हम एक ऐसी लाइफस्टाइल जी रहे हैं जिसमें तरक्की तो है लेकिन कहीं न कहीं हमारा मानसिक स्वास्थ्य पीछे छूटता जा रहा है। हर दिन कभी काम का बोझ तो कभी जीवन का बोझ हमारी मानसिक शांति को हमसे अलग करते जा रहा है। यह बेहद गंभीर विषय है और इस विषय पर दुनिया भर का ध्यान आकर्षित करने के लिए हर साल 10 अक्टूबर को मेंटल हेल्थ डे मनाया जाता है।
हर साल इस खास दिन पर मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों और उससे प्रभावित होने वाले लोगों और साथ ही उनके देखभाल करने वालों के जीवन पर पड़ने वाले प्रभावों पर ध्यान आकर्षित करने के लिए विश्व भर में कई प्रोग्राम आयोजित किए जाते हैं। भारत में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा पिछले साल शुरू किए गए मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता अभियान सप्ताह अभियान के अंतिम दिन विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। आइए इस लेख के माध्यम से इस खास दिन के विषय में अधिक जानकारी प्राप्त कर लेते हैं।
इतिहास
अगर इतिहास के पन्नों को पलटकर देखा जाए तो हम जान पाएंगे कि वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे एक वैश्विक प्रोग्राम है जिसे 1992 में शुरू किया गया था। 10 अक्टूबर 1992 में ही पहली बार वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेंटल हेल्थ (WFMH) के उप महासचिव रिचर्ड हंटर ने पहली बार इस खास दिन की शुरुआत की थी और 1994 से ही हर साल एक थीम के साथ विश्व भर में मनाया जाता है। वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेंटल हेल्थ 1948 में स्थापित एक गैर-सरकारी संगठन है।
थीम
हर साल की तरह इस वर्ष भी वर्ल्ड मेंटल हेल्थ 2022 के लिए एक थीम का चुनाव किया गया है। वर्ल्ड मेंटल हेल्थ 2022 का थीम ‘Making mental health and well-being for all a global priority’ है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है कि कोविड महामारी से पहले दुनिया भर में आठ में से लगभग एक व्यक्ति मानसिक समस्याओं से पीड़ित था लेकिन महामारी के बाद मेंटल हेल्थ पर अधिक प्रभाव पड़ा है और वैश्विक महामारी ने पूरी दुनिया के लोगों के लिए मानसिक तनाव और बढ़ा दिया है। मनुष्य के जीवन को वायरस ने स्थायी रूप से बदल दिया था। इसके साथ ही विश्व के ताकतों के बीच धार्मिक हिंसा और युद्ध ने भी मानसिक तनाव को बढ़ाने का कार्य किया है।
महत्व
वर्ल्ड मेंटल हेल्थ दुनिया भर में मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों के बारे में जागरूकता पैदा करने और वैश्विक नागरिकों को मानसिक स्वास्थ्य की जरूरत को बताने के लिए प्रेरित करने के लिए है। यह उत्सव सुनिश्चित करता है कि मानसिक स्वास्थ्य को एक मुद्दे के रूप में उजागर किया जाए। यह दिन इस बात की याद दिलाता है कि आप जिस भी दौर से गुजर रहे हैं, उसका आपको अकेले सामना नहीं करना है। हमें यह सोचना बंद करना होगा कि कठिन समय का सामना केवल हम ही कर रहे हैं या हमें इसका सामना अकेले ही करना है। हमें खुद को यह याद दिलाना होगा कि हर किसी को जीवन में कभी न कभी समस्याओं का सामना करना पड़ता है लेकिन सबके साथ से हम सभी परेशानियों से निजात पा सकते हैं।
- Agra News: होली उत्सव मेंविपिन सचदेवा के भजनों पर झूमे श्रद्धालु, खूब बही भक्ति की गंगा यमुना - March 15, 2025
- आईफा के सिल्वर जुबली सेलिब्रेशन का हिस्सा बने 16 मार्च को रात 8 बजे से ज़ी टीवी पर - March 15, 2025
- वरुण ग्रोवर ने सुपरबॉयज़ ऑफ मालेगांव में मंजरी पुपाला के बेहतरीन अभिनय की प्रशंसा की - March 15, 2025