सचदेवा मिलेनियम स्कूल में हुआ आयोजन, तालियों से गूंजता रहा सभागार, पांच हस्तियों का सम्मान
प्रसिद्ध कविता ‘हिन्दू तन मन हिन्दू जीवन रग रग हिन्दू मेरा परिचय’ सुनकर हर कोई मंत्रमुग्ध हो उठा
Agra, Uttar Pradesh, India. सचदेवा मिलेनियम स्कूल में आज शानदार महफिल सजी। प्रख्यात गायक सुधीर नारायण ने अटल बिहारी वाजपेयी की कविताओं से ऐसा समां बांधा का हर कई रोमांचित हो उठा। सैकड़ों विद्यार्थी ताल से ताल मिलाते रहे। बार-बार तालियां बजाते रहे। विद्यार्थियों को सीख दी गई कि वे अटल जी कविताओं से सीख सकते हैं निराशा के भँवर से कैसे उबरा जाए। इस कार्यक्रम को कराने के लिए अटल गीत गंगा समिति के अध्यक्ष अशोक चौबे एडवोकेट और सीए राजेन्द्र सचदेवा को बहुत बड़ा धन्यवाद दिया जाना चाहिए। अशोक चौबे धन्यवाद के पात्र इसलिए भी हैं कि उन्होंने अटल गीत गंगा का यह 11वां संस्करण कराया है। हर वर्ष यह विशाल स्वरूप ग्रहण करता जा रहा है। वे थकते नहीं है। हर बार नई ऊर्जा लेकर आते हैं।
गूंजी हिन्दी विश्व में, स्वप्न हुआ साकार
सूर्यकान्त त्रिपाठी (निराला) द्वारा रचित सरस्वती वंदना वर दे वीणा वादिनी से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। गीत नहीं गाता हूं… गीत नया गाता हूं… गीत ने आशा का ऐसा संचार किया कि सभागार में बैठे सैकड़ों विद्यार्थी तालियों की गड़गड़ाहट की। आशा-निराशा के भंवर से निकलने की सीख के साथ हमेशा ऊर्जावान रहने का संदेश भी दिया। गूंजी हिन्दी विश्व में, स्वप्न हुआ साकार, संयुक्त राष्ट्र के मंच से हिन्दी की जयकार.. गीत ने देशभक्ति की लहर के जोश से भर दिया। ठन गई मौत से ठन गई… गीत ने जीवन जीने की कला सिखाई। कार्यक्रम का समापन प्रसिद्ध कविता के साथ हुआ। बोल हैं- हिन्दू तन मन हिन्दू जीवन रग रग हिन्दू मेरा परिचय…। इस कविता को सुधीर नारायण ने जोश और लय के साथ इस तरह प्रस्तुत किया कि हर रोई रोमांचित हो उठा।

25 दिसम्बर को बटेश्वर में कार्यक्रम
अतिथियों का स्वागत कार्यक्रम संयोजक अशोक चौबे ने किया। उन्होंने कहा कि पहला अटल गीत गंगा कार्यक्रम होटल ग्रांड में हुआ था। तब से निरंतर जारी है। अटल जी के जन्मदिवस पर यह कार्यक्रम उत्तर प्रदेश सरकार बटेश्वर में करवा रही है।
अटल जी अपने सिद्धांतों से कभी नहीं डिगे
विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल ने इस मौके पर कहा कि अटल जी ने राष्ट्रभक्ति के मूल्यों को राजनीति में स्थापित किया। अपने कवि जीवन से उन्होंने नई पीढ़ी के लोगों का मार्गदर्शन किया गया। उनकी कविता सदैव जीवित रहेंगी। कहा जाता है कि कविता कभी मरती नहीं लेकिन राम जन्मभूमि और कश्मीर पर लिखी कविताएं मर चुकी हैं। अटल जी की कविताएं अमर हैं। एमएलसी विजय शिवहरे ने कहा कि अटल जी अपने सिद्धांतों से कभी नहीं डिगे, इसीलिए सिर्फ एक वोट के कारण उनकी सरकार गिर गई। उद्यमी पूरन डावर ने अटल बिहारी वाजपेयी के बारे में संस्मरण सुनाए। कहा कि अटल जी अजातशत्रु थे। उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की सदस्य निर्मला दीक्षित, भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश उपाध्यक्ष बबिता चौहान, उद्यमी डॉ. रंजना बंसल ने भी विचार रखे।

इन्हें मिला अटल सम्मान
इस अवसर पर शहर के विभिन्न क्षेत्रों के प्रख्यात पांच लोगों को अटल सम्मान से सम्मानित किया गया। साहित्यकार पं. शिव कुमार शर्मा, पिंक बेल्ट मिशन की अपर्णा राजावत, पार्श्व गायक सुधीर नारायण, पर्यावरणविद् डॉ. मुकुल पाण्ड्या, साहित्यकार लक्ष्मी नारायण गुप्त को स्मृति चिन्ह व शॉल ओढ़ाकर अटल सम्मान से सम्मानित किया गया।
दीप प्रज्ज्वलन के साथ शुभारंभ
अटल गीत गंगा कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि सिटी मजिस्ट्रेट आनन्द कुमार, जाने-माने उद्यमी पूरन डावर, सचदेवा मिलेनियम स्कूल के निदेशक सीए राजेन्द्र सचदेवा, निर्मला दीक्षित, अशोक चौबे, ओसवाल बुक्स के नरेश जैन, आदि ने अटल जी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया।

25 दिसम्बर का महत्व
आभार प्रकट करते हुए राजेन्द्र सचदेवा ने कहा कि 25 दिसम्बर का महत्व सिर्फ क्रिसमस के कारण नहीं है। 25 दिसम्बर को भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी का जन्मदिवस है। 25 दिसम्बर से दिन बड़े होने शुरू होते हैं। उन्होंने छात्रों का आह्वान किया कि अटल जी के जीवन से सीख लें। भारतीय संस्कृति और संस्कारों को अपने जीवन में उतारें।

उल्लेखनीय उपस्थिति
इस अवसर पर एसडीएम दीपक पाल, पूर्व विधायक महेश गोयल, बांकेलाल, दीपक चतुर्वेदी, एसडी शर्मा, चौ. यशपाल, संजीव यादव, कैलाश कुमार जैन, संजीव भारद्वाज, सहदेव शर्मा, रामकुमार शर्मा, नवीन गौतम, श्रीमती दीपिका लाल, किशन अग्रवाल, देवेन्द्र सिंह बैराठ (दीपू भाई), रवि चौबे, गौरी शंकर उपाध्याय, डी एस शर्मा, मनोज बघेल, राहुल राज, ओम प्रकाश धाकड़, डॉ. देवी सिंह नरवार, महेश धाकड़, अजय कुमार शर्मा, बृजेश शर्मा, डॉ. भानु प्रताप सिंह, राजेश उपाध्याय आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन सुशील सरित ने किया।

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