आगरा। महानगर में बीती रात हुई भारी बारिश अगर दिन के समय हुई होती तो इतना बड़ा हादसा होता कि शहर में कोहराम मच जाता। शहर के दो प्राचीन इंटर कालेजों की इमारतें ढह गईं। भारी बारिश की वजह से एक ही कैंपस में संचालित दोनों कालेजों के अलावा प्राइमरी स्कूल की इमारतों में पानी भरा और पूरी इमारत ही बैठ गई। इन दोनों कालेजों में से एक ब्यायज और दूसरा गर्ल्स इंटर कालेज है। दिन के समय यह हादसा हुआ होता तो दोनों कालेजों में पढ़ने वाले ढाई-तीन हजार छात्र-छात्राओं की जान पर बन आती।
कल दिन में आधा घंटे तक तेज बारिश हुई थी। इसके बाद रात दो बजे के बाद भारी बारिश का सिलसिला शुरू हुआ जो सुबह छह बजे तक जारी रहा। इस बारिश का कहर कलक्ट्रेट के बराबर स्थित शोबिया इंटर कालेज और सगीर फातिमा इंटर कालेज तथा एक प्राइमरी स्कूल की इमारतों पर टूटा। दोनों कालेजों और स्कूल के परिसर आसपास ही हैं और दोनों कालेजों की कुछ क्लासें एक ही इमारत में ऊपर और नीचे संचालित होती थीं। दोनों कालेजों की इमारतें लगभग एक सौ साल पुरानी हैं। बारिश के दौरान ही दोनों कालेजों की इमारतें ढहने लगीं। एक-एक कर कई क्लास रूम व अन्य कक्ष धराशायी हो गए।
दोनों ही कालेजों का प्रबंधन देखने वाले हाजी जमीलउद्दीन कुरैशी ने बताया कि सगीर फातिमा इंटर कालेज का आडीटोरियम और कक्ष संख्या 38 और 39, शोबिया इंटर कालेज की साइंस लैब, लाइब्रेरी और दो क्लास रूम के अलावा परिसर में ही संचालित प्राइमरी स्कूल की बिल्डिंग तथा कई अन्य कमरों की छतें नीचे आ गिरीं। इन कक्षों की दीवारें भी ढह गई हैं। दोनों इंटर कालेजों के अलावा प्राइमरी स्कूल परिसर में मलबा ही मलबा नजर आ रहा है। श्री कुरैशी ने कहा कि उनका करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। सबसे बड़ी बात यह है कि इमारतें ढहने से कालेजों और स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की पढ़ाई बाधित होगी।
दिन में हादसा होता तो कोहराम मच जाता सोचिए, अगर यही हादसा दिन के समय जब क्लास चल रही होती हैं, तब हुआ होता तो हजारों छात्र-छात्राओं की जान पर बन आती। शुक्र है कि हादसा रात के समय उस वक्त हुआ जब दोनों कालेज और प्राइमरी स्कूल कैंपस में एक भी बच्चा नहीं था।
सगीर फातिमा इंटर कालेज के आडीटोरियम में इन दिनों छात्राओं की विज्ञान प्रदर्शनी लगी हुई है। सगीर फातिमा की डेढ़ सौ छात्राओं ने इस प्रदर्शनी में प्रतिभाग किया हुआ है। बड़ी संख्या में बच्चों के अभिभावक प्रदर्शनी देखने आ रहे हैं। दिन के वक्त हादसा होने पर आडीटोरियम में मौजूद रहने वालों पर भी कहर टूट सकता था।
बच्चे स्कूल पहुंचे तो रह गए दंग
चूंकि हादसा रात के वक्त हुआ था, इसलिए इन तीनों शिक्षण संस्थाओं में हुए हादसे के बारे में किसी को भी जानकारी नहीं थी। छात्र-छात्राएं निर्धारित समय पर कालेजों और प्राइमरी स्कूल में पहुंचे तो वहां के हालात देखकर दंग रहे गए। बाद में ये बच्चे अपने घरों को लौट गए।
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