पुण्‍यतिथि विशेष: साहित्यकार पद्म भूषण करतार सिंह दुग्‍गल

साहित्य


पंजाबी, हिंदी और उर्दू भाषा में लिखने वाले प्रसिद्ध साहित्यकार करतार सिंह दुग्गल की आज पुण्‍यतिथि है। 1 मार्च 1917 को अविभाजित भारत के रावलपिंडी (अब पाकिस्तान) में जन्‍मे करतार सिंह दुग्गल की मृत्‍यु 26 जनवरी 2012 के दिन दिल्‍ली में हुई।
करतार सिंह दुग्गल ने पंजाबी, उर्दू, हिन्दी और अंग्रेज़ी भाषा में लघु कथाएँ, उपन्यास, नाटकों की रचनाएँ की। इनकी रचनाओं का भारतीय और विदेशी भाषाओं में अनुवाद भी हुआ है। करतार सिंह दुग्गल को सन् 1988 में भारत सरकार द्वारा साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। उन्‍हें साहित्य अकादमी सम्मान सहित कई अन्‍य सम्मानों से भी नवाजा गया। करतार सिंह के साहित्य को जानने वाले लोग इन्हें एक माहिर फ़नकार के तौर पर याद करते हैं। दिल्ली पंजाबी साहित्य अकादमी के सचिव रवैल सिंह करतार सिंह दुग्गल को पंजाबी लेखकों में पहली पंक्ति का सिपाही मानते हैं। रवैल सिंह दुग्गल को गुरु ग्रंथ साहब के नए काव्य संस्करण के लिए भी याद करते हैं।
उन्होंने 1942 से 1966 तक आकाशवाणी में केंद्र निदेशक समेत विभिन्न पदों पर काम किया और इस दौरान उन्होंने आकाशवाणी के लिये पंजाबी समेत दूसरी भाषाओं में कई नाटक और कहानियाँ लिखीं। 1966-73 में करतार सिंह दुग्गल नेशनल बुक ट्रस्ट के निदेशक पद पर थे और 1973 से 1976 तक सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में बतौर सलाहकार उन्होंने अपनी सेवाएं दीं।
करतार सिंह दुग्गल की कविता एवं कहानियों के कुल 24 संग्रह प्रकाशित हुए। इसके अलावा उन्होंने 10 उपन्यास और 7 नाटक भी साहित्य संसार को सौंपे। इनकी कई कहानियों के भारतीय-विदेशी भाषाओं में अनुवाद हुए और सैकड़ों संग्रह प्रकाशित हुए। करतार सिंह के दो कविता संग्रह और एक आत्मकथा भी पाठकों तक पहुँची। उनकी पुस्तकें कई विश्वविद्यालयों में पाठ्यक्रम का हिस्सा बनीं।
लोकप्रिय रचनाएँ
1- हाल मुरीदों का
2- ऊपर की मंजिल
3- इंसानियत
4- मिट्टी मुसलमान की
5- चील और चट्टान
6- तुषार कण
7- सरबत्त दा भला
-Legend News

Dr. Bhanu Pratap Singh