दीक्षांत समारोह में उपाधियां और पदक प्रदान करके राज्यपाल ने विद्यार्थियों को दी दहेज से दूर रहने की नसीहत

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आगरा: प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन ने मंगलवार को यहां डा. भीमराव अंबेडकर विवि के दीक्षांत समारोह में छात्र-छात्राओं को दहेज न लेने-देने के लिए प्रेरित किया। समारोह में 60,212 छात्र- छात्राओं को उपाधियां, 117 पदक तथा 50 विद्यार्थियों को पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई।

सबसे ज्यादा सात स्वर्ण और एक रजत पदक एसएन मेडिकल कालेज 2019 बैच की एमबीबीएस छात्रा अपर्णा चौरसिया को प्रदान किए गए।

कुलाधिपति ने दीक्षांत समारोह में उपस्थित विद्यार्थियों से कहा कि दहेज एक सामाजिक बुराई है। इसे आप लोग यदि ठान लें तो दूर कर सकते हैं। इसे दूर करने के लिए आपलोग आगे आएं। आप लोग निश्चित कर लें कि अपने मां-बाप को भी दहेज न लेने अथवा देने के लिए प्रेरित करेंगे। उन्होंने कहा कि आप देश का भविष्य हैं। आप लोग ही भविष्य का भारत हैं। जो मेडल आप लोगों को मिले हैं उन्हें घर जाकर मां के चरणों में समर्पित करें। जीवन भर मां की सेवा करें। इससे बेहतर और कोई सेवा नहीं है।

कुलाधिपति ने विवि के शिक्षकों और कुलपति को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने नैक की तैयारियों का जायजा लिया है। विवि के कई संस्थानों का भ्रमण भी किया है। जो भी कमियां हैं उन्हें दूर कर लें। किसी भी हालत में विवि को डबल प्लस का ग्रेड हासिल करना है।

इससे पूर्व कुलपति आशू रानी ने कुलाधिपति के समक्ष विवि के कार्यों व प्रगति का ब्योरा प्रस्तुत किया।

प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री व कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि योगेंद्र उपाध्याय ने विद्यार्थियों से कहा कि उनके हाथों में ही देश का भविष्य है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नैक की ईसी के चेयरमेन प्रो. अनिल सहश्रबुद्धे ने विद्यार्थियों को कुलाधिपति के बताए गए मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया साथ ही बताया कि स्टार्ट अप के क्षेत्र में असीमित संभावनाएं हैं। युवा चाहें तो कुछ भी कर सकते हैं।

पदक के मामले में छात्राएं छात्रों से आगे रहीं

समारोह में 99 पदक छात्राओं तथा 18 पदक छात्रों को प्रदान किए गए। केआर कालेज की प्राची को पांच पदक, सेंट जोंस कालेज के दीपक चौधरी को चार पदक, समाज विज्ञान संस्थान की प्रतीक्षा पचौरी को चार पदक, महात्मा गांधी बालिका पीजी कालेज की ज्योत्सना को तीन पदक, केडी मेडीकल कालेज की लवांशी गौतम को तीन पदक, सूरजमुखी महाविद्यालय की ज्योत्सना को तीन पदक प्रदान किए गए।

Dr. Bhanu Pratap Singh