ब्रिटेन में हुए नए शोध से पता चला है कि ज्यादा वक्त तक डे-ड्रीमिंग एक खतरनाक स्थिति है, जो लगातार बढ़ती जा रही है। लोग जितने ज्यादा परेशान हो रहे हैं, उतना ही ज्यादा ख्यालों में डूबने लगते हैं। शोध में शामिल यूनिवर्सिटी ऑफ ससेक्स की एसोसिएट लेक्चरर ग्यूलिया पोरियो बताती हैं- दुनियाभर में 2.5% लोग यानी 20 करोड़ लोग डे-ड्रीमिंग की अधिकता से गुजर रहे हैं। इसे मैलाडेप्टिव डे-ड्रीमिंग यानी ख्यालों में रहने का नशा कहते हैं।
एक आम इंसान रोज अपना 30% समय जागते हुए सपने देखने में ही बर्बाद कर देता है। अपने आसपास एक तरह की ख्याली दुनिया बुनकर उसमें लंबे समय तक डूबे रहना यदि आपको फर्जी सुख दे रहा है तो जान लीजिए, ये मर्ज है, इसके नुकसान की लिस्ट लंबी है।
इस स्थिति में लोग घंटों ख्यालों में डूबे रहते हैं। एक दूसरे शोध से खुलासा हुआ कि मैलाडेप्टिव डे-ड्रीमिंग करने वाले लोग जागते हुए अपने दिन का आधा समय ख्यालों में ही गुजार देते हैं। ख्यालों में अपनी समस्याओं का समाधान ढूंढ़ते हैं। अपनी जिम्मेदारियां टालने लगते हैं। परिवार में रिश्ते कमजोर होने लगते हैं। अपनी डे-ड्रीमिंग की आदत से लाचार होकर ऐसे लोग शर्मिंदगी महसूस करने लगते हैं, लेकिन वे खुद को चाहकर भी नहीं रोक पाते। उनकी नींद भी पूरी नहीं हो पाती।
डे-ड्रीमिंग से डिप्रेशन जैसी कई बीमारियों का खतरा
डे-ड्रीमिंग कई दूसरी बीमारियों को भी जन्म दे रही है। इसकी वजह से ADHD, एंग्जाइटी, डिप्रेशन और OCD हो रहा है। जो लोग अपने बारे में जरूरत से ज्यादा सोच रहे हैं और कुछ बेहतर होने के ख्याली पुलाव पका रहे हैं, वे बीमार बन रहे हैं। उन्हें इन बीमारियों का एहसास भी नहीं हो रहा है। एक शोध से पता चला है कि मैलाडेप्टिव डे-ड्रीमिंग से पीड़ित आधे लोगों को ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर (OCD) भी है। ऐसे लोग सोशल मीडिया पर ज्यादा एक्टिव हो रहे हैं। यहां तक कि इससे छुटकारा पाने के उपाय भी वे यहीं ढूंढ़ रहे हैं।
डे-ड्रीमिंग के कुछ फायदे भी हैं
ऐसा नहीं है कि डे-ड्रीमिंग के नुकसान ही हैं। कुछ मायनों में इसके फायदे भी हैं। अगर यह नशे की तरह हावी न हो तो तनाव से निकालने में मदद करती है। शोध से पता चला है कि अकेलेपन के लिए यह वरदान है और बोरियत दूर करती है। समस्याएं सुलझाने में मदद करती है। कई बार क्रिएटिविटी बढ़ाती है। किसी हादसे या बड़े आघात से लगे सदमे से उबारती है। डे-ड्रीमिंग से इंसान कुछ देर के लिए खुद को भुलावे में रख पाता है। इससे कई चीजें भुलाने में मदद मिलती है।
- यूपी के अलीगढ़ में युवक ने की ममेरी बहन से किया निकाह, पहली बीबी को तीन तलाक़ देकर घर से निकाला, केस दर्ज - April 24, 2025
- See the World Clearly with Laser Refractive Surgery – A Guide to Life Beyond Glasses - April 24, 2025
- Vedanta to Train 80 More Budding Archers in Odisha’s Kalahandi, Olympian Rahul Banerjee to Mentor - April 24, 2025