सव में अतिथि देवो भव जैसा कोई भाव दिखाई नहीं दे रहा। गेट पर सिक्योरिटी के नाम पर गुंडागर्दी हो रही है। आम जनता को सुझाव दिया जाता है कि टिकट के काउंटरफॉयल अवश्य मांग लें। उन्होंने कहा है कि सरकारी खजाने को नुकसान सहा नहीं जाएगा। निश्चित तौर पर इस कॉकश से जुड़े लोगों को दंडित किया जाना चाहिए। डॉ. शर्मा ने पूरा घटनाक्रम इस तरह लिखकर भेजा है-
आगरा के प्रसिद्ध ताज महोत्सव की एंट्री टिकट ₹50 की है यहां आने वाले पर्यटक एवं खरीदार ठगे जा रहे हैं। दरअसल ताज महोत्सव के एंट्री गेट नंबर 1 पर गड़बड़झाला हो रहा है। ने बताया 3:00 बजे के लगभग तीन टिकट लेकर एंट्री गेट नंबर 1 से प्रवेश किया। उनकी बेटी के हाथ में टिकट था। उन लोगों ने गेट पर टिकट रख लिया। टिकट का आधा हिस्सा नहीं दिया। हम तीनों अंदर पहुंच गए। तब मैंने अपनी बेटी से पूछा काउंटर फाइल दिया गया या नहीं तो बेटी ने बताया उन्होंने पूरा टिकट रख लिया। जब मैं दोबारा वहां गया और मैंने टिकट का आधा हिस्सा मांगा तो वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने कहा कि टिकट फाड़ कर देने की कोई व्यवस्था नहीं है, हमने आप की एंट्री अंदर करा दी है। तब मैंने उनसे कहा मुझे मत कानून सिखाओ, टिकट का आधा हिस्सा लेना मेरा अधिकार है। तब जाकर वहां सुपरवाइजर नीली वर्दी में आ गया। उसने कहा- हमारे पास ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है आप अंदर चले गए आपका काम हो गया। जब मैं काउंटरफॉयल लेने पर अड़ गया और मैंने कहा उच्च अधिकारियों से शिकायत करूंगा तो उन्होंने तुरंत डस्टबिन से तीन टिकट के टुकड़े उठा कर मुझे दे दिए। तब मैंने कहा अगर यही व्यवस्था थी तो यह टुकड़े क्यों दिए? निश्चित तौर पर इस टिकटों को आप पूरा रखकर रीसेल करते हैं। मैंने काफी समय रुक कर पहले इस प्रक्रिया को देखा। सभी टिकटें अपने पास पूरा रख रहे थे। इसका मतलब सीधा सा है कि यहां पर टिकटों को दोबारा बेचा जा रहा है।
- Doctors’ Day 2025: Top Cardiologists’ Insights on the Rise of Heart Issues in Young Adults - July 1, 2025
- Doctors’ Day Special: Understanding Symptoms of Early-Stage Osteoarthritis - July 1, 2025
- यूपी के डीजीपी राजीव कृष्ण ने 21 आईपीएस अधिकारियों को सौंपी अहम जिम्मेदारी, प्रदेश की कानून व्यवस्था में दिखेगा बड़ा असर - July 1, 2025