लॉकडाउन जैसे संकटकाल में भी हम अवसर ढूंढें और आत्मनिर्भर बन जाएं तो मेक इन इंडिया की क्षमता दुनिया देखेगी
Lucknow (Capital of UP, India)। उत्तर प्रदेश के एमएसएमई और निर्यात प्रोत्साहन मंत्री चौधरी उदयभान सिंह ने कहा है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा घोषित आर्थिक पैकेज देश की अर्थव्यस्वस्था को पुनः पटरी पर ले आएगा। एमएसएमई उद्योगों को तीन लाख रुपये का ऋण बिना किसी गारंटी के देने की घोषणा की गई है। साथ ही 100 श्रमिकों को लेकर काम करने वाली इकाइयों के स्टाफ का शत प्रतिशत पीएफ सरकार जमा करेगी। ऐसी व्यवस्था की गई है कि मध्यम को लघु और लघु को सूक्ष्म इकाई का दर्जा दिया गया है, जिसका बहुत बड़ा लाभ होगा।
चौधरी उदयभान सिंह ने कहा कि मैं गर्व के साथ कह सकता हूं कि देश का नौजवान सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम और खादी उद्योग पर नजर लगाए बैठा है। विश्वकर्मा श्रम सम्मान, एक जनपद-एक उत्पाद, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना आदि के सहारे हम गांव से चलक प्रदेश को मजबूत बनाएंगे। 20 लाख करोड़ का आर्थिक पैकेज इसी दिशा में बड़ा कदम है। लॉकडाउन जैसे संकटकाल में भी हम अवसर ढूंढें और आत्मनिर्भर बन जाएं तो मेक इन इंडिया की क्षमता दुनिया देखेगी। कारीगरों और बेरोजगारों को मालिक बनाने की तर्ज पर भूमि, भवन, प्रशिक्षण, पूंजी, श्रमशक्ति, कच्चामाल, सूचना प्रौद्योगिकी और लॉजिस्टिक ट्रांसपोर्टेशन को बढ़ावा मिलेगा। गांव के बाजार को जोड़कर विश्व के धरातल पर ले जाने की शुरुआत इसी पैकेज से होगी। बेरोजगार रोजगार पाकर अन्य लोगों को रोजगार देना शुरू कर देगा। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग देश की आर्थिक ढांचे की रीढ़ की हड्डी है।

वे कहते हैं- एमएमएमई मंत्री होने के नाते मेरी कोशिश है कि आगरा को उद्योग जगत में जाना जाए, गांव आत्मनिर्भर बन सकें, प्रत्येक नौजवान के हाथ में काम हो। ताज ट्रेपिजयम जोन (टीटीजेड) में होने के कारण आगरा ने बहुत कुछ खोया है। प्रयास है कि आगरा-ग्वालियर रोड पर डिफेंस कॉरीडोर आधारित एक उद्योग कॉरीडोर बने। यह सपना जरूर साकार होगा। उत्तर प्रदेश के आगरा में हस्तशिल्प, एटा में घुंघरू, घंटी, फिरोजाबाद मे कांच, वाराणसी का जरी जरदोजी, फतेहपुर सीकरी का दरी-गलीची, आगरा का पेठा की पहचान विश्वस्तर पर हो, यह सरकार का प्रयास है। इसके लिए मेरा मंत्रालय गंभीरता के साथ काम कर रहा है।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक जनपद-एक उत्पाद को आर्थिक ढांचे की धुरी बनाया है। इसे धरातल व्यवहार में लाने की कोशिश की जा रही है। जनपद ही नहीं, प्रत्येक गांव किसी न किसी उत्पाद में विशेषज्ञता रखता है। इस आधार पर प्रत्येक जनपद को उसकी विशेषज्ञता के आधार पर सरकार के संसाधनों से संसाधित करके खड़ा करना है। आगरा में जूता और पत्थर की मीनाकारी विश्व विख्यात है। ताजमहल, फतेहपुर सीकरी, एत्माउद्दौला, दयालबाग आदि इसके उदाहरण हैं। यहां पत्थर आज भी बोलते प्रतीत होते हैं। आगरा का निवासी होने के नाते पाया है कि हम अपने उत्पाद को विश्वस्तरीय ब्रांड में नहीं बदल पाए हैं। मुझे आगरा के उत्पादों को विश्व बाजार में स्थापित करना है।
चौधरी उदयभान सिंह ने कहा- गांव का रोजगार गांव में ही जन्म लेगा और वहीं पनपेगा। फिर ब्रांड बनाकर प्रदेश, देश और विश्व के बाजार में अपनी पहचान बनाएगा तो मेक इन इंडिया का सपना साकार होगा। माटी जीवन की धुरी है। माटी को रोजगार का आधार बनाने के लिए यूपी सरकार ने माटी कला बोर्ड का गठन किया है। इससे प्रदूषणमुक्त रोजगार का सृजन हो रहा है। साथ ही माटी से जुड़े कारीगरों की कला को जीवंत रखने का सार्थक प्रयास है।