पिता-पुत्र की जोड़ी ने बनाया है अनोखा ऐप
भारतीय किसानों के लिए तमाम सुविधाएं फ्री में
एक ही गांव के लोग आपस में बातचीत कर सकते
महिलाओं की बातचीत पुरुष नहीं सुन नहीं सकते
Agra, Uttar Pradesh, India. संजय अग्रवाल और आदित्य अग्रवाल पिता-पुत्र की जोड़ी ने एक ऐसा एप्लीकेशन (ऐप) बनाया है, जो ताजमहल के आसपास 300 गांवों में धूम मचा रहा है। ग्रामीण अपने मन की कर पा रहे हैं। चौंकिए मत, यह फेसबुक, वॉट्सऐप, इंस्टाग्राम, यूट्यूब से बिलकुल अलग है। इस ऐप में ऐसी व्यवस्था है कि एक ही गांव के लोग आपस में बातचीत कर सकते हैं। आसपास के गांवों में अपने उत्पाद बेच सकते हैं। अपनी सफलता की कहानी बता सकते हैं। खेती-किसानी से संबंधित कोई भी सवाल पूछ सकते हैं। महिलाओं का खास ध्यान रखा गया है। महिलाओं की बातचीत पुरुष नहीं सुन सकते। इतनी सारी सुविधाएं बिलकुल फ्री हैं। है न अनोखी बात। उद्देश्य है भारत के किसानों के जीवन में खुशहाली लाना और उनकी आय को बढ़ाना।
आदिसन रूरल प्लेटफार्म्स इंडिया प्रा.लि. के मुख्य अधिशासी अधिकारी (सी.ई.ओ) संजय अग्रवाल ने एक रेस्टोरेंट में पत्रकारों को बताया कि फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के बतौर यह ऐप ताजमहल की 30 किलोमीटर की परिधि के 300 गांवों में चल रहा है। 40 हजार से अधिक उपयोगकर्ता हैं। अप्रैल में ऐप जारी किया गया था। अब तक 1.3 लाख किसानों ने 2.5 लाख से अधिक सवाल पूछे हैं। यह ऐप भारत की 14 भाषाओं में उपलब्ध है।
उन्होंने बताया कि मेरा गााँव ऐप ग्रामीण भारत का, उसके लिए और उसके द्वारा एक समुदाय है। मेरा गााँव ऐप ऑनलाइन भारतीय गांवों में मौजूद सामाजिक ताने-बाने और अपनेपन की मजबूत भावना को दर्शाता है। अपने मूल स्तर पर मेरा गााँव ऐप भारत के गांवों के लिए एक निजी और स्थानीय पड़ोसी का केंद्र है, जहां के निवासी, स्थानीय व्यवसाय (जैसे किराना / कृषि भंडार, उर्वरक की दुकानें आदि) और स्थानीय सार्वजनिक संस्थान (जैसे स्वास्थ्य क्लीनिक, सरकारी सहायता केंद्र आदि) अपने गााँव के निजी नेटवर्क के लिए साइनअप कर सकते हैं। स्थानीय समुदाय से संबंधित मामलों में एक दूसरे के साथ बातचीत कर सकते हैं।
श्री अग्रवाल ने बताया कि मेरा गााँव ऐप में एक विशेष महिला समूह सुविधा भी है, जिसे “सशक्त स्त्री समूह” कहा जाता है। इस समूह के भीतर ग्रामीण महिलाएं एक दूसरे के साथ सुरक्षित और भरोसेमांद तरीके से बातचीत या जानकारी साझा कर सकती हैं।
उन्होंने बताया कि मेरा गांव ऐप भारतीय किसानों के लिए हेल्पलाइन है। किसान खेती से संबांधित कोई भी प्रश्न पूछ सकते हैं और बहुत ही कम समय में उत्तर प्राप्त कर सकते हैं। ये उत्तर विशेषज्ञों और अन्य किसानों (आस-पास और दूरदराज) से आ सकते हैं। मेरा गांव ऐप एक समर्पित हेल्पलाइन नंबर 728 9000 900 भी चलाता है, जिसके तहत जिन किसानों के पास स्मार्ट फोन नहीं है, वे भी डायल कर सकते हैं और अपना सवाल रिकॉर्ड कर सकते हैं। कृषि से संबंधित कोई भी सवाल पूछ सकते हैं जैसे फसल की समस्याएा, सिंचाई, मंडी की कीमतें, कहां बेचना है, कहां से खरीदना है, बीमा, ऋण, मौसम, नई फसल उगाना आदि।
श्री अग्रवाल ने बताया कि मेरा गांव ऐप के साथ ग्रामीण अपने उत्पादों को बिक्री योग्य बनाने के लिए विज्ञापन दे सकते हैं। प्रत्येक उपयोगकर्ता अपनी क्षमताओं (श्रम, सिलाई, ट्रैक्टर चालक, ट्यूशन, खाना पकाने आदि) या सेवाओं (डॉक्टर क्लीनिक, ट्रैक्टर या टेम्पो किराया, हेयर ड्रेसर, बैंड बाजा आदि) या उत्पाद (पुराने या नए उत्पाद जैसे साइकिल, मोटर साइकिल, ट्रैक्टर, कल्टीवेटर, हैरो, सेकेंड हैंड घरेलू सामान आदि) या पशु (जैसे भैंस, बकरी, गाय) के बारे में विज्ञापन कर सकताहै। ये विज्ञापन उपयोगकर्ता गााँव के 10 कि.मी. के भीतर दिखाए जाते हैं ताकि दोनों पक्षों की पहुंच में हो।
श्री अग्रवाल ने बताया कि मेरा गााँव ऐप के वीडियो फीचर से ग्रामीण यूजर्स वीडियो शेयर कर सकते हैं। ये वीडियो कौशल विकास के हो सकते हैं, इसे स्वयं कैसे करें वीडियो, आध्यात्मिक प्रवचन, स्थानीय प्रदर्शन (गीत, नृत्य, संगीत), शिक्षा आदि। हम ग्रामीण उपयोगकर्ताओं के किसी भी वीडियो को साझा करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। इससे ज्ञान बढ़ता और मनोरंजन भी होता है। ये वीडियो मेरा गााँव ऐप के सभी उपयोगकर्ताओं के लिए दृश्यमान हैं, चाहे वे पूरे भारत में कहीं भी हों।
उन्होंने बताया कि मेरा गााँव ऐप के साथ एक ग्रामीण आसानी से अपने गााँव के लोगों के साथ डिजिटल रूप से बातचीत कर सकता है। अपने गांव के 10 किलोमीटर क्षेत्र में आसानी से विज्ञापन कर सकता है। पूरे देश में ज्ञान साझा कर सकता है।
श्री अग्रवाल ने बताया कि मेरा गााँव ऐप वर्तमान में निजी Beta में है। कंपनी का मुख्यालय दिल्ली में है। मेरा गााँव ऐप टीम ने पहले एक कृषि आपूर्ति श्रृांखला कंपनी, किसान नेटवर्क का निर्माण और विस्तार किया है। पूरे भारत में 10k गांवों में 100k किसानों के साथ काम करने का एक दशक से अधिक का अनुभव है।
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