हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक की सफलता के पीछे उसके चेयरमैन और प्रबंध निदेशक कृष्णा इल्ला और उनकी पत्नी तथा को-फाउंडर और जॉइंट एमडी सुचित्रा इल्ला रही हैं। कंपनी ने स्वदेशी कोविड-19 टीका कोवैक्सिन विकसित किया। आणविक जीव विज्ञान में शोध वैज्ञानिक कृष्णा इल्ला और सुचित्रा इल्ला ने 1996 में भारत बायोटेक की स्थापना की थी। आज, भारत बायोटेक इनोवेटिव वैक्सीन टीकों के उत्पादन के मामले में दुनिया की प्रमुख कंपनी है।
तमिलनाडु का जन्म
कोरोना वायरस की स्वदेशी दवा कोवैक्सीन को बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक के संस्थापक डॉ. कृष्णा इल्ला को देश के एक प्रतिष्ठित वैज्ञानिक के रूप में जाना जाता है। उनका पूरा नाम डॉ. कृष्ण मूर्ति इल्ला है। इल्ला का जन्म साल 1969 में तमिलनाडु के तिरुत्तनी में हुआ था। उन्होंने एग्रीकल्चर साइंसेज में ग्रेजुएशन और यूनिवर्सिटी ऑफ हवाई से एमएस की डिग्री ली है। यूनिवर्सिटी ऑफ विसकॉन्सिन मैडिसन से पीएचडी की डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने कुछ साल अमेरिका की एक मेडिकल यूनिवर्सिटी में काम किया।
मां की डांट
इल्ला ने एक इंटरव्यू में कहा था कि उनकी यह कामयाबी मां की झिड़की में छिपी है। वह जब अमेरिका में काम कर रहे थे तो एक दिन मां ने फोन पर उन्हें डांट पिलाई। मां ने कहा, ‘बेटा! तुम्हारा पेट सिर्फ नौ इंच का है। और कितना पैसा कमाओगे? तुम जितना खाते हो, उससे ज्यादा तो खा नहीं सकते। लौट आओ और जो मन करे वह काम करो। मैं तुम्हारे खाने का इंतजाम कर लूंगी। जब तक मैं जिंदा हूं, तुम्हें खाने की चिंता नहीं करनी पड़ेगी।’ इल्ला ने उसी पल देश लौटने का फैसला कर लिया।
कई बीमारियों की दवा
इल्ला 1996 में भारत लौटे और यहां उन्होंने भारत बायोटेक नाम की कंपनी की स्थापना की। इस कंपनी के पास अभी 140 दवाओं के ग्लोबल पेटेंट्स मौजूद हैं। भारत बायोटेक ने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रिसर्च एंड डेवलपमेंट के क्षेत्र में करीब 200 मिलियन डॉलर का निवेश कर रखा है। कंपनी में करीब 1600 कर्मचारी काम करते हैं। भारत बायोटेक की उपलब्धियों की बात करें तो इसे पूरी दुनिया में रेबीज की दवाओं के सबसे बड़े सप्लायर के रूप में जाना जाता है। इसके अलावा कंपनी के पास 140 दवाओं के ग्लोबल पेटेंट्स भी मौजूद हैं। कंपनी हेपेटाइटिस-बी समेत 35 बीमारियों की वैक्सीन बना चुकी है।
कई कमेटियों के सदस्य
कृष्णा इल्ला केंद्रीय कैबिनेट की चिकित्सा विज्ञान सलाहकार समिति का हिस्सा रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने सीएसआईआर (CSIR) के सदस्य के रूप में भी काम किया है। उनकी कंपनी भारत बायोटेक को दुनिया की अग्रणी दवा कंपनियों में एक माना जाता रहा है। कोरोना वैक्सीन के निर्माण कार्य की समीक्षा के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) खुद भी उनकी कंपनी के दौरे पर गए थे।
-एजेंसियां
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