Agra, Uttar Pradesh, India. आगरा में माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश (यूपी बोर्ड) के क्षेत्रीय कार्यालय की आवश्यकता : औचित्य, प्रयास और सुझाव विषय पर एक परिचर्चा राजकीय शिशु प्रशिक्षण महिला महाविद्यालय आगरा में हुई।
परिचर्चा में प्रतिभा करते हुए यूपी बोर्ड क्षेत्रीय कार्यालय स्थापना के केंद्रीय संघर्ष समिति के अध्यक्ष तथा संयोजक डॉ देवी सिंह नरवार ने विगत 22 वर्षों के प्रयासों एवं संघर्ष गाथा पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि बोर्ड की स्थापना 23 सितंबर 1921 को हुई। हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट की सार्वजनिक बोर्ड परीक्षा वर्ष 1923 में हुई। जिसमें हाई स्कूल के 5655 तथा इंटर के मात्र 89 परीक्षार्थी सम्मिलित हुए। आज यह संस्था 67 लाख तक पहुंच गई है और अब यूपी बोर्ड परीक्षा की दृष्टि से विश्व की सबसे बड़ी संस्था है। जिसके 5 क्षेत्रीय कार्यालय मेरठ वर्ष 1972, बनारस वर्ष 1978, बरेली वर्ष 1981, इलाहाबाद वर्ष 1986 और गोरखपुर वर्ष 2017 में खोले जा चुके हैं। विश्व के 195 देशों में से 118 देश की आबादी यूपी बोर्ड में सम्मिलित होने वाले परीक्षार्थियों से कम है।
परिचर्चा में विचार व्यक्त करते हुए महाविद्यालय की प्रवक्ता डॉ. निशी शर्मा ने आश्चर्य व्यक्त किया कि 22 वर्षों से एक ही मुद्दे पर संघर्षरत रहने पर भी प्रदेश सरकार आगरा में बोर्ड का क्षेत्रीय कार्यालय नहीं खोल पा रही है। निश्चय ही जनप्रतिनिधियों की रुचि न लिए जाने से ऐसा हो रहा है।
श्रीमती रिचा पंडित ने आगरा में बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय की आवश्यकता और औचित्य पर प्रकाश डाला। संघर्ष और प्रयासों में अपने महाविद्यालय के भरपूर सहयोग की घोषणा की। अन्य प्रतिभागियों में सुश्री दिव्या सचान, मनीषा रानी, पूनम पाल, रेखा त्यागी, ललिता, सुमन देवी आदि रहीं।
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