एक समाचार पत्र को दिए एक इटरव्यू में जावेद अख्तर समान नागरिक संहिता (कॉमन सिविल कोड) को लेकर बात कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा, “जो दिल से महसूस करता है उसे रहना चाहिए (कॉमन सिविल कोड में)..मेरी बेटी है और मेरा बेटा है. जो भी मेरे पास प्रॉपर्टी है, उसमें दोनों को बराबर दूंगा…कॉमन सिविल कोड का मतलब ये नहीं कि सभी समुदाय का एक कानून हो, इसका मलतब ये है कि औरत और मर्द के लिए भी एक कानून हो.”
‘तो औरतों को भी मिले एक से ज्यादा पति रखने का हक’
जावेद अख्तर ने कहा, “ये ज़रूर है कि ये जो द्विविवाह (बाइगेमी) है. एक से ज्यादा बीवी, ये बराबरी नहीं रही. या तो फिर औरत को भी इजाज़त दीजिए कि एक वक्त में एक से ज्यादा पति हो. ये बराबरी के खिलाफ है और ये हमारे कानून के खिलाफ होनी चाहिए बात.
ऑल इंडिया शिया चांद कमेटी के प्रेसिडेंट ने की मुखालफत
जावेद अख्तर के बयान पर सैफ अब्बास नकवी ने कहा, “यह बयान शर्मनाक है. एक बयान में महिलाओं को कई पति रखने का मशवरा दिया गया है. इसका जितना भी विरोध किया जाए वह कम है. हिंदुस्तान में ऐसे कुछ लोग मीडिया में ऊल जलूल बयान देते हैं, जिससे कि वह मीडिया में बने रहें. मुझे लगता है कि इस बयान पर हमारे देश की महिलाओं को कड़ा विरोध करना चाहिए.”
सैफ अब्बास नकवी ने कहा कि इस बयान के जरिए उन्होंने हमारे देश की तहजीब पर हमला किया है. आप देखें कोई भी महिला भले ही उसका पति जितना भी खराब हो, वह उसके साथ अत्याचार करता हो तो भी कभी भी महिला दूसरा विवाह करने के बारे में नहीं सोचती. वह उसी विवाह को निभाना चाहती है. वहां इस तरीके का मशविरा देना अफसोसनाक है. निंदनीय है.
उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि पूरे देश की महिलाओं को मिलकर इसके खिलाफ आवाज उठानी चाहिए और जावेद अख्तर को उस समय तक नहीं छोड़ना चाहिए जब तक वह पूरे देश की महिलाओं से माफी न मांगे लें.
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