हांगकांग, 9 सितंबर, 2025: हांगकांग में आयोजित एवीपीएन ग्लोबल कॉन्फ्रेंस 2025 में अदाणी फाउंडेशन की चेयरपर्सन डॉ. प्रीति अदाणी ने अपने प्रेरक मुख्य भाषण से उपस्थित परोपकारी, संस्थाओं और बदलाव के वाहकों को एकजुट होकर काम करने की अपील की।
डॉ. अदाणी ने कहा, “सिर्फ योगदान देने से काम नहीं बनेगा, असली बदलाव तब आएगा जब हम साथ मिलकर निर्माण करें।” उन्होंने जोर दिया कि सामाजिक विकास की दिशा में अगला बड़ा कदम साझेदारी और सहयोग पर आधारित होना चाहिए।
उन्होंने स्पष्ट किया कि समाज कल्याण की असली ताकत अलग-अलग योगदानों में नहीं, बल्कि एकजुट प्रयासों में छिपी है। उनके अनुसार, “हमें सिर्फ दाता नहीं, बल्कि बदलाव के निर्माता बनना होगा। जब हम साझेदार बनकर संसाधनों को जोड़ेंगे और बाधाओं को तोड़ेंगे, तभी स्थायी परिवर्तन संभव होगा।”
डॉ. अदाणी ने एक ऐसे सहयोगी मंच की मांग की, जहाँ दुनिया भर के परोपकारी और संस्थाएँ केवल आँकड़ों से आगे बढ़कर मानव गरिमा, साहस और बदलाव की कहानियों पर ध्यान दें।
इस मौके पर एवीपीएन की सीईओ नैना सुब्बरवाल बत्रा ने कहा कि डॉ. अदाणी का भाषण एक साहसी कार्रवाई का आह्वान था। उन्होंने जोड़ा, “अनिश्चितताओं के बीच भी हमें कदम उठाना होगा और सतत भविष्य के लिए ठोस समाधान तैयार करने होंगे।”
अपने संबोधन में डॉ. प्रीति अदाणी ने सहयोग के तीन अनिवार्य सिद्धांत साझा किए—
1. साथ मिलकर निर्माण: प्रत्येक साझेदार स्थायी बदलाव का निर्माता बने।
2. गुणक बनें, लाभार्थी नहीं: असली असर यह है कि लाभार्थी बदलाव के वाहक बनें।
3. कौशल को मूल्यों से जोड़ें: बिना मूल्यों के कौशल अधूरा है।
भाषण के अंत में डॉ. अदाणी ने कहा, “यह तालियों का समय नहीं है, यह प्रतिबद्ध होने का समय है। हमें वह पीढ़ी बनना है, जिसने सूखे में बीज बोए और आने वाली पीढ़ियों के लिए गरिमा व अवसर की फसल तैयार की।”
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