गूगल ने विज्ञापन दिखाने की आड़ में फर्जीवाड़ा करने वालों पर कड़ा एक्शन लिया है। गूगल की ओर से ऐसे करीब 1.2 करोड़ गूगल अकाउंट को ब्लॉक कर दिया गया है, जो गूगल की विज्ञापन नीति का उल्लंघन करके अपने विज्ञापन यूजर्स को दिखा रहे थे।
गूगल का कहना है कि नियमों के उल्लंघन की वजह से मैलवेयर और फर्जीवाड़े की बढ़ने की सूचनाएं मिल रही थी, जिसकी जांच के बाद उन गूगल अकाउंट को हटाया गया है, जो नियमों को बायपास करके विज्ञापन जारी कर रहे थे। गूगल की ओर से यह जानकारी उसकी वार्षिक विज्ञापन सुरक्षा रिपोर्ट के हवाले से जारी की गई है।
डीपफेक से बढ़ी चुनौतियां
गूगल का कहना है कि यूजर्स की गोपनीयता और सुरक्षा से समझौता नहीं किया जाएगा। गूगल की घोटाले वाले विज्ञापन के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी। गगूल का कहना है कि विज्ञापन डिस्प्ले करने के नाम पर यूजर्स को डीपफेक जैसी नई रणनीति का इस्तेमाल करके धोखा दिया जा रहा है। कुछ वक्त पहले सचिन तेंदुलकार का डीपफेक वीडियो बनाकर ऐड बनाया गया था, जिसे लेकर गूगल सतर्क हो गया है। ऐसा ही डर लोकसभा चुनाव को लेकर हो रहा है, जहां डीपफेक का गलत इस्तेमाल किया जा सकता है।
चुनावी ऐड का हो रहा वेरिफिकेशन
गूगल चुनाव को पारदर्शी बनाने की दिशा में काम कर रहा है। यही वजह है कि उसने 2023 में 5,000 से ज्यादा चुनावी ऐड का वेरिफिकेशन किया है और 7.3 मिलियन से ज्यादा चुनावी ऐड को हटा दिया है, जिन्होंने वेरिफिकेशन पूरा नहीं किया था। गूगल का कहना है कि एआई की वजह से विज्ञापन का वेरिफिकेशन काफी चुनौतीपूर्ण हो गया है।
-एजेंसी
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