आगरा:-संसद के प्रथम मानसून सत्र में भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं फतेहपुर सीकरी सांसद राजकुमार चाहर ने देश में रोजगार सृजन की आवश्यकता को गंभीरता से उठाया।
सांसद राजकुमार चाहर ने प्रश्न संख्या 204 के अंतर्गत श्रम एवं रोजगार मंत्री से देश में रोजगार के अवसर बढ़ाने के संबंध में विस्तृत चर्चा की। उन्होंने सरकार से मांग की कि विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में युवाओं के लिए स्वरोजगार और कौशल विकास के नए कार्यक्रम प्रारंभ किए जाएं ताकि ग्रामीण युवा आत्मनिर्भर बन सकें।
सांसद चाहर ने संसद में यह भी कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में देश में रोजगार और स्वरोजगार के नए द्वार खुल रहे हैं, लेकिन ज़मीनी स्तर पर और अधिक कार्य करने की आवश्यकता है ताकि अंतिम व्यक्ति तक विकास का लाभ पहुंचे।
सांसद चाहर के प्रशन पर श्रम एवं रोजगार राज्यमंत्री शोभा कारान्दलाजे ने आश्वस्त किया कि भारत सरकार रोजगार सृजन, सभी क्षेत्रों में रोजगार की सुगमता और सामाजिक सुरक्षा को सुदृढ़ करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। इसी क्रम में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रोजगार सृजन प्रोत्साहन (ईएलआई) योजना को स्वीकृति प्रदान की है, जिसका उद्देश्य रोजगार के अवसरों का विस्तार और युवाओं को सम्मानजनक आजीविका उपलब्ध कराना है।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा विकसित एलईएमएस डेटाबेस में भारतीय अर्थव्यवस्था के 27 प्रमुख उद्योगों को शामिल किया गया है। नवीनतम आंकड़ों के अनुसार देश में कुल रोजगार में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है।
वर्ष 2014-15 में कुल रोजगार 47.15 करोड़ था जो वर्ष 2023-24 में बढ़कर 64.33 करोड़ हो गया है। यह 36.44% की वृद्धि को दर्शाता है।
इसके अतिरिक्त, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा संचालित राष्ट्रीय करियर सेवा (एनसीएस) पोर्टल पर 30 जून 2025 तक 6.2 करोड़ से अधिक रिक्तियों का सृजन किया गया है, जिससे निजी और सरकारी दोनों क्षेत्रों के युवाओं को लाभ प्राप्त हो रहा है।
बेरोजगारी दर में उल्लेखनीय गिरावट देखी गई है
वर्ष 2017-18 में बेरोजगारी दर 6.0% थी जो वर्ष 2023-24 में घटकर 3.2% हो गई है। महिलाओं के लिए यह दर 5.6% से घटकर 3.2% हो गई है। कार्यबल भागीदारी दर (डब्ल्यूपीआर) में भी अभूतपूर्व सुधार दर्ज किया गया है। कुल आबादी में यह दर 46.8% से बढ़कर 58.2% हुई है। महिलाओं में यह दर 22.0% से बढ़कर 40.3% हो गई है। विशेष रूप से कर्नाटक राज्य में महिलाओं की भागीदारी दर 24.8% से बढ़कर 37.2% हो गई है।
भारत सरकार का लक्ष्य रोजगार के क्षेत्र में सभी नागरिकों को बेहतर अवसर प्रदान करना तथा महिला सशक्तिकरण को मजबूती देना है। रोजगार और कौशल विकास के इन प्रयासों के सकारात्मक परिणाम आगामी वर्षों में भी देखने को मिलेंगे।
रिपोर्टर- पुष्पेंद्र गोस्वामी
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