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Agra, Uttar Pradesh, India, Bharat. भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी 2024 को भारत का बजट प्रस्तुत किया है। इस पर नेशनल चैम्बर आगरा के अध्यक्ष राजेश गोयल की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई। बैठक में आयकर प्रकोष्ठ के चेयरमैन एवं पूर्व अध्यक्ष अनिल वर्मा एवं अन्य सीए व कर विशेषज्ञों ने अपने विचार प्रस्तुत किये। इसमें सरकार द्वारा चलाई जा रही नीतियों एवं योजनाओं की समीक्षा की गई है। सभी ने बजट की सराहना करते हुए कहा कि यह सरकार का एक अंतरिम बजट है। विकास पर जोर दिया गया है। इस बजट से उद्यमी और व्यापारी पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं है। आयकर अधिभार जो अधिकतम 37 प्रतिशत है, को घटाकर 25 प्रतिशत कर दिया है, जो स्वागत योग्य है। 2009 तक कर बकाया की मांग 25 हजार तक थी उसे समाप्त कर दिया है और 2010 से 2014 तक 10 हजार तक मांग थी, उसे समाप्त कर दिया है। इससे एक करोड़ लोगों को लाभ हुआ है।
आयकर प्रकोष्ठ के चेयरमैन अनिल वर्मा एडवोकेट ने बताया कि वित्त मंत्री ने सूचित किया है कि न्यू स्टार्टअप जिनको कर का लाभ मिलता है और जिनकी सीमा 31 मार्च, 2024 तक थी उसे बढ़ाकर 31 मार्च 2025 कर दिया गया है। जीएसटी संग्रहण बढ़कर दो गुना हो गया है। जीएसटी 2012 से 2016 तक 0.72 करोड़ से बढ़कर अब 1.66 करोड़ मासिक हो गया है।
विशेषज्ञों द्वारा आगामी बजट के लिए सुझाव देते हुए बताया कि नई कर व्यवस्था में छूट की सीमा को मुद्रा प्रसार से लिंक किया जाये। स्वाधिकृत घर के लिए ऋण की ब्याज पर आयकर में छूट दी जाये। वरिष्ठ नागरिकों के लिए मेडिकल पॉलिसी में जीएसटी को हटाया जाये। विदेश यात्रा में व्यय पर लगने वाले टीडीएस जो वर्तमान में 7 लाख पर 5 प्रतिशत तथा 7 लाख से ऊपर 20 प्रतिशत है, को सम्पूर्ण राशि पर फ्लैट रेट 5 प्रतिशत किया जाये। एनपीएस स्कीम में नियोजक द्वारा अंशदान न काटकर कर्मचारी से कंट्रीब्यूशन काटना चाहिए। वरिष्ठ नागरिकों को एफडीआर एवं बैंक ब्याज पर छूट मिलनी चाहिए।
आयकर अधिनियम 1961 की धारा 43बी(एच) जो प्रावधान 2022 के बजट में लागू हुआ था उसके अनुसार व्यापारी को एमएसएमई से खरीद या उसकी सेवाओं के बदले जो भुगतान अधिकतम 45 दिन में करना है। इस प्रावधान से व्यापारियों को अकस्मात बड़ी परेशानी महसूस हो रही है। यहां तक कि उनके पास भुगतान के लिए पर्याप्त धनराशि नहीं है। अतः व्यापारियों की वास्तविक समस्या को ध्यान में रखते हुए इस प्रावधान को 2024-25 से लागू किया जाना चाहिए। जिससे कि व्यापारी अपनी व्यवस्थाएं पहले से कर ले।
The Power of Ten: हम क्यों नहीं कर सकते
आयकर की प्रथम अपील के निस्तारण के लिए समय सीमा निर्धारित की जाये। क्योंकि कई वर्षों की अपीलें लम्बित पड़ी हैं क्योंकि करदाताओं को प्रताड़ित किया जा रहा है।
बैठक में अध्यक्ष राजेश गोयल, उपाध्यक्ष अनिल अग्रवाल, कोषाध्यक्ष योगेश जिन्दल, आयकर प्रकोष्ठ चेयरमैन एवं पूर्व अध्यक्ष अनिल वर्मा, सीताराम अग्रवाल, अशोक कुमार गोयल, आयकर प्रकोष्ठ के को-चेयरमैन राज किशोर खंडेलवाल, सीए एस. के. वाजपेयी, सीए राकेश अग्रवाल, सीए प्रार्थना जालान आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।
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