पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने वाराणसी के दो दिवसीय दौरे के आखिरी दिन यानी आज स्वर्वेद महामंदिर का लोकार्पण किया है। करीब 35 करोड़ की लागत से बने यह सात मंजिला मंदिर दुनिया का सबसे बड़ा मेडिटेशन सेंटर बताया जा रहा है। जिसमें करीब 24 हजार लोगों के बैठने की क्षमता है।
जानकारी के मुताबिक, विहंगम योग संस्थान के प्रणेता संत सदाफल महाराज के विश्व के दर्जनों देशों में सैकड़ों आश्रम हैं। इसमें वाराणसी का यह स्वर्वेद महामंदिर सबसे बड़ा है। इस मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता यह भी है कि यहां भगवान की नहीं योग साधना की पूजा होती है। दीवारों पर अद्भुत नक्काशी की गई है। 2004 में इसका निर्माण शुरू किया गया था। फिलहाल पीएम मोदी ने इसके प्रथम चरण का शुभारंभ किया है।
स्वः और वेद। स्वः का मतलब आत्मा और परमात्मा होता है। वेद का मतलब ज्ञान है। जिसके द्वारा आत्मा और परमात्मा का ज्ञान हो वह ही स्वर्वेद है। विहंगम योग संस्थान के प्रणेता संत सदाफल महाराज ने 17 वर्षों तक हिमालय में स्थित आश्रम में गहन साधना की थी। वहां से उन्हें जो ज्ञान प्राप्त हुआ उसे ही ग्रंथ के रूप में पिरो दिया गया। उसी ग्रंथ का नाम स्वर्वेद है।
मंदिर सभी तलों पर अंदर की दीवार पर लगभग चार हजार स्वर्वेद के दोहे लिखे हैं। बाहरी दीवार पर 138 प्रसंग वेद उपनिषद, महाभारत, रामायण, गीता आदि के प्रसंग पर चित्र बनाए गए हैं, ताकि लोग उससे प्रेरणा लें सकें।
-एजेंसी
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